सदियों का इतिहास, सैकड़ों ऐतिहासिक स्थल, टूरिज्म में पीछे क्यों बिहार?
बिहार, एतिहासिक रूप से सबसे समृद्ध प्रांतों में से एक है। बिहार प्राकृतिक रूप से भी संपन्न है। सब होने के बाद भी बिहार पर्यटन में इतना पीछे क्यों हैं, चुनौतियां क्या हैं, आइए समझते हैं।

कैमूर की पहाड़ियां। (Photo Credit: Bihar Tourism)
नेटफ्लिक्स पर साल 2022 में एक वेब सीरीज आई थी, 'खाकी द बिहार चैप्टर।' वेब सीरीज का एक गाना बेहद सुर्खियों में रहा, 'ठोक देंगे कट्टा कपार में, आइए ना हमरा बिहार में।' गाने में बिहार के अपराध पर कटाक्ष किया गया है। बिहार जब कोई घूमने की बात भी करता है तो सबसे पहले लोग तंज भरे सवाल करते हैं, मीम दिखाने लगते हैं। क्या बिहार ऐसा ही है, क्या बिहार में घूमने लायक कुछ भी नहीं है? क्या बिहार में पर्यटन की संभावनाएं नहीं हैं। अगर आप यह सोच रहे हैं तो एक अरसे तक, भारत के सबसे बड़े और मजबूत साम्राज्य के इतिहास से आप अंजान हैं।
बिहार वह जमीन है, जहां से लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था और गणराज्य की संकल्पना आई है। बिहार के इतिहास में रामायण है, महाभारत है, पौराणिक किस्से हैं, सीता से बुद्ध तक की तपस्थली रही है। देश का यह हिस्सा कभी मगध, अंग और वज्जि जैसे महाजनपदों के गौरवशाली इतिहास का साक्षी था।
प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों में मगध, अंग और वज्जि बिहार में ही थे। बिहार के मगध साम्राज्य पर चन्द्रगुप्त मौर्य, बिन्दुसार, अशोक, दशरथ, सम्प्रति, शालिसुक, देववर्मन्, शतधन्वन और बृहद्रथ जैसे राजाओं ने राज किया है। भगवान बुद्ध और महावीर ने अपने जीवन का एक हिस्सा यहां भी बिताया है। गया वह धरती है जहां बुद्ध को ज्ञान मिला, यहां महावीर भी जन्मे। ऐतिहासिक स्तूपों, धरोहरों और प्राकृतिक संपदाओं का केंद्र होने के बाद भी बिहार का पर्यटन, देश के अन्य राज्यों की तुलना में हाशिए पर रहा है।
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पर्यटन की बात क्यों?
भोजपुरी फिल्मों के चर्चित अभिनेता खेसारी लाल यादव इन दिनों सरकार को बिहार के पर्यटन की याद दिला रहे हैं। उनका कहना है कि बिहार में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, बिहार का पर्यटन हाशिए पर क्यों हैं। वह सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि सरकार पर्यटन के फलने-फूलने लायक माहौल बनाए, पर्यटन के अवसर मुहैया कराए तो बिहार भी दूसरे राज्यों की तरह बिहार भी प्रदर्शन कर सकता है। बिहार के नेता विपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल की ओर से मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव भी खेसारी से सहमति जता रहे हैं। अब लोग बिहार में पर्यटन के हाल पर बात भी कर रहे हैं।

बिहार के पर्यटन पर एक नजर
बिहार सरकार के वित्त विभाग ने साल 2024-25 के लिए किए गए इकोनॉमिक सर्वे में पर्यटन को लेकर बहुत आशा जताई है। बिहार सरकार ने पर्यटकों के आने से लेकर बजट तक पर विस्तार से रिपोर्ट जारी की।
बिहार सरकार ने अपने इकोनॉमिक सर्वे में कहा कि साल 2023 में बिहार में करीब 8 करोड़ 21 लाख पर्यटक आए थे। 8 करोड़ पर्यटक भारतीय थे और 5 लाख पर्यटक विदेशी थे। साल 2020 और 2021 में महामारी की वजह से पर्यटकों की संख्या बहुत कम हो गई थी।
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पर्यटन पर सरकार का खर्च कितना है?
2023-24 में पर्यटन विभाग के लिए बिहार सरकार ने 339.15 करोड़ रुपये का बजट तय किया था। बजट में से 328.03 करोड़ रुपये खर्च किए गए। करीब 96.72% फंड का खर्च हुआ है। बीते कुछ वर्षों की तुलना में 2023-24 में फंड का उपयोग बहुत बेहतर हुआ। उदाहरण के लिए, 2019-20 में केवल 30.10% बजट खर्च हुआ था। राज्य सरकार ने अलग-अलग परियोजनाओं के लिए 494.71 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।
बिहार में पर्यटकों को लाने के लिए क्या किया जा रहा है?
- गया: धार्मिक पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है। बौद्ध और हिंदू धर्म के लिए खास है। यहां धर्मशाला के लिए 120.16 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य सरकार ने रखा है। गया में विष्णुपद मंदिर के लिए रास्ता और बस डिपो के लिए 61.97 करोड़ रुपये खर्च करने का सरकार ने लक्ष्य रखा है।
- सीतामढ़ी: यहां पुनौरा धाम है। ऐसी मान्यता है कि यह सीता की जन्मस्थली है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, राजा जनक को यहीं भूमि जोतते समय सोने की घड़ी में सीता जी मिली थीं। यहां के विकास के लिए सरकार ने 72.47 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा है।
- सीतामढ़ी में होटल जानकी विहार के लिए 29.87 करोड़ रुपये, सुपौल में सर्विस प्लाजा और मोटल के लिए 29.54 करोड़ रुपये, और पटना में बिहार पर्यटन विकास निगम के कार्यालय भवन के लिए 28.87 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है।

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इको टूरिज्म के लिए क्या कर रहा है बिहार?
इको-टूरिज्म के लिए सरकार ने अलग डिवीजन बनाया गया है। 2023-24 में इसके लिए 100 करोड़ रुपये का बजट था, जिसमें से 87.2 करोड़ रुपये पार्क विकास के लिए थे। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व, राजगीर जू सफारी और कैमूर वन्यजीव अभयारण्य पर्यटकों को लुभाते रहे हैं।

बिहार के कौन से पर्यटन स्थल चर्चा में हैं?
बिहार का राजगीर जिला, पर्यटन के लिहाज से अब चर्चा में आ रहा है। यहां नेचर सफारी, वेणु वन और घोड़ा कटोरा पर्यटकों को पसंद आ रहा है। 2023 से 2024 के बीच यहां करीब 12.56 लाख पर्यटक आए। 2021-22 में यह संख्या सिर्फ 3.06 थी। यहां मुख्यमंत्री नीतश कुमार खुद जा चुके हैं।
बिहार में पर्यटन की चुनौतियां क्या हैं?
बिहार सरकार अपने इकोनॉमिक सर्वे में कह चुकी है पर्यटन में तमाम अवसरों के बाद भी यहां बुनियादी ढाचों की पहुंच नहीं है। नीतीश कुमार सरकार ने साल 2023 में बिहार में पर्यटन के लिए नई नीति तय की थी। लक्ष्य था कि बिहार के पर्यटन को आर्थिक प्रगति से जोड़ दिया जाए। बिहार में कई पर्यटन स्थल ऐसे हैं, जहां तक पहुंचना बेहद मुश्किल है। राहें दुर्गम हैं या नहीं हैं। बिहार सरकार, खुद को पर्यटन राज्य के तौर पर पेश ही नहीं कर पाई है। सरकार मानती है कि पर्यटन के ढांचे में सुधार की जरूरत है। बिहार सरकार अब पर्यटन में निजी निवेश को बढ़ावा दे रही है। सरकार निजी निवेश के लिए ब्याज में छूट दे रही है। सरकार का लक्ष्य है अगर पर्यटन दुरुस्त हुआ तो स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे, स्थानीय अर्थव्यवस्था सुधरेगी।
बिहार की कानून व्यवस्था और पर्यटन स्थलों तक सही ट्रांसपोर्ट, पर्यटन की सबसे बड़ी चुनौती है। बिहार में पर्यटन हाशिए पर इसलिए है क्योंकि बिहार की सुरक्षा व्यवस्था पर आए दिन सवाल उठते हैं। राजधानी पटना हो, समस्तीपुर हो, दरभंगा हो या गया, बिहार में आए दिन आपराधिक घटनाएं सामने आतीं हैं। जिन राज्यों में कानून व्यवस्था बेहतर हालत में है, वहां पर्यटन का स्तर भी सुधरा हुआ है। पर्यटक, तभी आना पसंद करते हैं, जब उन्हें लगता है कि वे, जहां जा रहे हैं, वहां सुरक्षित रहेंगे। बिहार में कानून व्यवस्था, एक दशक में बेहतर हुई है लेकिन अभी और बेहतर होने की जरूरत है। बेहद होटल और ज्यादा निवेश की जरूरत है।
बिहार सरकार सुधार के लिए क्या कर रही है?
सरकार ने अपने इकोनॉमिक सर्वे में कहा है कि अब सरकार पर्यटन की ब्रांडिंग पर काम करेगी। सरकार इसके लिए ब्रांडिंग और मार्केटिंग नीति 2024 बना चुकी है। बिहार के पर्यटन के बारे में लोग कम जानते हैं। भारत में पर्यटन के लिए चर्चित राज्यों की सूची से भी बिहार बाहर है। बिहार सरकार को पर्यटन के क्षेत्र में बेहतर ब्रांडिंग की जरूरत है। यूपी सरकार ने जैसे कुंभ को वर्ल्ड इवेंट बनाया था, बिहार को भी इसी तरह की रणनीति अपनाने की जरूरत है। सोशल मीडिया के लिए भी सरकार नई रणनीति बनाने पर विचार कर रही है। रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट और जैन सर्किट जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों को प्रचारित किया जा रहा है। डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड और भारत के अलग-अलग शहरों में ग्लास पैनल जैसे आधुनिक तरीकों से प्रचार किया जा रहा है। सरकार को ब्रांडिंग सुधारने की जरूरत है।

पर्यटन राज्यों की सूची में कहां खड़ा है बिहार?
साल 2023 में ही पर्यटन विभाग की ओर से जारी आकंड़े बताते है कि सबसे ज्यादा पर्यटक यूपी में आए थे। यूपी में 47 करोड़ से ज्यादा पर्यटक आए थे। तमिलनाडु में 28 करोड़, कर्नाटक में 25 करोड़, आंध्र प्रदेश में 28 करोड़, महाराष्ट्र में 19 करोड़ और मध्य प्रदेश में करीब 17 करोड़ पर्यटक आए थे। तेलंगाना में 16 करोड़, राजस्थान में 14, गुजरात में 11 लाख और पश्चिम बंगाल में 81 लाख पर्यटकों ने दस्तक दी थी। बिहार टॉप 10 राज्यों की लिस्ट से बाहर था। बिहार में 8 करोड़ पर्यटक आए थे। पर्यटन के लिए उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गोवा और पूर्वोत्तर के राज्यों में जाते हैं। धार्मिक पर्यटन के लिए उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और दक्षिण भारत के राज्य विख्यात हैं। पर्यटन से कमाई करने वाले टॉप 10 राज्यों की लिस्ट से भी बिहार बाहर है।

बिहार में घूमने लायक क्या है?
- राजगीर: नालंदा जिले का हिस्सा है। राजगीर के जंगलों में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। बौद्ध और जैन धर्म से जुड़े कई तीर्थस्थल हैं। यहां खूबसूरत झरने हैं, सुंदर पहाड़ियां और गुफाएं हैं। राजगीर वन्यजीव अभयारण्य करीब 35.84 वर्ग किलोमीटर में फैला है। यहां हाथी, तेंदुआ, जंगली कुत्ते, हिरण, जंगली सुअर और पक्षी प्रजातियां पाई जाती हैं। नेचर सफारी, ग्लास स्काईवॉक ब्रिज, जिपलाइनिंग, स्काई बाइकिंग और जंगल ट्रेल्स देखने लोग आते हैं। सरकार राजगीर महोत्सव भी कराती है।
- रोहतास: रोहतास पौराणिक काल से ही चर्चा में रहा है। यहां कैमूर की पहाड़ियां बेहद खूबसूरत हैं। बांदू का शिवलिंग, गुप्ता धाम, वृहत्पाषाणिक समाधियां देखने लोग दूर-दूर से आते हैं। यहां की धूपघड़ी दुनियाभर में मशहूर है। चौरासन मंदिर और कमरचट बांध भी बेहद खूबसूरत है। कैमूर की पहाड़ियों में ही धुआं कुंड भी है, जो सुंदर झरना है, जिसे देखने लोग आते हैं।
कैमूर की पाड़ियां। (Photo Credit: Bihar Toursim) - बराबर की गुफाएं: बिहार के जहानाबाद जिले में मौर्य काल की प्राचीन गुफाएं हैं। यहीं सम्राट अशोक के शिलालेख हैं। ये गुफाएं नागार्जुनी की पहाड़ियों में हैं। गुफाओं को तराशा गया है। चट्टानों को काटकर इन्हें तैयार किया गया है। इन गुफाओं में जैन आजीविक संप्रदाय के लोग रहते थे। मक्खलि गोसाल इस संप्रदाय के संस्थापक थे। चट्टानों पर बौद्ध और हिंदू संरंचनाएं भी खूब मिलती हैं। यहां कर्ण चौपड, लोमस ऋषि, सुदमा की गुफाएं हैं।
बराबर की गुफाएं (Photo Credit: Bihar Toursim) - पूर्वी चंपारण: बिहार का ऐतिहासिक जिला है। यह नेपाल की सीमा से सटा हुआ है। यहां दुनिया का सबसे बड़ा बौद्ध स्तूप है। केसरिया स्तूप को देखने दुनियाभर से लोग आते हैं। यह स्तूप तीसरी शताब्दी के आसपास बना है। चंपारण सत्याग्रह पार्क और गांधी संग्रहालय आजादी की लड़ाई से जुड़े हुए प्रतीक हैं। आरेराज में ही सोमेश्वर शिव मंदिर है जो सुर्खियों में रहता है। यहां वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान है। गायत्री मंदिर और सीताकुंड जैसे धार्मिक स्थल भी हैं।
केसरिया स्तूप। (Photo Credit: Bihar Toursim) - बोधगया: महाबोधि मंदिर, बोधि वृक्ष, विष्णुपद मंदिर। देश-दुनिया से बौद्ध पर्यटक इन स्थलों को देखने आते हैं। गया में हिंदू तीर्थयात्री भी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। इतिहास के विद्यार्थियों के लिए यह शहर हमेशा से चर्चा में रहा है।
- नालंदा: यह ऐतिहासिक नगरी है। यहां प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर और बौद्ध स्तूप आज भी मौजूद हैं। दुनियाभर से लोग यहां आते हैं।
नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष। (Photo Credit: Bihar Toursim) - वैशाली: प्राचीन वज्जि महाजनपद की राजधानी थी। यह मगध कालीन बिहार का सबसे चर्चित महाजनपद रहा है। यह भगवान महावीर की जन्मस्थली रही है। यहां कुंडग्राम भी है। यहां कई धार्मिक स्थल हैं।
- भागलपुर: सिल्क की साड़ियां दुनियाभर में मशहूर हैं। भागलपुरी सिल्क का क्रेज भी तेजी से बढ़ रहा है। यहां प्राचीन विक्रमशिला विश्वविद्यालय के खंडहर हैं। कई एतिहासिक स्थल हैं।
- मुंगेर: धार्मिक पर्यटन के लिए यह इलाका जाना जाता है। यहां प्राचीन सीताकुंड है, कृष्ण वाटिका जैसे मंदिर हैं। कई धार्मिक स्थल हैं, जहां लोग आते हैं।
- मधुबनी: जिस मधुबनी पेंटिंग की कलाकृतियां दुनियाभर में बिक रही हैं, यहीं से उसकी शुरुआत हुई थी। यहां घर-घर कलाकार हैं।

बिहार में घूमने के लिए क्या करें?
बिहार में अब सरकार ने पर्यटन के लिए नई पहल की है। हाल ही में सरकार ने www.tourism.bihar.gov.in लॉन्च किया है, जहां बिहार के सभी पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी आपको मिल सकती है। बिहार सरकार के पर्यटन विभाग ने हाल के दिनों में पर्यटन पर ज्यादा जोर दिया है।
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