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बारिश से चमोली में फटे बादल, कीचड़ में बहे घर; स्कूलों की छुट्टी

उत्तराखंड के चमोली जिले में बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने यहां के लोगों को बुरी तरह से प्रभावित किया है। निचे से लेकर ऊंचे पहाड़ों पर जोरदार बारिश हुई, जिसमें ऊपरी इलाकों से पानी का सैलाब बहकर आ गया।

Chamoli rain

फाइल फोटो। Photo Credit- ANI

उत्तराखंड के चमोली जिले में बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने यहां के लोगों को बुरी तरह से प्रभावित किया है। निचे से लेकर ऊंचे पहाड़ों पर जोरदार बारिश हुई, जिसमें ऊपरी इलाकों से पानी का सैलाब बहकर आ गया। सैलाब ने रास्ते में जो आया उसे बहाकर ले गया। चमोली में इस समय जनजीवन अस्त-व्यस्त है। बदरीनाथ हाईवे उमट्टा में पहाड़ से मलबा आने के चलते बाधित है, तो ज्योतिर्मठ क्षेत्र में 66 केवी की विद्युत लाइन पर फॉल्ट आने से जिले में बिजली सप्लाई रात से ही ठप है। जेसीबी मशीनें टूटी हुई सड़कों से मलबा हटाकर आवागमन सामान्य करने की कोशिश कर रही हैं।

 

भारी बारिश के चलते केदारनाथ यात्रा रोक दी गई है। सिवाई गांव में भारी बारिश के कारण सड़कें टूट गईं और किसानों की खेत में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं। इस बीच, देहरादून के मौसम विज्ञान केंद्र ने टिहरी, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग जिलों के लिए अगले 24 घंटे के दौरान भारी से बहुत भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है। वहीं भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेंक्षण विभाग ने चार जिलों—टिहरी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली में भूस्खलन की चेतावनी जारी करते हुए इसके मद्देनजर सावधानी बरतने की सलाह दी है।

भूस्खलन की चेतावनी

मौसम विभाग के भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी को देखते हुए चमोली के सरकारी, अर्द्धसरकारी स्कूलों में आज छुट्टी घोषित कर दी गई है। वहीं, चमोली के डीएम संदीप तिवारी ने बताया है कि पिटकुल की 66 केवी की विद्युत लाइन में फॉल्ट आने से ज्योतिर्मठ क्षेत्र में बिजली सप्लाई बाधित है।

 

 

उन्होंने कहा कि फॉल्ट को ठीक करने के प्रयास किए जा रहे हैं। बदरीनाथ हाईवे पर सोमवार सुबह नंदप्रयाग के पर्थाडीप में मलबा आने से हाईवे बंद हो गया है। सरकारी कर्मचारी उमट्टा में मलबा हटाने का काम कर रहे हैं। वहीं, केदारनाथ जा रहे यात्रियों को एहतियातन सोनप्रयाग और गौरीकुंड में रोक दिया गया है।

राधा देवी ने सुनाई व्यथा

बारिश में कई लोगों के घरों को भी नुकसान पहुंचा है। चमोली के सिवाई गांव की रहने वाली राधा देवी ने एएनआई को बताया, 'मेरी स्थिति ठीक नहीं है और अब आप मेरे घर की स्थिति देख सकते हैं। मैं संबंधित अधिकारियों के पास भी गई और उनसे सुरक्षा के लिए दीवार बनाने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने दीवार नहीं बनाई। किसी ने मेरा साथ नहीं दिया। सुबह जब सैलाब आया को तो सारे पेड़-पौधे मेरे घर पर आकर गिर गए। अगर रात को भी बारिश हुई, तो कल तक घर नहीं बचेगा।'

 

सीएम ने किया हवाई दौरा

वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को बारिश, भूस्खलन और बादल फटने की मार झेलने वाले जिलों का हवाई दौरा किया। सीएम धामी ने अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों की वास्तविक स्थिति का आंकलन करते हुए राहत एवं बचाव कार्यों की पुनः समीक्षा किए जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस संकट की घड़ी में प्रत्येक प्रभावित नागरिक के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने कहा कि राहत कार्यों में तेजी और प्रभावशीलता लाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि जरूरतमंदों को समय पर सहायता मिल सके।

 

बता दें कि पिछले रविवार को उत्तरकाशी जिले के बड़कोट क्षेत्र में सिलाई बैंड के पास बादल फटने से निर्माणाधीन होटल में कार्यरत दो मजदूरों की मौत हो गई थी जबकि सात अन्य लापता हो गए थे। इसी के बाद से यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग सिलाई बैंड और ओजरी में बाधित है, जिसकी वजह से यात्रा बंद हो गई है।

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