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साइबर ठगों ने DSP को दिया फर्जी लोन का ऑफर, पहुंच गए जेल!

डिजिटल फ्रॉल, बैंक लोन और ओटीपी फ्रॉड का शिकार आम लोग ही नहीं, पुलिस अधिकारी भी होते हैं। क्या हुआ जब साइबर ठगों का पाला साइबर पुलिस से ही पड़ गया। आगे क्या हुआ, खबर में जानिए।

DSP Priya Jyoti

डीएसपी प्रिया ज्योति को ही साइबर ठगों ने कॉल कर दिया। (तस्वीर- फेसबुक, प्रिया ज्योति)

इंटरनेट पर सक्रिय साइबर ठगों के निशाने पर अब आम आदमी ही नहीं साइबर क्राइम पुलिस भी है। बिहार के नवादा जिले में साइबर डीएसपी प्रिया ज्योति को ही साइबर ठगों ने ठगने की कोशिश की है। साइबर ठगों ने डीएसपी प्रिया ज्योति से कहा कि वे उन्हें लोन देना चाहते हैं।

साइबर ठग इस बात से बेखबर थे कि जिसे वे ऑफर दे रहे हैं, वह खुद साइबर क्राइम पुलिस को लीड कर रही हैं। साइबर ठग ऐसे फंसे कि उनके पूरे सिंडिकेट को ही पुलिस ने धर दबोचा। पुलिस ने 9 ठगों को पकड़ा है और अब उनके पूरे गिरोह की तलाश की जा रही है। 

DSP को ही लगा दी कॉल
नवादा पुलिस के एसपी अभिनव दीवान ने साइबर ठगों के पकड़े जाने की पूरी कहानी बताई है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कॉल करने वाले ने बताया कि वह बजाज फाइनेंस से बात कर रहा है, वह 5 लाख रुपये का लोन दिलाएगा। ब्याज दरें बेहद कम होंगी। 

फोन करने वाले शख्स ने आधार कार्ड, पैन कार्ड और दूसरी गोपनीय जानकारियां मांगी थी। पुलिस को शक हुआ तो टीम बनाई गई और कॉल लोकेशन ट्रेस की जाने लगी। 

पुलिस अधीक्षक अभिनव दीवान ने कहा है कि साइबर अपराधी सस्ते ब्याज दर लोन का ऑफर दे रहे थे। वे कभी खुद को बजाज फाइनेंस का बताते, कभी रिलायंस फाइनेंस का। पुलिस ने लोकेशन ट्रेस की तो पता चला कि चकवाय इलाके से कॉल किया जा रहा था। 

साइबर ठगों के पास से क्या मिला?
पुलिस ने इस केस में अलग-अलग 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उनकी पहचान भी सार्वजनिक कर दी है। पकड़े गए लोगों के पास से 19 मोबाइल फोन, 1 कार, 2 बाइक, 2 आधार कार्ड, 2 पासबुक, 1 पैन कार्ड, 1 वोटर कार्ड और कई सिम कार्ड बरामद किया है।  


आपके पास कॉल आए तो क्या करें?
सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता और साइबर लॉ की एक्सपर्ट एडवोकेट रुपाली पंवार बताती हैं साइबर फ्रॉड में जरा सी लापरवाही आपको कंगाल कर सकती है। बैंक सीधे फोन करके किसी को ऐसे ऑफर नहीं देता है। बैंक के पास पहले से आपका आधार कार्ड और पैन कार्ड का विवरण होता है। ऐसे फोन ट्रू कॉलर पर आमतौर पर पहले ही स्पैम के तौर पर दर्ज होते हैं। उन्हें आप आसानी से पहचान सकते हैं। आइए जानते हैं साइबर फ्रॉड से बचने के लिए क्या करना चाहिए- 

-  संदेश और ट्रू कॉलर जैसे ऐप पर अगर नंबर स्पैम में लिस्टेड तो इसे रिसीव न करें, उन्हें रिजेक्ट कर दें। 
- किसी को भी फोन पर गोपनीय जानकारियां न दें।
- फोन पर पासवर्ड, पिन डीटेल्स किसी को न बताएं।
- किसी अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
- किसी भी अनजान लिंक पर अपने गोपनीय दस्तावेजों को न अपलोड करें।
- अगर आपके साथ साइबर ठगी हुई है तो तत्काल इसकी सूचना साइबर पुलिस को दें।

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