दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता पर केंद्रीय समिति (CAQM) ने पुराने (एंड-ऑफ-लाइफ या EOL) वाहनों पर ईंधन प्रतिबंध को 1 नवंबर तक टालने का फैसला किया है। मीडिया में छपी खबरों के अनुसार, EOL वाहनों में 10 साल से पुराने डीजल वाहन और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहन शामिल हैं।
CAQM के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया, 'निर्देश 89 में बदलाव किया जाएगा। दिल्ली में पुराने वाहनों के खिलाफ अभियान अब 1 नवंबर से शुरू होगा, साथ ही एनसीआर के पांच जिलों में भी लागू होगा।' इन जिलों में गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर और सोनीपत शामिल हैं।
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1 जुलाई से होना था लागू
पहले CAQM ने आदेश दिया था कि 1 जुलाई से दिल्ली में ऐसे वाहनों को ईंधन नहीं दिया जाएगा, चाहे वे कहीं भी रजिस्टर्ड हों। लेकिन दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने पिछले हफ्ते CAQM को पत्र लिखकर इस कार्रवाई को टालने की मांग की थी। उन्होंने इसे 'जल्दबाजी और संभावित रूप से नुकसानदायक' बताया, क्योंकि इसमें कई व्यावहारिक और बुनियादी समस्याएं थीं।
CAQM ने इस मुद्दे की समीक्षा की और निर्देश लागू करने की तारीख को टालने का फैसला किया। अब यह अभियान 1 नवंबर से दिल्ली और पांच आसपास के जिलों में शुरू होगा।
जब्त या स्क्रैप किया जा सकता है वाहन
दिल्ली के पेट्रोल पंपों पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए गए हैं, जो EOL वाहनों की पहचान करते हैं। ये कैमरे नंबर प्लेट स्कैन करते हैं और वाहन की जानकारी, जैसे पेट्रोल या डीजल वाहन, उम्र और रजिस्ट्रेशन, VAHAN डेटाबेस से जांचते हैं। अगर वाहन EOL पाया जाता है, तो कर्मचारियों को उसे डीजल या पेट्रोल नहीं देने का निर्देश मिलता है। अगर इसका उल्लंघन किया जाता है तो इसकी सूचना प्रवर्तन एजेंसियों को भेजी जाती है, जो वाहन को जब्त या स्क्रैप कर सकती हैं।
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जनता ने किया था विरोध
यह निर्णय जनता के असंतोष और विरोध के बाद लिया गया, जिसके चलते दिल्ली सरकार ने CAQM से इस अभियान को टालने का अनुरोध किया था। रिपोर्ट के अनुसार, पांच पड़ोसी जिलों में ANPR कैमरे 31 अक्टूबर तक लगाए जाने की उम्मीद है।