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दिल्ली में खतरे के निशान के करीब बह रही यमुना, बाढ़ की आशंका

दिल्ली में यमुना नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। सुबह 9 बजे तक पानी करीब 205.22 मीटर तक पहुंच गया है, यह खतरे के निशान से थोड़ा ही कम है। पढ़ें रिपोर्ट।

Yamuna

यमुना में तिंरगा यात्रा (Photo Credit: Pravesh Singh Verma/X)

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दिल्ली में यमुना नदी का जल स्तर लगातार बारिश और बाढ़ की वजह से बढ़ता जा रहा है। दिल्ली के पुराने रेलवे पुल पर यमुना नदी का जलस्तर शनिवार सुबह करीब नौ बजे 205.22 मीटर तक पहुंच गया। खतरे का निशान 205.33 मीटर है। अगर ऐसे ही जल स्तर बढ़ता रहा तो यह निशान भी पार हो जाएगा जल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है। जल विभाग के अधिकारी अलर्ट पर हैं। 

अधिकारियों को बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए विभाग ने कहा है। केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने कहा, 'जलस्तर बढ़ने की वजह वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे छोड़े जा रहे पानी की अधिक मात्रा है।'

फ्लड कंट्रोल डिपार्टमेंट ने कहा है, 'हर घंटे हथिनीकुंड बैराज से करीब 38,897 क्यूसेक पानी और वजीराबाद बैराज से 45,620 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। शहर के लिए चेतावनी का स्तर 204.50 मीटर है, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर है।

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बाढ़ आने पर क्या होगा?

भााषा की एक रिपोर्ट के मुताबिक जलस्तर 206 मीटर पहुंचते ही निचले इलाकों से लोगों को निकालना शुरू कर दिया जाएगा। बैराज से छोड़े गए पानी को दिल्ली तक पहुंचने में आमतौर पर 48 से 50 घंटे लगते हैं। रेस्क्यू और निचले इलाकों को खाली करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है। 

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दिल्ली में बाढ़ आने की आशंका कितनी है?

गुरुवार दोपहर से नदी में 40,000 से 60,000 क्यूसेक पानी का बहाव देखा जा रहा है। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर यही रफ्तार रहा तो जलस्तर खतरे के निशान को पार कर सकता है। पिछले साल 2023 में, यमुना का जलस्तर 11 जुलाई को 208.66 मीटर तक पहुंच गया था, जब हथनीकुंड से रिकॉर्ड 359,760 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। कई दिनों तक 100,000 क्यूसेक से ज्यादा पानी का बहाव रहा। वहीं, पिछले साल सितंबर में जलस्तर 204.38 मीटर था, जो चेतावनी स्तर से भी कम था।

दिल्ली सरकार सतर्क, बाढ़ से बचाव के इंतजाम पूरे

दिल्ली के जल मंत्री परवेश वर्मा ने पिछले हफ्ते तैयारियों का जायजा लिया था। उनका कहना है कि 2023 जैसी बाढ़ की स्थिति दोबारा होने की संभावना कम है। उन्होंने बताया, 'आईटीओ बैराज के सभी गेट खुले हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की योजना तैयार है। बाढ़ नियंत्रण टीमें, इंजीनियर और राहत कार्यकर्ता 24 घंटे काम कर रहे हैं। सभी बैराज, रेगुलेटर, पंपिंग स्टेशन और ड्रेनेज सिस्टम की निगरानी की जा रही है और बैकअप व्यवस्था भी तैयार है।'

 


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