जम्मू-कश्मीर की चार राज्यसभा सीटों पर शुक्रवार यानी 24 अक्टूबर को चुनाव होगा। नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने सभी चार और बीजेपी ने तीन सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं। एनसी ने गुरुवार को व्हिप जारी करके सभी विधायकों को मतदान वाले दिन मौजूद रहने को कहा है। चुनाव विश्वेषकों का मानना है कि सबकुछ अगर सही रहा तो तीन सीटों पर नेशनल कॉन्फ्रेस और एक पर बीजेपी को जीत मिल सकती है।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कुल 90 सीटे हैं। मौजूदा समय में 88 विधायक हैं। बड़गाम और नगरोटा सीट खाली हैं। यहां 11 नवंबर को उपचुनाव होगा। आप विधायक मेहराज मलिक जन सुरक्षा अधिनियम के तहत बंद हैं। उनका वोट डाल पाना मुश्किल है। ऐसे में विधायकों की कुल संख्या 87 हो जाएगी।
41 विधायकों के साथ नेशनल कॉन्फ्रेंस सबसे बड़ी पार्टी है। इस बीच महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को समर्थन देने का ऐलान किया। अभी तक कांग्रेस ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। अगर एनसी को कांग्रेस के छह, एक सीपीएम और पांच निर्दलीय विधायकों का साथ मिलता है तो तीन सीटों पर उसकी जीत लगभग तय हैं। वहीं चौथी सीट पर निर्दलीय खेल बिगाड़ सकते हैं।
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चौथी सीट पर दिलचस्प मुकाबला
चुनाव आयोग ने तीन अधिसूचना जारी की है। दो सीटों पर अलग-अलग और दो सीटों पर एक साथ चुनाव होगा। तीसरी अधिसूचना में बीजेपी ने अपने जम्मू-कश्मीर के प्रदेश अध्यक्ष सत शर्मा को उतारा है। सबसे कड़ा मुकाबला इसी सीट पर है। सज्जाद गनी की पार्टी जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस ने राज्यसभा चुनाव से दूरी बना ली है। इससे बीजेपी प्रत्याशी सत शर्मा को बढ़त मिल गई है। इसके अलावा अवामी इतेहाद पार्टी के विधायक खुर्शीद अहमद शेख ने भी चुप्पी साध रखी है। चौथी सीट की लड़ाई में 28 विधायकों वाली भाजपा का पलड़ा भारी है।
किसका पलड़ा कितना भारी?
जम्मू-कश्मीर की चार में से दो राज्यसभा सीटों पर एक विधायक दो बार अलग-अलग वोट डालेंगे। इन दो सीटों पर 29-29 वोटों के साथ एनसी चुनाव जीत सकती है। उसके पास अपने कुल 41 विधायक हैं। दो अन्य सीटों पर एक विधायक एक बार ही मतदान करेगा। चौथी सीट पर बीजेपी ने प्रत्याशी उतार सियासी माहौल गर्मा दिया है।
तीसरी सीट की खातिर नेशनल कॉन्फ्रेंस को 29 प्रथम वरीयता वाले वोट मिलने का अनुमान है। वहीं चौथी सीट पर 24 द्वितीय वरीयता वाले वोट बचेंगे। अगर निर्दलीय विधायक क्रॉस वोटिंग करते हैं तो बीजेपी को फायदा मिल सकता है। दो सीटों पर अलग-अलग चुनाव में जीत की खातिर 45 वोट की जरूरत है। इस लिहाज से दो सीटों पर जीत के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास पर्याप्त बहुमत है। दो अन्य सीटों पर जीत की खातिर 29 वोट की जरूरत होगी। बीजेपी के पास 28 विधायक हैं। उसे एक और वोट की जरूरत पड़ेगी।
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कौन-किसके सामने?
- एक सीट पर एनसी के चौधरी मोहम्मद रमजान मैदान में हैं। उनके सामने बीजेपी के अली मोहम्मद मीर हैं।
- दूसरी सीट पर बीजेपी ने राकेश महाजन को उतारा है। उनका सामाना एनसी प्रत्याशी सज्जाद किचलू से हैं।
- एनसी की तीसरी सुरक्षित सीट से शम्मी ओबेरॉय प्रत्याश हैं।
- चौथी असुरक्षित सीट से एनसी ने इमरान नबी डार को उतारा है। उनका सामना बीजेपी के सत शर्मा से होगा।
उमर अब्दुल्ला ने किया बड़ा दावा
उमर अब्दुला ने सभी चारों सीट पर जीत का दावा किया। मगर उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी विरोधी हर वोट को एनसी प्रत्याशी के समर्थन में डालना होगा। राज्यसभा चुनाव में मतदान से पहले कांग्रेस ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। बुधवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस की मीटिंग में कांग्रेस विधायक नहीं पहुंचे। बताया जा रहा था कि कांग्रेस ने राज्यसभा की एक सीट मांगी थी, लेकिन एनसी के इनकार के बाद से वह खफा है। 10 फरवरी 2021 को शमशीर सिंह मन्हास फयाज अहमद मीर और 15 फरवरी को गुलाब नबी आजाद और नजीर अहमद लावे ने अपना कार्यकाल पूरा किया था। इसके बाद से ही जम्मू-कश्मीर की चारों राज्यसभा सीटें खाली हैं।