हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के बीच तल्खियां बढ़ती जा रही हैं। विज ने सीएम सैनी पर ताजा हमला किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पर निशाना साधते हुए कहा कि 'सीएम कभी अपने उड़नतश्तरी से नीचे नहीं उतरते।' इस तरह से अनिल विज सीएम नायब सैनी के खिलाफ बगावत पर उतर आए हैं।
दरअसल, अनिज विज नायब सिंह सैनी सरकार में ऊर्जा और परिवहन जैसे मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। विज ने आरोप लगाया है कि सरकारी अधिकारी उनके आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने इस बार को लेकर सार्वजनिक तौर पर निराशा जताई थी।
वरिष्ठ बीजेपी नेता ने धमकी देते हुए कहा था कि जरूरत पड़ी तो वह किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तरह आमरण अनशन करने के लिए तैयार हैं।
मीडिया के सामने कही बात
इस बारे में अनिल विज ने अपने निर्वाचन क्षेत्र अंबाला में मीडिया से बात की। उन्होंने कहा, 'हमारे मुख्यमंत्री कभी भी अपने उड़ते हुए रथ से नीचे नहीं उतरते। जिस दिन से वे सीएम बने हैं, वे हवा में ही रहते हैं। अगर वे नीचे उतरते तो जनता की पीड़ा सुनते। यह सिर्फ़ मेरी आवाज नहीं है, यह सभी विधायकों, सभी सांसदों और सभी मंत्रियों की आवाज है।'
विज की शिकायत के बाद कुछ घंटों बाद ही सैनी सरकार ने अंबाला के डिप्टी कमिश्नर पार्थ गुप्ता का तबादला कर दिया। पार्थ 2013 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, उनको अब पड़ोसी जिले यमुनानगर में भेज दिया गया है। उनकी जगह अजय सिंह तोमर को अंबाला का डिप्टी कमिश्नर नियुक्त किया गया है।
तबादले का कोई कारण नहीं बताया
हालांकि, सरकार ने आधिकारिक तौर पर इस तबादले का कोई कारण नहीं बताया है, मगर माना जा रहा है कि यह तबादला अनिल विज प्रकरण से जुड़ा हुआ है। जब अनिल विज के आरोपों के बारे में रोहतक में सीएम नायब सैनी से पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'अनिल विज हमारे नेता हैं।'
'बीजेपी के ही नेता ने हराने की कोशिश की'
बता दें कि इससे पहले अनिल विज ने आरोप लगाया था कि विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के ही एक वरिष्ठ नेता ने उनको हराने की कोशिश की थी। यहां तक कि उन पर हमला भी करवाया था। उन्होंने ने कहा कि चुनाव जीतने के एक हफ्ते के भीतर मैंने सार्वजनिक रूप से उन लोगों का मुद्दा उठाया था जिन्होंने मुझे हराने की कोशिश में भूमिका निभाई। विज ने इसमें कई अधिकारियों और पार्टी नेताओं के ऊपर शक जताया था।
क्या बोले विज?
विज ने कहा, 'पहले मुझे शक था कि मजबूत राजनीतिक समर्थन वाले किसी व्यक्ति ने मुझे हराने की कोशिश की है और यहां तक कि मुझे खत्म करने की कोशिश भी की है। लेकिन अब, जब उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है, तो मुझे इस बात का यकीन हो गया है। क्योंकि मैं सबसे वरिष्ठ नेता हूं और मैं कह रहा हूं कि मुझे हराने की कोशिश की गई थी, इसलिए तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए थी। अगर सख्त कार्रवाई नहीं की जा सकती, तो कम से कम उनका तबादला कर दिया जाना चाहिए था या पार्टी से निकाल दिया जाना चाहिए था। 100 दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अब, वे कार्रवाई करें या न करें, इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।'