हिमाचल प्रदेश में मौसम की आफत जारी है। प्रदेश में सोमवार को भारी बारिश के कारण भूस्खलन और कई इमारतों के गिरने से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। 20 जून से अब तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में 23 लोगों की जान जा चुकी है। दूसरी तरफ जून महीने में सामान्य से 34 फीसदी अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई। रामपुर में बदल फटने से एक शेड उसकी चपेट में आ गया। यहां बांधी गई गायें पानी के तेज बहाव में बह गईं। राजधानी शिमला के करीब भट्टा कुफ्फार में सोमवार सुबह पांच मंजिला इमारत ताश के पत्तों की तरह महज 5 सेकंड में ढह गई।
मंडी जिले में बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन के कारण 129 और सिरमौर जिले में 259 सड़कें बंद हैं। 20 जून को प्रदेश में मौसम ने दस्तक दी। तब से अब तक कुल 23 लोगों की जान बारिश से जुड़ी घटनाओं में जा चुकी है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र मुताबिक प्रदेश में 614 ट्रांसफार्मर और 130 जलापूर्ति योजनाओं को नुकसान पहुंचा है।
सामान्य से 34 फीसदी अधिक बारिश
हिमाचल प्रदेश में जून महीने में सामान्य बरसात 101 मिमी तक होती है। मगर इस बार यह रिकॉर्ड टूट गया। सोमवार तक प्रदेश में औसतन 135 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। अगर आकंड़े की बात करें तो यह साल 1901 के बाद जून महीने में हुई 21वीं सर्वाधिक बरसात है। सबसे भयानक बारिश का दौर लोगों ने 1971 के जून महीने में देखा था। तब हिमाचल प्रदेश में 252.7 मिमी रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई थी।
बिलासपुर में स्कूल में घुसा पानी
शिमला के पास चमियाना सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के रास्ते पर स्थित माथु कॉलोनी में इमारत ढह गई। प्रशासन ने इमारत को पहले ही खाली करा लिया था। हालांकि अभी आसपास की दो अन्य इमारतें खतरे में हैं। उधर, बिलासपुर जिले के कुन्हमुंझवाड़ इलाके में एक सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पानी घुसने के बाद 130 छात्रों को घर भेजना पड़ा।
सिकासेरी गांव में फटा बादल
शिमला जिले में भी भारी बारिश से एक सरकारी स्कूल को हानि पहुंची है। इस बीच रामपुर के सरपारा ग्राम पंचायत के सिकासेरी गांव में बादल फटने का मामला सामने आया है। यहां दो गौशलाओं को नुकसान पहुंचा है। लोगों का कहना है कि तीन गाय, दो बछड़े, रसोई और एक कमरे का सामान बह गया है। बता दें कि पिछले साल भी सरपारा पंचायत के समेज गांव में बादल फटने से 21 लोगों की जान गई थी।
शिमला-चंडीगढ़ राजमार्ग पर ट्रैफिक डायवर्ट
शिमला-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर 5 जगहों पर भूस्खलन के बाद ट्रैफिक को एक लेन में डायवर्ट कर दिया गया है। सोलन जिले के कोटी में भी भूस्खलन के बाद यातायात बाधित हुआ है। देलगी में भूस्खलन के बाद सुबाथू-वाकनाघाट मार्ग को बंद कर दिया गया है। मलबा गिरने के कारण चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग को भी आंशिक रूप से बंद किया गया है। वाहनों को दूसरी तरफ से भेजा जा रहा है।
भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट
मौसम विभाग ने सोमवार शाम को अगले 24 घंटों में सिरमौर, कांगड़ा और मंडी जिलों में मध्यम दर्जे की बाढ़ का अलर्ट जारी किया है। प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है। 6 जुलाई तक प्रदेश में बारिश का अनुमान है। पालमपुर, बैजनाथ, सुंदरनगर, मुरारी देवी, कांगड़ा, शिमला और आसपास गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है।