बिहार में एनडीए के घटक दलों ने सीटों की बारगेनिंग तेज कर दी है। गठबंधन में शामिल घटक दलों ने अपना-अपना दावा ठोंक दिया है। इस बीच केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी पार्टी के लिए सीटों की मांग कर दी है। उनके मन मुताबिक सीटें नहीं मिलने पर बिहार में अकेले ही चुनाव लड़ने की बात कह दी है।
केंद्रीय मंत्री मांझी ने कहा कि इस चुनाव में उनकी लक्ष्य अपनी पार्टी के लिए हर हाल में मान्यता प्राप्त पार्टी बनाना है। उन्होंने कहा कि, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को मान्यता प्राप्त पार्टी बनाने के लिए उनका 8 सीट विधानसभा में चाहिए या राज्य में विधानसभा चुनावों में 6 प्रतिशत वोट चाहिए।
मांझी ने गिरवाईं परिस्थितियां
उन्होंने कहा कि ऐसा होने के लिए दो परिस्थितियां हैं। पहली परिस्थिति ये है कि एनडीए में उन्हें कम से कम 20 सीटें चाहिए, तभी आठ सीटें जीत सकते हैं। मांझी ने कहा कि 20 में से सभी सीटों को तो नहीं जीत सकते इसलिए हमें कम से कम 15 सीटें तो चाहिए ही।
दूसरी परिस्थिती क्या है?
जीतन राम मांझी ने दूसरी परिस्थिती बताते हुए कहा कि अगर ऐसी नहीं होता है तो हमारी पार्टी बिहार में 50 से लेकर 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने दावा करते हुए रहा कि हर विधानसभा में हमारा दस हजार 15 हजार वोटर है, हम जीतकर अपना 6 फीसदी वोट ले आएंगे और अपनी पार्टी को मान्यता दिलवा देंगे।
उन्होंने कहा कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के गठन को दस साल हो गए हैं। अब हम निबंधित पार्टी रहने में अपने को अपमानित महसूस करते हैं इसलिए इस बार हमारी पार्टी करो या मरो की स्थिती में हैं।
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए एनडीए में शामिल एलजेपी रामविलास के अध्यक्ष चिराग पासवान भी अपने दावेदारी मजबूत कर रहे हैं। एलजेपी रामविलास के प्रमुख चिराग पासवान 2020 के विधानसभा चुनाव में अपने को प्रधानमंत्री का हनुमान बताकर जेडीयू के खिलाफ मोर्चा खोला था। मगर इस बार चिराग पासवान ने बिहार में पांच स्थानों पर अपनी पार्टी की संकल्प सभा के रूप में रैली की है।