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4 साल पहले IAS बने, अब 10 लाख की रिश्वत लेते पकड़े गए धीमन चकमा

ओडिशा में विजिलेंस की टीम ने एक IAS अधिकारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। इस कार्रवाई के बाद अधिकारी के सरकारी आवास पर छाेमारी में अब तक 47 लाख रुपये मिले हैं।

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सांकेतिक तस्वीर, photo credit: grok

ओडिशा में भ्रष्टाचार के एक मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। रविवार को ओडिशा में सतर्कता विभाग (विजिलेंस) ने  2021 बैच के एक  IAS अधिकारी धीमन चकमा को 10 लाख रुपये की कथित रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा। यह रिश्वत एक स्थानीय व्यवसायी से ली जा रही थी। आरोपी अधिकारी कालाहांडी जिले के धर्मगढ़ में सब-कलेक्टर के पद पर तैनात हैं। विजिलेंस विभाग  के अनुसार, अधिकारी ने कुल 20 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी, जिसमें से 10 लाख रुपये की पहली किश्त वह वसूल रहे थे।

 

IAS अधिकारी धीमन चकमा की गिरफ्तारी के बाद उनके सरकारी आवास पर छापेमारी की गई, जहां से 47 लाख रुपये नकद बरामद किए गए। सतर्कता विभाग के अनुसार, आरोपी अधिकारी ने रिश्वत लेने की बात स्वीकार कर ली है। शिकायतकर्ता को उन्होंने खुद धरमगढ़ स्थित अपने सरकारी आवास पर बुलाया और रिश्वत के पैसे लेकर उसे मेज की दराज में छिपा दिया। जब उन्होंने रिश्वत की राशि मेज में डाली उसी समय विजिलेंस ने छापा मारा और रकम जब्त कर ली। यह रकम रिश्वत में मांगे गए 20 लाख रुपये की पहली किश्त बताई जा रही है। इस कार्रवाई के बाद आरोपी अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। 

 

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आरोपी के ठिकानों पर छापेमारी जारी

विजिलेंस टीम ने इसके बाद अधिकारी के सरकारी आवास पर छापा मारा और उन्हें रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़ा। इसका बाद कार्रवाई में आरोपी अधिकारी के आवास से 47 लाख रुपये की नकदी बरामद की गई है और अभी छापेमारी जारी है। यह रकम कहां से आई, इसके बारे में पता लगाने की कोशिश की जा रही है। आरोपी अधिकारी धीमन चकमा की उम्र लगभग 35 वर्ष बताई गई है। विजिलेंस विभाग की टीमें उनसे पूछताछ कर रही हैं और उनके अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी की जा रही है। 

प्रशासन में फैले भ्रष्टाचार का खुलासा

इस मामले के सामने आने से ओडिशा में प्रशासन में फैले भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। IAS अधिकारी जैसे बड़े पद पर बैठे व्यक्ति का रिश्वत लेना कानून का उल्लंघन तो है ही, साथ में आम जनता का विश्वास भी तोड़ता है। विजिलेंस विभाग ने जनता से अपील की है कि वे इस तरह के मामलों में चुप न रहें और किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार की शिकायत सीधे विभाग को दें। 

 

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इस मामले में विजिलेंस सेल थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। आरोपी अधिकारी के ठिकानों पर अभी छापेमारी जारी है। इस मामले में अभी कार्रवाई और जांच जारी है। 

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