नोएडा: बढ़ेगा प्रॉपर्टी का सर्किल रेट, घर खरीदारों पर होगा क्या असर?
नोएडा में सर्किल रेट बढ़ने वाला है। पिछले 9 साल से सर्किल रेट नहीं बढ़ा है। जानिए अब इसका क्या असर पडे़गा।

प्रतीकात्मक तस्वीर । Photo credit: PTI
नोएडा में प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ने के साथ ही यूपी में सरकार ने सर्किल रेट को रिवाइज करके 20 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला किया है। पिछले 9 सालों में यह सबसे बड़ी बढ़त होगी। रेट के सबसे ज्यादा बढ़ने के संभावनाएं जेवर एयरपोर्ट के पास के एरिया में हैं जहां 70 प्रतिशत रेट बढ़ सकते हैं। इसका कारण नोएडा अथॉरिटी इंटरनेशनल एयरपोर्ट है जो कि इस साल मई महीने में खुलेगा।
सर्किल रेट किसी भी एरिया में किसी प्रॉपर्टी का न्यूनतम रेट होता है जिस पर उसे खरीदने के लिए सरकार निर्धारित करती है। जिला प्रशासन ने प्रस्तावित वैल्युएशन लिस्ट पर फीडबैक के लिए 5 अप्रैल तक का समय दिया है। आमतौर पर सर्किल रेट को वार्षिक रूप से रिवाइज किया जाता है और 1 अगस्त से लागू किया जाता है।
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तेजी से बढ़े हैं फ्लैट्स के रेट
पिछले दशक में नोएडा और ग्रेटर नोएडा में फ्लैट्स के रेट काफी तेजी से बढ़े हैं। हालांकि, इसकी तुलना में जो स्टाम्प ड्यूटी कलेक्ट की जाती है वह काफी कम होती है क्योंकि सर्किल रेट काफी कम है। अब इस सर्किल रेट को इसी के आसपास रखा जाएगा।
रिवाइज़्ड रेट के मुताबिक नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सर्किल रेट में करीब 30 प्रतिशत का इजाफा होगा। वहीं ऑफिस यूज वाले प्लॉट्स की कीमत में 15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। इसके अलावा अन्य कैटेगरी जैसे कि रेजिडेंशियल, ग्रुप हाउसिंग, इंडस्ट्रियल इत्यादि में भी 10 प्रतिशत बढ़ोत्तरी होने की संभावना है।
डेवलेपमेंट अथॉरिटी ने रिवाइज किया रेट
साल 2024 में 3 डेवलेपमेंट अथॉरिटीज़ ने तीन प्लॉट्स के लिए सर्किल रेट्स को रिवाइज किया था। जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए सर्किल रेट्स को डीएम सर्किल रेट्स कहते हैं और यह डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा जारी किए गए सर्किल रेट से अलग होता है।
अगर 20 प्रतिशत से सर्किल रेट को बढ़ाया जाता है तो सेक्टर 14ए, 15ए और 44 जैसे नोएडा के मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में, जहां सर्किल रेट 1.03 लाख प्रति स्क्वॉयर मीटर है वह बढ़ के लगभग 1.4 लाख प्रति स्क्वॉयर मीटर रह जाएगा।
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घर खरीदने वालों पर क्या होगा असर
जैसे-जैसे सर्किल दरें बढ़ेंगी, प्रॉपर्टी के लेन-देन पर दी जाने वाली स्टाम्प ड्यूटी भी बढ़ेगी, जिससे खरीदारों के लिए लागत बढ़ जाएगी। इससे संभावित घर मालिकों के बजट पर और दबाव पड़ सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो पहले से ही बढ़ती प्रॉपर्टी की बढ़ी हुई कीमतों से जूझ रहे हैं।
हालांकि, इसके सबसे ज्यादा लाभ किसानों को मिलेगा, क्योंकि इससे कानूनी रूप से यदि उनकी जमीन का अधिग्रहण किया जाता है तो उनको इसका बेहतर मुआवजा मिल सकेगा।
या दूसरे शब्दों में कहें तो जब किसी प्रॉपर्टी का सर्किल रेट बढ़ता है तो उसकी ट्राजेक्शनल वैल्यू या कहें कि खरीदने की कीमत भी बढ़ जाती है क्योंकि उस प्रॉप्रर्टी की स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेज भी बढ़ जाते हैं। इसकी वजह से खरीदारों को प्रॉप्रटी की ज्यादा कीमत अदा करनी पड़ती है।
इसके अलावा प्रॉप्रटी की रीसेल वैल्यू भी बढ़ जाती है क्योंकि यदि किसी प्रॉप्रटी की पहले की ही कीमत ज्यादा है तो दोबारा बेचे जाने पर उसकी कीमत और ज्यादा ही होगी। इस तरह से सर्किल रेट उस एरिया में प्रॉपर्टी की कीमत में काफी इजाफा कर देता है।
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क्या होता है सर्किल रेट
सर्किल रेट किसी प्रॉपर्टी का वह न्यूनतम मूल्य होता है जिस पर उसे बेचा जाता है। यह दर राज्य सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है और समय समय पर इसे बाजार रेट के हिसाब से रिवाइज किया जाता है। किसी संपत्ति को खरीदे या बेचे जाने की स्थिति में, स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस की गणना सर्किल रेट या संपत्ति के वास्तविक मूल्य, जो भी अधिक हो, के आधार पर की जाती है।
आमतौर पर सर्किल रेट्स को हर साल रिवाइज किया जाता है लेकिन यूपी सरकार ने पिछले 9 साल से इसके रेट को रिवाइज नहीं किया।
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