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JNU छात्र संघ को 6 साल बाद मिली महिला अध्यक्ष, जानें कौन हैं अदिति मिश्रा?

JNU में एक बार फिर लेफ्ट ने अपना दबदबा कायम किया है। JNU के छात्र संघ चुनाव में लेफ्ट यूनिटी गठबंधन ने सभी चार प्रमुख पदों पर जीत दर्ज की है।

JNU Student Union

JNU छात्रसंघ के चारो पदाधिकारी: Photo Credit: Social Media

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्र संघ चुनावों में एक बार फिर लेफ्ट यूनिटी गठबंधन ने अपना दबदबा कायम कर लिया है। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फ्रंट (DSF) के संयुक्त गठबंधन ने 2025 के चुनावों में सभी चार प्रमुख पदों पर जीत दर्ज की है। इन चुनावों में AISA की उम्मीदवार अदिति मिश्रा ने अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की है। वह 2019 में आइशी घोष के बाद जेएनयू की महिला अध्यक्ष बनी हैं। अदिति ने एबीवीपी (ABVP) के उम्मीदवार विकास पटेल को 449 वोटों के अंतर से हराया। वहीं, उपाध्यक्ष पद पर SFI की के. गोपिका बाबू ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

 

अदिति मिश्रा मौजूदा समय में जेएनयू में राजनीतिक सिद्धांत और तुलनात्मक राजनीति (CCPPT) में पीएचडी कर रही हैं, उन्होंने जीत के बाद कहा कि वह छात्रों की बुनियादी सुविधाओं, स्कॉलरशिप और नई शिक्षा नीति (NEP) और सीपीओ मैनुअल के खिलाफ लड़ाई को प्राथमिकता देंगी।

 

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लेफ्ट की वापसी

2025-26 के परिणाम लेफ्ट के लिए बड़ी वापसी साबित हुए हैं। इससे पहले, अप्रैल 2024 में हुए चुनाव में लेफ्ट गठबंधन को एक पद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के हाथों गंवाना पड़ा था।

 

इस बार, पीएचडी स्कॉलर अदिति मिश्रा ने 1,861 वोट हासिल किए और एबीवीपी उम्मीदवार विकास पटेल को 449 वोटों के अंतर से हराया। पटेल को 1,447 वोट मिले थे।

 

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कौन हैं अदिति मिश्रा?

अदिति मिश्रा उत्तर प्रदेश के वाराणसी की रहने वाली हैं। उन्होंने बिहार में पढ़ाई की और बाद में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन किया। उनकी छात्र राजनीति में सक्रियता की शुरुआत 2017 में बीएचयू के हॉस्टल कर्फ्यू नियमों के खिलाफ आंदोलन से हुई, जिसे उन्होंने 'अलोकतांत्रिक और पितृसत्तात्मक' बताया था।

 

इसके बाद 2018 में वह पांडिचेरी यूनिवर्सिटी में शामिल हुईं, जहां उन्होंने कैंपस में 'भगवाकरण' के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने विश्वविद्यालय में हिंदुत्व विचारकों के बैनर लगाए जाने के विरोध में वाइस चांसलर कार्यालय का घेराव भी किया था।

 

2019 में अदिति मिश्रा जेएनयू प्रशासनिक ब्लॉक के घेराव में शामिल रहीं, जहां छात्रों ने फीस में बढ़ोत्तरी और सीएए (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इस आंदोलन के दौरान अदिति मिश्रा एक प्रमुख छात्र नेता के रूप में उभरीं।

 

वर्तमान में वह जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज (SIS) के सेंटर फॉर कम्पेरेटिव पॉलिटिक्स एंड पॉलिटिकल थ्योरी (CCPPT) में पीएचडी कर रही हैं।

अध्यक्ष बनने के बाद अदिति मिश्रा का वादा

जेएनयूएसयू अध्यक्ष चुने जाने के बाद अदिति मिश्रा ने कहा कि वह छात्रों से जुड़े अहम मुद्दों, जैसे लाइब्रेरी स्पेस बढ़ाना, स्कॉलरशिप में सुधार और नई शिक्षा नीति (NEP) और सीपीओ मैनुअल के विरोध को प्राथमिकता देंगी।

 

अदिति मिश्रा पहले आईसी प्रतिनिधि (IC Representative) रह चुकी हैं, जहां उन्होंने समिति को ज्यादा पारदर्शी और छात्र-हितैषी बनाने की दिशा में काम किया था।

लेफ्ट गठबंधन की बड़ी जीत

इस बार लेफ्ट यूनिटी ने सभी प्रमुख पदों पर कब्जा कर लिया।

  • उपाध्यक्ष (Vice President): SFI की के. गोपिका बाबू ने 3,101 वोट पाकर ABVP की तान्या कुमारी को 1,314 वोटों के बड़े अंतर से हराया।
  • महासचिव (General Secretary): DSF के सुनील यादव ने 2,005 वोट से जीत दर्ज की, जबकि ABVP के राजेश्वर कांत दुबे को 1,901 वोट मिले।
  • संयुक्त सचिव (Joint Secretary): DSF के दानिश अली ने 2,083 वोट से जीत हासिल की, जबकि ABVP के अनुज दामरा को 1,797 वोट मिले।
  • इस साल चार केंद्रीय पदों के लिए 20 उम्मीदवार ने चुनाव लड़ा था, जिनमें 6 महिला उम्मीदवार शामिल थीं।
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