logo

ट्रेंडिंग:

बुजुर्गों को छोड़ा तो खैर नहीं! सरकार कलयुगी बच्चों पर लेगी एक्शन

रिपोर्ट में बताया गया है कि कर्नाटक में ऐसा देखने को मिला है कि बुजुर्गों को अस्पतालों में छोड़ दिया जाता है। इसमें भी खासतौर से ऐसे केस हैं, जिसमें बच्चे माता-पिता की प्रॉपर्टी के अपने नाम ट्रांसफर करने के बाद उन्हें छोड़ देते हैं।

elderly abandonment

मंत्री शरण प्रकाश पाटिल। Photo Credit (@S_PrakashPatil/ X)

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

बुजुर्ग माता-पिता से प्रॉपर्टी धोखे से हथिया कर उन्हें दर-दर की ठोकरें खाने के लिए छोड़ देने वाले कलयुगी बच्चों की अब खैर नहीं होगी। ऐसे बच्चों पर कर्नाटल सरकार अब सख्त एक्शन लेने की तैयारी में है। कर्नाटक के मंत्री शरण प्रकाश पाटिल ने ऐसे बच्चों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।
 
मंत्री शरण प्रकाश पाटिल ने कहा है कि हम ऐसे लोगों पर कानूनी कार्रवाई करेंगे, जो अपनी संपत्ति पर मालिकाना हक हासिल करने के बाद अपने बुजुर्ग माता-पिता को अस्पताल में छोड़ देते हैं। उन्होंने ऐसे केसों में प्रॉपर्टी के ट्रांसफर और वसीयत को कैंसिल करने का भी आग्रह किया है।

 

बुजुर्गों को अस्पतालों छोड़ देते हैं बच्चे

 

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, कर्नाटक में ऐसा देखने को मिला है कि बुजुर्गों को अस्पतालों में छोड़ दिया जाता है। इसमें भी खासतौर से ऐसे केस हैं, जिसमें बच्चे माता-पिता की  प्रॉपर्टी के अपने नाम ट्रांसफर करने के बाद उन्हें छोड़ देते हैं। बेलगावी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के आंकड़ों के मुताबिक, 'अस्पताल में 150 से ज्यादा बुजुर्गों को छोड़ दिया गया है। इसके अलावा कर्नाटक के अलग-अलग अस्पतालों से 100 ऐसे ही मामले सामने आए हैं।' 

 

बेलगावी इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट में खुलासा

 

हाल ही में एक समीक्षा बैठक के दौरान बेलगावी इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर ने इस मुद्दे को मंत्री शरण प्रकाश पाटिल को बताया। घटना का जानकारी मिलते ही मंत्री ने एक्शन लेने का फैसला कर लिया। उन्होंने चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. बीएल सुजाता राठौड़ को निर्देश दिया कि वे सभी मेडिकल कॉलेजों के प्रमुखों को नोटिस जारी करके जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए राजस्व उप-विभाग स्तर पर असिस्टेंट कमिश्नर के पास शिकायत दर्ज करें।

 

यह भी पढ़ें: एक बयान ने ली नेता जी की कुर्सी! UK के वित्त मंत्री ने दिया इस्तीफा

 

मंत्री पाटिल ने एक घटना का जिक्र करते हुए बताया- एक त्याग दिए गए माता-पिता ने खुलासा किया कि उनके बच्चे उन्हें अस्पतालों में छोड़ गए थे। बच्चे जानते थे कि उनके माता-पिता को अस्पताल में भोजन, कपड़े और आश्रय जैसी बुनियादी जरूरतें मिलेंगी। वहीं, कुछ मामले प्रॉपर्टी को लेकर थे, जिनमें ज्यादातर में बुजुर्ग लोगों को उनके संपत्ति के लिए भटकने के लिए छोड़ दिया गया था।

 

संपत्ति हस्तांतरण को रद्द करने का आधिकार

 

मंत्री ने इन मामलों की अस्पतालों की सक्रिय भूमिका की जरूरत बताया ताकि इनमें सही ढंग से कानूनी कार्रवाई की जा सकें। मंत्री पाटिल ने बताया कि माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम, 2007 के तहत, बच्चों और रिश्तेदारों को अपने बुजुर्ग माता-पिता के लिए आर्थिक और चिकित्सा देखभाल देने के लिए कानूनी रूप से बाध्य किया जाता है।

 

बच्चे अगर ऐसा नहीं करते हैं तो कानून वरिष्ठ नागरिकों को अपने बच्चों के पक्ष में किए गए संपत्ति हस्तांतरण को रद्द करने की अनुमति देता है।

Related Topic:#karnataka

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap