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पुंडरीक गोस्वामी को दिया था 'गार्ड ऑफ ऑनर', अब UP पुलिस ने क्या कहा?

बहराइच में कथावाचर पुंडरीक गोस्वामी को 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद खूब बवाल हुआ। इस पर अब यूपी पुलिस का बयान आ गया है।

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कथावाचक को गार्ड ऑफ ऑनर दिए जाने का वीडियो वायरल हो गया था। (Photo Credit: Social Media)

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उत्तर प्रदेश के बहराइच में भागवत कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी को पुलिस की ओर से 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया गया था। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुआ। अखिलेश यादव और चंद्रशेखर आजाद जैसे नेताओं ने भी इसे लेकर यूपी पुलिस को घेरा। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने सवाल उठाया था कि कैसे एक कथावाचक को 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया जा सकता है।

 

जो वीडियो वायरल हो रहा है, वह नवंबर का है लेकिन गुरुवार को यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके सामने आने के बाद तहलका मच गया।

 

जब इस पर बवाल बढ़ा तो बहराइच पुलिस ने कहा कि पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ाने के लिए कथावाचक को बुलाया गया था। वहीं, अब इसे लेकर यूपी के डीजीपी ने बहराइच के एसपी राम नयन सिंह को तलब किया है और स्पष्टीकरण मांगा है।

 

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क्या है पूरा मामला?

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, नवंबर में बहराइच पुलिस लाइन में पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग के दौरान भागवत कथा का आयोजन किया गया था, जिसमें वृंदावन के पुंडरीक गोस्वामी को बुलाया गया था। इसी दौरान एसपी की मौजूदगी में कथावाचक को 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया गया था।

 

वायरल वीडियो में कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी को बहराइच पुलिस लाइन में लाल कालीन पर चलते हुए, पुलिस परेड के दौरान सलामी लेते हुए और मंच से संबोधित करते हुए देखा जा सकता है।

मामले के तूल पकड़ने के बाद बहराइच पुलिस मीडिया सेल ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा कि पुलिस ट्रेनिंग के दौरान पुलिसकर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य और मनोबल को सुदृढ़ बनाए रखने के उद्देश्य से योग, ध्यान और प्रेरणादायी कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

 

इसमें आगे कहा गया कि इसी क्रम में पुंडरीक गोस्वामी को आमंत्रित किया गया था, जो पुलिसकर्मियों के लिए प्रेरणास्पद रहा।

 

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वीडियो वायरल हुआ तो हुआ बवाल

कथावाचक को 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद इस पर बवाल हो गया। वीडियो को लेकर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने सवाल उठाए।

 

अखिलेश यादव ने X पोस्ट कर कहा, 'जब पूरा पुलिस महकमा सलामी में व्यस्त रहेगा, तो प्रदेश का अपराधी मस्त रहेगा। उत्तर प्रदेश में पुलिस अपने काम में नाकाम है। जो उसका असली काम है, वह नहीं कर रही, बल्कि अपनी सीमित क्षमताओं को दूसरी जगह व्यर्थ कर रही है।'

 

यादव ने कहा, 'भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) राज में उत्तर प्रदेश में पनप रहे बेतहाशा अपराध और माफिया राज पर लगाम लगाने के बजाय सलाम-सलाम का खेल खेला जा रहा है।' उन्होंने यह भी कहा, 'इस घटना का संज्ञान लेने वाला कोई है या वह भी परेड में शामिल है? भाजपा जाए, तभी पुलिस सही काम में लग पाए।'

 

चंद्रशेखर आजाद ने भी इसे लेकर योगी सरकार पर सवाल खड़े किए। आजाद ने कहा, 'भारत कोई मठ नहीं, बल्कि एक संवैधानिक गणराज्य है और राज्य किसी धर्म-विशेष की जागीर नहीं। इसके बावजूद कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी को यूपी पुलिस ने परेड और सलामी दी। यह सिर्फ एक प्रशासनिक गलती नहीं, बल्कि संविधान पर खुला हमला है।'

 

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यूपी डीजीपी ने एसपी को किया तलब

बवाल बढ़ने के बाद यूपी पुलिस ने भी इस पर ऐक्शन लिया। यूपी के डीजीपी राजीव कृष्ण ने बहराइच के एसपी राम नयन सिंह को तलब किया है।

 

यूपी पुलिस ने X पर बयान जारी कर बताया, 'बहराइच में एक कार्यक्रम में पुलिस परेड ग्राउंड के अनाधिकृत उपयोग का डीजीपी ने संज्ञान लिया है।'

 

 

इसमें आगे कहा गया है, 'पुलिस परेड ग्राउंड का उपयोग केवल पुलिस प्रशिक्षण, अनुशासन और आधिकारिक समारोहों के लिए किया जाना जरूरी है। निर्धारित मानकों के उल्लंघन पर एसपी से स्पष्टीकरण मांगा गया है।'

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