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केरल: चुनाव के नतीजे आए, कांग्रेस जीती लेकिन राज्य में हिंसा क्यों भड़क गई?

केरल स्थानीय निकाय चुनावों में ग्राम पंचायत की 941 सीटों में से UDF ने 505 सीटें जीतकर शानदार प्रदर्शन किया। नतीजों के बाद खासकर उत्तरी जिलों में हिंसा की घटनाएं सामने आईं।

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प्रतीकात्मक तस्वीर, Photo Credit- PTI

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केरल में स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजे घोषित हो गए हैं। ग्राम पंचायतों की कुल 941 सीटों में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 505 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) को 340, नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट (NDF) को 26, अन्य को 6 सीटें मिलीं, जबकि 64 सीटों पर टाई रही। यह परिणाम सबसे बड़ा झटका LDF के लिए माना जा रहा है। नतीजों के बाद राज्य के कई इलाकों, खासकर उत्तरी जिलों से रातभर हिंसा की खबरें आती रहीं। कोझिकोड जिले के एरामला में कांग्रेस कार्यालय ‘इंदिरा गांधी भवन’ पर कथित तौर पर माकपा कार्यकर्ताओं के हमले के बाद पूरी रात तनाव का माहौल बना रहा।

 

पुलिस के अनुसार अलग-अलग जगहों पर राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के बीच झड़पे, पथराव और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई है। कोझिकोड जिले में हुए हिंसा में पुलिस मामले की जांच कर रही है।

 

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क्या हैं पूरा मामला?

कोझिकोड जिले के एरामला में कांग्रेस के ऑफिस इंदिरा गांधी भवन पर लेफ्ट कार्यकर्ताओं के हमले के बाद पूरी रात तनाव बना रहा। एरामला थाने में दर्ज FIR के अनुसार, करीब 200 लोग खतरनाक हथियार लेकर मार्च करते हुए कांग्रेस कार्यालय की ओर पहुंचे और इमारत में तोड़फोड़ की। इस हमले में लगभग 5 लाख रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। पुलिस ने बताया कि हमले में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की प्रतिमा को भी नुकसान पहुंचाया गया। एक अधिकारी ने बताया कि घटना के तुरंत बाद UDF कार्यकर्ता भी वहां पहुंच गए, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। हालांकि, अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती के बाद हालात पर काबू पा लिया गया।

कई और जगह पर हिंसक घटनाएं

पुलिस ने बताया कि मराड में भी एक हिंसक घटना सामने आई, जहां UDF की जीत के जुलूस पर कथित तौर पर पथराव किया गया जिसमें कई लोग घायल हो गए। वायनाड जिले के सुल्तान बाथरी में पुलिस ने एक मामला दर्ज किया है जहां एक UDF कार्यकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों को ले जा रही कार पर कथित तौर पर माकपा के लगभग 40 कार्यकर्ताओं ने हमला किया। सुल्तान बाथरी पुलिस ने एक अलग घटना में UDF कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। UDF कार्यकर्ताओं पर आरोप है कि उन्होंने अपने घर के पास पटाखा फोड़ने का विरोध करने वाले माकपा के एक कार्यकर्ता पर हमला किया।

 

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कन्नूर जिले के पनूर में माकपा कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर मुस्लिम लीग के कई कार्यकर्ताओं के घरों पर हमला किया। घरों के बाहर खड़े वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया। पनूर पुलिस के अनुसार, हिंसा उस समय भड़क उठी जब माकपा कार्यकर्ताओं ने तलवार और खंजर लेकर UDF की जीत रैली को कथित तौर पर रोक दिया। इस झड़प में UDF के कुछ नेताओं को चोट आईं। उलिक्कल थाने के एक अधिकारी ने बताया कि कन्नूर जिले के उलिक्कल में भी UDF और LDF कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की खबरें आईं। हालांकि बाद में पुलिस के हस्तक्षेप से स्थिति पर नियंत्रण पा लिया गया।

लेफ्ट और बीजेपी के बीच झड़प

कासरगोड जिले के बेडाकम में LDF का विजय मार्च उस समय हिंसक हो गया, जब माकपा कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर वहां से गुजर रहे UDF कार्यकर्ताओं को रोक लिया। बीच-बचाव करने आए कुछ पुलिसकर्मियों को मामूली चोटें आईं। तिरुवनंतपुरम जिले के नेय्याट्टिंकारा से भी माकपा और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़पों की खबरें आईं। पुलिस ने बताया कि दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं को मामूली चोटें आईं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने कहा कि औपचारिक शिकायतें मिलने के बाद मामले दर्ज किए जाएंगे।

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