बांग्लादेश में चल रही उथल-पुथल का असर पश्चिम बंगाल के जिला उत्तर 24 परगना में होने वाले सबसे लोकप्रिय बिधाननगर मेला उत्सव पर देखने को मिल रहा है। इस मेले के आयोजकों ने बांग्लादेश के व्यापारियों से अनुरोध किया है कि वे मेले में भाग न लें। दरअसल, व्यापारियों ने पहले ही मेले के लिए स्टॉल बुक कर लिए थे और इसका एडवांस पेमेंट भी कर दिया था।
बिधाननगर मेला उत्सव 2024-25 के स्टॉल और मंडप बुकिंग की देखरेख करने वाली एजेंसी ने बांग्लादेशी व्यापारियों को उनके पैसे रिफंड करना शुरू कर दिया है। बता दें कि मंगलवार (17 दिसंबर) को साल्ट लेक सेंट्रल पार्क मेला मैदान में मेले का उद्घाटन किया जाएगा। बिधाननगर नगर निगम (बीएमसी) द्वारा आयोजित यह मेला 6 जनवरी तक चलेगा। इस साल करीब 500 स्टॉल लगाए जा रहे हैं।
हिंसा भड़कने का डर
दरअसल, बांग्लादेशी व्यापारियों की मेले में मौजूदगी से हिंसा भड़क सकती है। बीएमसी द्वारा स्टॉल, मंडप और कियोस्क बुकिंग की देखभाल के लिए सौंपी गई एजेंसी के एक अधिकारी ने कहा, 'हम मेले में कोई परेशानी नहीं चाहते हैं और कुछ लोगों के एडवांस पेमेंट वापस कर चुके हैं। हम बाकी लोगों को रिफंड स्वीकार करने और मेले में न आने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं।'
28 जनवरी से शुरू होगा मेला
बता दें कि 28 जनवरी को सेंट्रल पार्क मेला ग्राउंड में कोलकाता अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेला भी आयोजित किया जाएगा। इसमें भी सीमा पार से किसी की भागीदारी की संभावना नहीं है। हर साल, बांग्लादेश के प्रतिनिधि विधाननगर मेले में ढाकाई और जामदानी साड़ियों और अन्य वस्तुओं के दो से तीन स्टॉल लगाते हैं, जिसमें बड़ी भीड़ उमड़ती है।
हर साल स्टॉल लगाते हैं बांग्लादेशी व्यापारी
एजेंसी के एक अधिकारी ने कहा, 'वे इस साल भी ये स्टॉल लगाना चाहते थे। पैसे भी एडवांस में दिए गए और बुकिंग भी हुई थी लेकिन बांग्लादेश में मौजूदा स्थिति को देखते हुए, हम पैसे वापस कर रहे हैं और उनसे मेले में हिस्सा न लेने की अपील कर रहे हैं। अगर उनकी भागीदारी के कारण कोई परेशानी होती है तो यह शर्मनाक होगा। अगर उन्हें यहां कोई परेशानी होती है तो यह हमारे लिए हानि होगी।'
बता दें कि बिधाननगर मेला उत्सव शहर के सबसे लोकप्रिय मेलों में से एक रहा है। जब वाम मोर्चा सत्ता में था तब यह मेला एक गैर सरकारी संगठन द्वारा आयोजित किया जाता था। 2011 में, तत्कालीन बिधाननगर नगर पालिका ने मेले को अपने अधीन कर लिया और 2015 में अपने गठन के बाद से, बीएमसी इसका आयोजन कर रही है।