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लुधियाना के किसानों ने बायो गैस प्लांट पर ताला क्यों लगा दिया?

बढ़ती बीमारियों व दूषित वातावरण के डर से गांव वालों ने निर्माणाधीन बायो-गैस प्लांट पर लगाया ताला। किसान यूनियन के नेताओं ने भी किया विरोध प्रदर्शन।

put lock on bio-gas plant

बायो-गैस प्लांट में लगा ताला (Photo Credit: freepik)

पंजाब  के लुधियाना के बग्गा कला गांव में बन रहे निर्माणाधीन बायो-गैस प्लांट के गेट पर गांव वालों ने ताला लगा दिया। गांव वालों का कहना है कि इस बायो-गैस प्लांट के बनने से ग्रामीणों के स्वास्थ्य और पर्यायवरण पर काफी असर पड़ेगा। पिछले कई दिनों से लगातार ग्रामीणों का विरोध जारी है। किसान नेता स्वर्ण सिंह ने बताया कि पंजाब के विभिन्न गांवों में बनाए जा रहे बायो-गैस प्लांट स्थानीय लोगों के लिए खतरा का विषय बन रहा है।

 

ग्रामीणों की चर्चा के बाद यह फैसला लिया गया कि अभी चल रहे काम को 72 घंटे तक जारी रखने की अनुमति दे दी जाए, ताकि साइट पर पहले से मौजूद सामग्रियों का उपयोग किया जा सके। ग्रामीणों ने कहा, 'समस्याओं को ध्यान रखा जाए। हम 10 दिन का समय देते हैं।' इस पूरे विरोध प्रदर्शन में किसान यूनियन के नेता भी शामिल थे। 

 

डीसीपी सिटी ने क्या कहा?

 

पुलिस उपायुक्त (डीसीपी सिटी) शुभम अग्रवाल ने कहा, 'ग्रामीणों द्वारा एक समिति बनाई जाएगी, जिसमें आस-पास के लोग भी शामिल होंगे। फैक्ट्री प्रबंधन अपने कार्य को चलाने की जानकारी समिति के सामने पेश करेगा, जो तय करेगी कि फैक्ट्री में काम जारी रखा जा सकता है या नहीं।' उन्होंने कहा कि जब तक गांव वाले समिति के परिणाम से संतुष्ट नहीं हो जाते तब तक गेट पर ताला लगा रहेगा।

 

क्या कहते हैं किसान संघ के नेता?

 

पराली और खेती से जुड़ी अन्य चीजों का इस्तेमाल करके बायो-गैस बनती है। आस-पास के लोगों पर इसके प्रभाव से बढ़ती चिंताओं के कारण विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। किसान संघ के नेताओं का कहना है कि इससे पौधों के आस-पास रहने वाले मच्छरों और मक्खियों को भी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

 

स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ेगा?
 
लोगों की चिंता है कि प्लांट से निकलने वाली जहरीली गैस न केवल वातावरण को प्रदूषित करेगी, बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव डालेगी। स्थानीय महिला नेत्री करनैल कौर, सिमरनजीत कौर और हरजीत कौर ने इस पर गंभीर चिंता जताई। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि स्थानीय लोगों से विचार-विमर्श के बाद ही प्लांट को दोबारा चालू किया जाएगा। स्थानीय लोगों ने इस मुद्दे को लेकर 20 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, जो सरकार और अधिकारियों से बात करेगी। कमेटी ने स्पष्ट किया है कि सरकार से बातचीत के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।

 

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