उत्तर प्रदेश, प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में किन्नर अखाड़े की चर्चा फिर तेज हो गई है। हाल ही में, किन्नर अखाड़े ने बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद दिया था। इसके बाद कुछ साधु-सन्यासियों ने इसके पक्ष में बयान दिया, तो वहीं कुछ ने इसका विरोध भी किया था। इसी बीच एक नई खबर आई है कि किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को पद से मुक्त करने का निर्देश दिया है।
अजय दास ने लगाया ये आरोप
कुछ समय से चर्चा तेज थी कि किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर को पद मुक्त करने के लिए अखाड़े के संतों में चर्चा तेज थी। अब अखाड़े संस्थापक द्वारा आए विज्ञप्ति में इस पर मुहर भी लग गई। अजय दास ने आचार्य महामंडलेश्वर पर बिना अनुमति के काम करने का आरोप लगाते हुए कहा, 'जिस धर्म प्रचार-प्रसार और धार्मिक कर्मकांड के साथ ही किन्नर समाज के उत्थान इत्यादि की आवश्यकता से उनकी नियुक्ति की गई थी, यह उस पद से सर्वदा भटक गए हैं। इन्होंने मेरी बिना सहमति के जूना अखाड़ा के साथ एक लिखित अनुबंध 2019 के प्रयागराज कुंभ में किया।'

बिना वैराग्य के ममता कुलकर्णी को बना दिया महामंडलेश्वर
अजय दास ने यह भी आरोप लगाया कि, 'आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने असवैधानिक ही नहीं, बल्कि सनातन धर्म और देश हित को छोड़कर ममता कुलकर्णी जैसे देशद्रोह के मामले में लिप्त महिला, जो कि फिल्मी ग्लैमर से जुड़ी हुई हैं, उसे बिना किसी धार्मिक और अखाड़े की परंपरा को मानते हुए वैराग्य की दिशा के बजाय सीधे महामंडलेश्वर की उपाधि और पट्टा अभिषेक कर दिया। जिस वजह से मुझे आज बेमन से मजबूर होकर देश हित, सनातन और समाज हित में इन्हें पद मुक्त करना पड़ रहा है।'
आचार्य महामंडलेश्वर और अजय दास में टकराव
किन्नर अखाड़े के संस्थापक और अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के बीच टकराव अब खुलकर सामने आ गया है। जहां एक तरफ अजय दास ने आचार्य महामंडलेश्वर को पद से मुक्त करने की बात कही, वहीं दूसरी ओर डॉ. त्रिपाठी ने अजय दास के किसी भी पद पर न होने की बात कही। वहीं आज दोपहर 3 बजे आचार्य महामंडलेश्वर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस विवाद पर अपनी बात कहेंगे। साथ ही अजय दास के खिलाफ तीखा रुख दिखाते हुए कहा कि उन्हें पहले ही अखाड़े से निकाल दिया गया है।