पति महाकुंभ में तैनात, IAS पत्नियां संवार रहीं महिलाओं की जिंदगी
राज्य
• PRAYAGRAJ (ALLAHABAD) 24 Jan 2025, (अपडेटेड 24 Jan 2025, 1:36 PM IST)
महाकुंभ में जिन अधिकारियों की नियुक्ति हुई है, उनकी पत्नियां भी बढ़-चढ़कर सामाजिक कार्यों में हिस्सा ले रही हैं। महिलाओं को आत्मनिर्भरता के गुर सिखा रही हैं।

आकांक्षा समिति के कैंप में रश्मि सिंह। (File Photo- Khabargaon)
प्रयागराज के महाकुंभ नगर में दुनियाभर के सनातनी श्रद्धालुओं का संगम हुआ है। संगम क्षेत्र रोजगार सृजन, मार्केट प्लेस और इकोनॉमिकल हब बन गया है। महाकुंभ 2025 को अलग पहचान देने के लिए IAS अधिकारियों की पत्नियां भी सरकार की मदद कर रही हैं। जिन अधिकारियों को कुंभ क्षेत्र में नियुक्त किया गया है, उनकी पत्नियां भी स्थानीय स्तर पर कुंभ में नई-नई पहल कर रही हैं। महाकुंभ में आकांक्षा समिति नाम का एक संगठन समाज में वंचित और हाशिए पर पड़ी महिलाओं को प्रदर्शनी के जरिए जागरूक कर रही है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने की ट्रेनिंग दी जा रही है।
महाकुंभ नगर में जगह-जगह छोटे बड़े स्टॉल हैं। मेला क्षेत्र में घुसते ही सेक्टर 1 तिकोनिया मुहाने पर आकांक्षा द्वार है। यहीं प्रदर्शनी और शॉप स्टॉल है। यह वंचित और हाशिए पर पड़ी महिलाओं को सशक्त बनाने के मकसद से लगाई गई है। उत्तर प्रदेश के 75 जिलों और जम्मू-कश्मीर से आए स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई है। प्रदर्शनी में हस्तशिल्प, वस्त्र, और अलग-अलग स्थानीय उत्पादों की झांकी लगाई गई है।
इन झाकियों में खास क्या है?
आकांक्षा प्रदर्शनी के गेट से प्रवेश करते ही सबसे पहले आपकी नजर जम्मू कश्मीर के स्टॉल पर पड़ेगी। जहां पर जम्मू कश्मीर से आई महिलाओं और लड़कियों द्वारा स्वयं के द्वारा तैयार प्रोडक्ट को प्रदर्शित किया गया है। जम्मू कश्मीर की हस्तकला, वूलेन वस्त्र, डिजाइन वाले शाल हाथ की कार्यकारी से तैयार वस्तुओं के देख और खरीद सकते हैं। इसी स्तर पर जम्मू कश्मीर से आई छात्रा रुतबा सोफी के हस्तकला से निर्मित बेहद खूबसूरत महाकुंभ लोगो को भी देख खरीद सकते हैं। फिर वही बगल के स्टॉल पर जम्मू कश्मीर और दुर्लभ पहाड़ी क्षेत्र में पाए जाने वाले खास जड़ी बूटियां ,जीवन उपयोगी औषधियां को भी समझा खरीदा जा सकता है।
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आकांक्षा समिति का संदेश क्या है?
आकांक्षा समिति की राज्य प्रमुख श्रीमती रश्मि सिंह पत्नी आईएएस अधिकारी ,मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश सरकार मनोज सिंह ने बताया कि आकांक्षा समूह इस तरह की जो प्रदर्शनी होती है प्रदर्शनी में समूह की महिलाएं अलग अलग जगह से विभिन्न जनपदों से आई हैं। आकांक्षा के माध्यम से उन्हें एक बेहतर स्पेस मिल रहा है। महिलाओं के हाथ से बनी हुई वस्तुओं और उनके बारे में लोगों को जानकारी हो, उन्हें पता चले कि प्रोडक्ट को खरीद रहे हैं वह दूर दराज के घरों की गृहणी महिलाओं द्वारा हैंडमेड है। इसके पीछे कितनी मेहनत है क्या कहानी है। महिला समूह के द्वारा लघु उधोग से सरकार उन्हें कैसे जोड़ रही है । कैसे आकांशा समिति उनको सबल बनाने का काम करती है यह प्रदर्शनी में आकर पता चल जाएगा। इतना ही नही यहां जम्मू कश्मीर से भी महिलाएं आईं हैं।
महाकुंभ में दिख रही समरसता की झांकी
महाकुंभ में यह अवसर मिला जिससे एक दूसरे के कल्चर, रहन सहन के सनातन संस्कृति की समरसता की झांकी भी दिख रही है। जैसे संगम में विशालता है, उसी तरह से यहां भी महिलाओं को सबल आत्मनिर्भर बनाने के लिए सबका साथ सबका विकास की भावना है। हम सब मिलकर आकांशा समिति के माध्यम से सरकार को सहयोग करते हैं। हमारा उद्देश्य शिक्षा, स्वास्थ्य और आय सृजन के माध्यम से वंचित और हाशिए पर पड़ी महिलाओं और बालिकाओं को सशक्त बनाना है।
अनाथ बच्चों के लिए संदेश क्या है?
महाकुंभ में पहुंचीं समिति की मंडलीय अध्यक्ष हेमा पंत और जिला अध्यक्ष कविता मीणा ने इसे महिलाओं की आत्मनिर्भरता और अनाथ बच्चों की शिक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण पहल बताया। वहीं जे एम के अधिकारी जाफर अब्बास ने का धन्यवाद देते हुए बताया किया प्रयागराज में महाकुंभ के अवसर पर जम्मू एंड कश्मीर के महिलाओं और बालिकाओं का स्वयं सहायता समूह पहली बार आया है। सभी को बहुत अच्छा लग रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार और जम्मू कश्मीर सरकार के मधुर संबंधों का एक उदाहरण है।
आकांक्षा समिति का मकसद क्या है?
यह प्रदर्शनी और स्टॉल आकांक्षा समिति की ओर से लगी है जिसकी सबसे बड़ी खासियत यही है कि यह उत्तर प्रदेश आईएएस अधिकारी पत्नी संघ की है। जिसके सदस्य और पदाधिकारी भी आईएएस अधिकारी की पत्नियां ही हैं। आकांक्षा समिति का एक बड़ा उद्देश्य शिक्षा, स्वास्थ्य और आय सृजन पहल के माध्यम से उत्तर प्रदेश की महिलाओं और बालिकाओं को सशक्त बनाना भी है। महिलाओं और बच्चों की क्षमता, विकास और सशक्तिकरण को सुगम बनाने की दिशा देना इस संस्था का मकसद है।
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12 फरवरी 2023 को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आकांक्षा समिति और यूपी कौशल विकास मिशन के बीच एक समझौता हुआ था । जिससे आकांक्षा समिति को सरकार की तरफ से सहयोग मिला। विशेष रूप से दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों में लक्षित लाभार्थियों तक सरकारी विकास योजनाओं की जानकारी को पहुंचाना और उसकी उपयोगिता बढ़ाना है।
आकांक्षा समिति, एक स्वैच्छिक पंजीकृत गैर-सरकारी संगठन है। यह उत्तर प्रदेश के भारतीय प्रशासनिक अधिकारियों की पत्नी संघ की विकास शाखा है। 1987 में तत्कालीन मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश की पत्नी सुश्री श्यामला कल्याण कृष्ण ने इसकी स्थापना की थी। यह संगठन महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण पर ध्यान देता है। समाजित तौर पर सोशित और वंचित महिलाओं के लिए यह संस्था काम करती है।
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