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मौनी अमावस्या पर जाना है महाकुंभ? पहले ही जान लीजिए पूरा ट्रैफिक प्लान

आगामी मौनी अमावस्या स्नान के लिए महाकुंभ क्षेत्र और प्रयागराज शहर के लिए ट्रैफिक प्लान तैयार किया गया है। इसके मुताबिक, आपको कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ सकता है।

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नेहरू पार्क सेटेलाइट पार्किंग, Photo Credit: Khabargaon

महाकुंभ में संगम में आस्था की डुबकी लगाने वाले आम श्रद्धालु जन जान लें कि महाकुंभ नगर आने-जाने का रूट प्लान नहीं पता होने पर भटकने के साथ ही भारी फजीहत भी हो सकती है। महाकुंभ नगर में आवागमन के ट्रैफिक प्लान को अच्छी तरह से जान समझकर ही प्रयागराज की तरफ आगे बढ़ें। अगर आप निश्चित ट्रैफिक प्लान के अनुसार आएंगे तो आपको काफी सहूलियत होगी।

 

सरकारी दावे कुछ भी हों लेकिन आम श्रद्धालुओं को संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए मानसिक शारीरिक रूप से 10 से 15 किलोमीटर पैदल चलने की तैयारी करके आना पड़ेगा। 29 जनवरी को महाकुंभ के दूसरे प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या को लेकर 26 जनवरी से ही श्रद्धालुओं की संख्या करोड़ों में पहुंचने की उम्मीद लगाई जा रही है। जिसको देखते हुए व्यापक सुरक्षा बंदोबस्त भी किया जा रहे हैं। वैसे भी सामान्य दिनों में भी महाकुंभ नगर क्षेत्र में औसतन 70 या 80 लाख से एक करोड़ तक श्रद्धालु प्रतिदिन स्नान कर रहे हैं। ऐसे में अगर आप भी महाकुंभ 2025 के पावन पर्व पर संगम में आस्था की डुबकी लगाने रहे हैं तो ये मेला क्षेत्र में आवागमन के नवीनतम रूट को जानना बहुत जरूरी है।

 

रूट प्लान जानना जरूरी

 

बता दें कि विश्व को सबसे बड़े धार्मिक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम महाकुंभ 2025 में अगर आप संगम में श्रद्धा की डुबकी लगाने की सोच रहे हैं तो मेला क्षेत्र में आवागमन के रूट प्लान की जानकारी जरूर कर लें क्योंकि प्रमुख 6 स्नान पर्व के दरमियान आपको 10 से 15 किलोमीटर तक पैदल चलकर ही संगम स्नान करने का पुण्य मिलेगा। प्रशासनिक अमले और सरकार के दावे कुछ भी हों लेकिन हकीकत यही है क्योंकि 13 जनवरी प्रथम स्नान पर्व पौष पूर्णिमा और 14 जनवरी मकर संक्रांति के दौरान रेलवे स्टेशन और विभिन्न पार्किंग स्थलों से कई किलोमीटर पैदल चलकर मेला क्षेत्र में पहुंचे लाखों श्रद्धालु क्राउड मैनेजमेंट के तहत मेला क्षेत्र में भी डायवर्जन से होकर संगम पहुंचे।

 

फिलहाल, अब अगला दूसरा प्रमुख स्नान पर्व 29 जनवरी मौनी अमावस्या पर दो दिन पूर्व और दो दिन बाद तक नो व्हेकिल जोन रहेगा। ऐसे में सही ट्रैफिक रूट की जानकारी होना आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा क्योंकि कमिश्नरेट प्रयागराज के सीमावर्ती जनपद कौशांबी, प्रतापगढ़, फतेहपुर, चित्रकूट, वाराणसी, मिर्जापुर, जौनपुर, भदोही, रायबरेली, रीवा, सतना में भी डायवर्जन प्लान और यातायात को नियंत्रित करने की योजना लागू है। इन जनपदों से आने वाले सड़क मार्गों पर पार्किंग के लिए कुल 102 स्थल बनाए गए हैं जिनमें लगभग साढ़े 5 लाख गाड़ियों को पार्क करने की व्यवस्था है।

मेला क्षेत्र में आवागमन के प्रमुख मार्ग 

 

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ स्थित मेला क्षेत्र में आने के लिए सात प्रमुख मार्ग हैं। जिसमें सभी प्रमुख साथ मार्गों की अलग-अलग यातायात योजना बनी है, बड़े एवं छोटे वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किंग स्थलों का भी निर्धारण किया गया है। श्रद्धालुओं के वाहनों की पार्किंग तक पहुंचाने के लिए के विभिन्न मार्गों पर यह व्यवस्था बनाई गई है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि आगमन और वापसी के अलग-अलग मार्ग है जिसका पालन करने से आप किसी भी असुविधा से बच सकते हैं।

 

लखनऊ-प्रतापगढ़ मार्ग 

 

अगर आप लखनऊ-प्रतापगढ़ मार्ग से मेला क्षेत्र आ रहे हैं तो मलका हरहर इंटर सेक्शन से शांतिपुरम, फ़ाफामऊ तिराहा से चंद्रशेखर आजाद ब्रिज पर से फाफामऊ ब्रिज लूप से नीचे उतर कर रिवर फ्रंट रोड पर नारायणी आश्रम के सामने से गंगेश्वर पार्किंग पहुंचेंगे वहां से पैदल गंगेश्वर संगम घाट तक जा सकेंगे लेकिन विशेष परिस्थितियों में आपके वाहन को बेला कछार पार्किंग में ही छोड़ना पड़ सकता है जहां से संगम तक इसी रूट पर पैदल जाना होगा। जिसकी दूरी लगभग 15 किलोमीटर है।

 

वापसी के लिए दूसरा मार्ग नागवासुकी संगम भाग सेक्टर 6 से आईईआरटी पार्किंग, आईईआरटी फ्लाई ओवर, मजार चौराहा मंडलायुक्त कार्यालय, लाजपत राय रोड से स्टैनली रोड तेलियरगंज चंद्रशेखर आजाद पल होते हुए फाफामऊ की तरफ निकल सकते है। सामान्य परिस्थितियों में आप गंगेश्वर घाट से गंगेश्वर पार्किंग आगे नारायण आश्रम से रिवर फ्रंट रोड होते हुए फ़ाफामऊ ब्रिज लूप - प्लाटून पुल या चंद्रशेखर आजाद ब्रिज पर से फाफामऊ तिराहा से आगे शांतिपूरम होते हुए मलका हरहर इंटरसेक्शन से लखनऊ प्रतापगढ़ मार्ग पर पहुंच सकते हैं।

 

वहीं लखनऊ फैजाबाद फतेहपुर प्रतापगढ़ से वाया ट्रेन आने वाले श्रद्धालुओं को फाफामऊ स्टेशन पर उतरना होगा वहां से पैदल चंद्रशेखर आजाद ब्रिज के नीचे से होते हुए नारायणी आश्रम के सामने बने रिवर फ्रंट रोड से होते हुए गंगेश्वर थाना, नारायणी थाना सेक्टर 10 के मार्ग चकर प्लेट मार्ग या इंटरलॉकिंग मार्ग से सेक्टर 9,8,7,6,5, होते हुए संगम क्षेत्र तक जाना होगा। जिसकी दूरी लगभग 12 किलोमीटर है।

कानपुर फतेहपुर कौशांबी मार्ग 

 

अगर आप कानपुर फतेहपुर से होते हुए कौशांबी मार्ग मार्ग से प्रयागराज की ओर आ रहे हैं तो कौशांबी कोखराज मूरतगंज पूरामुफ्ती से मुंडेरा मंडी के आगे जीटी रोड पर ही सुलेम सराय के आगे नेहरू पार्क सेटेलाइट पार्किंग और वायु सेवा पार्किंग और फोर्थ बटालियन पीएसी पार्किंग मुंडेरा मंडी और पुरामुफ्ती में अपनी सुविधानुसार वाहन पार्क करना पड़ेगा। वहां से शटल बस से हिन्दू हॉस्टल पार्किंग तक जाना होगा। फिर वहां से पैदल चलकर संगम क्षेत्र पहुंच सकते हैं। क्षेत्र के अंदर भी संगम जाने के लिए घुमावदार मार्ग से गुजरना पड़ सकता है।

 

वहीं दिल्ली कानपुर की तरफ से सूबेदार गंज स्टेशन उतरने वाले श्रद्धालुओं और यात्रियों को सूबेदारगंज के बाहर से ही शटल बस सेवा मिलेगी जो हिंदू हॉस्टल तक पहुंचा देगी वहां से पैदल संगम की ओर कूच करना होगा। सूबेदारगंज से नेहरू पार्क तक पैदल चलकर वहां पर बनी सैटेलाइट पार्किंग से भी शटल बस की सेवा ले सकते हैं।

रीवा चित्रकूट मार्ग 

 

रीवा चित्रकूट मार्ग से होते हुए महाकुंभ के मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सड़क मार्ग के लिए आगमन का रास्ता मामा भांजा तालाब से दांडी तिराहा से टिकरी मोड फिर खान चौराहा के आगे एग्रीकल्चर पार्किंग , जो प्रयम पार्किंग गजिया ग्राम पार्किंग तक है। वहां से अरेल संगम घाट या पुल से होते हुए संगम तक जा सकते हैं। वापसी के लिए अरेल संगम घाट से गाजिया ग्राम पार्किंग नवम प्रयाग पार्किंग, न्यू यमुना पुल, लेप्रोसी जंक्शन, दांडी तिराहा मामा भांजा तालाब जंक्शन से होते चित्रकूट रीवा मार्ग पर वापस जा सकते हैं।

मिर्जापुर मार्ग 

 

मिर्जापुर मार्ग से आने वाले श्रद्धालुओं को रज्जू भैया स्टेट यूनिवर्सिटी से आगे सरस्वती हाईटेक पार्किंग, मदनुवा पार्किंग ओमेक्स सिटी पार्किंग, टेंट सिटी पार्किंग, देवरथ पार्किंग में से किसी भी एक पार्किंग पर अपनी गाड़ी पर कर सकते हैं वहां से अरेल संगम घाट तक पैदल जाना होगा।

वाराणसी मार्ग 

 

वाराणसी मार्ग से महाकुंभ नगर क्षेत्र आने के लिए आगमन मार्ग के लिए राजा तालाब से भदोही हंडिया सैदाबाद हनुमानगंज हसुआ मोड ,कटिहार मोड़ से आगे कटिहार अंडरपास चमनगंज, जेकेडीएल मार्ग से नागेश्वर शिव मंदिर उस्तापुर पार्किंग तक पहुंच सकते हैं। वहां से पैदल एरावत घाट और फिर संगम क्षेत्र जा सकते हैं। वापसी के लिए एरावत संगम घाट से जेकेडीएल मार्ग, रिंग रोड साहसों हसूबा मोड हनुमानगंज सैदाबाद हडिया भदोही राजा तालाब वाराणसी जा सकते हैं।

जौनपुर मार्ग 

जौनपुर से महाकुंभ मेला क्षेत्र में आने के लिए फूलपुर से सहसों चौराहा, रिंग रोड जेकेडीएल रोड से नागेश्वर मंदिर पार्किंग शिव मंदिर उस्तापुर पार्किंग उस्तापुर, छटनाग मार्ग से ऐरावत घाट पहुंच सकते हैं।

 

मौनी अमावस्या पर भारी भीड़ को देखते हुए कुछ पार्किंग स्थल और भी बनाए गए हैं जहां पर विशेष परिस्थितियों में वाहन पार्क करने की सुविधा होगी। मेला प्राधिकरण द्वारा निशुल्क और शुल्क सहित पार्किंग है। शुल्क भी तय किया गया है जो डिस्प्ले बोर्ड पर साफ-साफ लिखा है।

 

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