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चुनाव में एक साल से ज्यादा समय बाकी, मणिपुर में फिर सरकार बनाएगी BJP?

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है। भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने में सक्षम है। ऐसी अटकलें लगाई जा रहीं हैं कि मणिपुर में बीजेपी एक बार फिर सरकार बना सकती है।

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दिल्ली में जुटे मणिपुर के बीजेपी विधायक। Photo Credit: PTI

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2 साल की हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता के बाद भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली में अपने कुकी और मैतेई विधायकों के साथ एक अहम बैठक की है। 2 साल में पहली बार ऐसा हो रहा है, जब मैतेई और कुकी नेताओं ने राज्य में शांति बहाली के लिए साथ बैठक की हो।  

भारतीय जनता पार्टी के संगठन महासचिव बीएल संतोष और नॉर्थ-ईस्ट के कोऑर्डिनेटर संबित पात्रा की अध्यक्षता में बैठक हुई। चर्चा के केंद्र में मणिपुर में शांति बहाली रही लेकिन अब अटकलें लगाई जा रहीं हैं कि बीजेपी राज्य में सरकार गठन के लिए आगे बढ़ सकती है। 

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बहुमत फिर क्यों राज्य में लागू है राष्ट्रपति शासन?

मणिपुर में बीजेपी के नेतृत्व वाली एन बीरेन सरकार के पास विधानसभा में पूर्ण बहुमत था, फिर भी फरवरी 2025 में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद कोई नया मुख्यमंत्री चुनने में सहमति नहीं बनी। बीजेपी ने मुख्यमंत्री बनाने की कोशिश भी नहीं की। वजह यह थी कि न तो मैतेई विधायक सहमत हो रहे थे, न तो कुकी विधायक।

 

मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच 2023 से चली आ रही जातीय हिंसा के कारण कानून-व्यवस्था अब तक नहीं संभल पाई है। संवैधानिक मशीनरी हाशिए पर रही। 2 साल बाद, मणिपुर कुछ हद तक स्थिर हुआ है। मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद राज्यपाल ने अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा की।  अगस्त 2025 में राष्ट्रपति शासन को 6 महीने के लिए और बढ़ा दिया गया। राज्य में सभी पक्षों के साथ शांति वार्ता की जा रही है लेकिन हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं।
 
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बीरेन सिंह ने इस्तीफा क्यों दिया था?

4 मई 2023 से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच राज्य में कई दौर की हिंसक झड़पें हुईं हैं। 260 से ज्यादा लोग इन हिंसाओं में मारे गए हैं। हजारों लोग बेघर हो गए हैं। राज्य की सत्तारूढ़ एन बीरेन सिंह सरकार के खिलाफ आक्रोश इतना बढ़ गया कि फरवरी 2025 में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। 

एन बीरेन सिंह ने फरवरी 2025 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया। Photo Credit: PTI

क्या संकेत मिल रहे हैं?

बीजेपी के कुकी-जो समुदाय के 7 में से 4 विधायकों ने रविवार को नई दिल्ली में पार्टी की विधायक दल की बैठक में हिस्सा लिया। मई 2023 में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसा भड़कने के बाद विधायकों में ठन गई थी। अब विधायकों में सहमति के आसार नजर आ रहे हैं।

क्या सरकार बना पाएगी बीजेपी?

बीजेपी के पास 60 सदस्यीय विधानसभा में 37 सीटें हैं। राज्य में बीजेपी के चुने हुए कुकी-जो समुदाय के 7 विधायक हैं। ये विधायक इंफाल और मैदानी इलाकों के विधायकों से बेहद नाराज हैं। अब रविवार को इनमें से चार कुकी विधायकों ने मैतेई विधायकों के साथ बैठक में हिस्सा लिया। बैठक के बाद समूह फोटो भी खिंचवाई। बीजेपी के पास बहुमत है, सरकार में आ सकती है। 

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कैसे साथ आने के लिए तैयार हुए मैतेई-कुकी विधायक?

मणिपुर के विधायकों के साथ हुई इस बैठक की अध्यक्षता बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव  बीएल संतोष और पूर्वोत्तर प्रभारी संबित पात्रा ने की। अटकलें लगाई जा रहीं हैं कि बीएल संतोष और संबित पात्रा ने पहले मैतेई विधायकों और सहयोगी नगा पीपुल्स फ्रंट के पांच विधायकों के साथ पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की मौजूदगी में बैठक की। बाद में चार कुकी विधायकों से अलग चर्चा की गई। 

बीएल संतोष और संबित पात्रा के साथ मणिपुर बीजेपी विधायक। Photo Credit: BJP

क्या निर्देश दिए गए हैं?

बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने विधायकों को निर्देश दिया है कि आम सहमति पर लोग तैयार हों। राज्य में शांति बहाली के लिए एकजुट होकर काम करें। फरवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है, ऐसे में सरकार बनाने पर भी दबाव पड़ रहा है। सरकार गठन का दावा कब किया अभी तक इसकी तस्वीर साफ भी नहीं हो पाई है। 

संबित पात्रा और बीएल संतोष। Photo Credit: BJP

 

कुकी समुदाय को क्या खटक रहा है?

कुकी समुदाय के ज्यादातर संगठनों का कहना है कि उन्हें अलग प्रशासनिक हिस्सा चाहिए। दोनों समुदायों में अब राजनीतिक कटुता इतनी बढ़ गई है कि साथ रहना मुश्किल है। कुकी विधायकों को अब शामिल कर, एक संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि अब आम सहमति बन गई है। बीजेपी ने अभी आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है, सिर्फ यह कहा जा रहा है कि शांति बहाली के मुद्दे पर सारे विधायक एक हुए हैं।

4 मई 2023 को मणिपुर में हिंसा भड़की थी। Photo Credit: PTI

मणिपुर की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल कितना है?

मणिपुर में साल 2022 में विधानसभा चुनाव हुए थे। विधानसभा चुनाव करीब 2027 में होंगे। चुनाव होने में करीब 15 महीने बाकी हैं, ऐसे में बीजेपी सरकार बनाने का विकल्प चुन सकती है। 


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