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पंचायत नहीं सुलझा पाई झगड़ा तो मध्य प्रदेश में तीर-धनुष वाली जंग हो गई

मध्य प्रदेश में भील और भिलाला आदिवासी समुदाय गुना में भिड़ गए। दोनों जनजातियों के बीच हिंसक लड़ाई है। हंगामे की पूरी कहानी क्या है, आइए जानते हैं।

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प्रतीकात्मक तस्वीर। (AI Generated। Photo Credit: Sora)

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मध्य प्रदेश के गुने जिले में तीर-धनुष लेकर दो आदिवासी समुदाय भिड़ गए। 60 हेक्टेयर जंगली जमीन को लेकर शुरू हुई इस लड़ाई में एक शख्स की मौत हो गई, वहीं कई घायल हो गए। दोनों समुदाय इस जमीन पर अपना दावा ठोकते हैं। पंचायत में दोनों समुदायों के बीच समझौता नहीं हो पाया तो दोनों समुदायों में हिंसक झड़प हो गई। गुना में भील और भिलाला समुदाय के बीच जंगल की इसी जमीन को लेकर झगड़ा हो रहा है। 
 
गुना में बमोरी के जंगलों में यह झड़प हुई है। यहां चकारी और चिकारी गांव के भिल और भिलाला समुदाय के लोग 300 बीघा जमीन पर अपना-अपना दावा ठोकते हैं। जब बात नहीं बनी तो दोनों तरफ से हमले शुरू हो गए। हैरान करने वाली बात यह रही कि इस जंग में दोनों समुदायों ने पारंपरिक हथियारों का इस्तेमाल किया, एक-दूसरे पर तीर-धनुष बरसाने लगे।
 
तीर, धनुष और गुलेल लेकर आदिवासी आपस में भिड़ गए। जंगल का यह इलाका, देखते ही देखते जंग के मैदान में बदल गया। जंग में 55 साल के गंगाराम भील की मौत हो गई है। उनके सीने में तीर घुस गया था। उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया। 

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पुलिस ने हिंसा पर क्या कहा है? 

गुना पुलिस ने कहा है कि यह विवाद चकरी के भील और चिकारी के भिलाला समुदाय के बीच दशकों से चला आ रहा है। दोनों समुदाय एक ही जमीन पर दावा करते हैं। भिलाला समुदाय पर जमीन के अतिक्रमण का आरोप है, वहीं भील समुदाय का दावा है कि यह जमीन उनके गांव के पास है, इसलिए उन्हीं का इस पर हक है। दोनों गांव एक-दूसरे के नजदीक हैं। यह इलाका,  राजस्थान की सीमा से सटा है। जिला मुख्यालय से इस इलाके की दूरी करीब 80 किलोमीटर है। यहां स्थिति अब तक तनावपूर्ण बनी हुई है। 

जिला प्रशासन ने क्या कहा है?

जिला कलेक्टर किशोर कन्याल ने टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में कहा, 'विवाद 300 बीघा जंगल की जमीन को लेकर है। वन अधिकारियों ने दोनों समूहों को समझाने के लिए पंचायत बुलाई थी लेकिन बातचीत विफल रही और स्थिति हिंसक हो गई। हम मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। जरूरी कार्रवाई की जा रही है।'

 

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हंगामा क्यों बरपा है?

मंगलवार शाम करीब 5 बजे पंचायत की बैठक चल रही थी। तभी अचानक दोनों समुदाय के लोग एक-दूसरे से बहस करने लगे। अधिकारी चुप कराते ही रहे लेकिन बैठक के दौरान हिंसा भड़क गई। 300 से 400 ग्रामीणों ने अचानक तीर और गुलेल से एक-दूसरे पर हमला करना शुरू कर दिया। वहां मौजूद लोगों ने कहा है कि जैसे पुराने जमाने में लड़ाइयां होतीं थीं, वैसे ही यहां भी जंग छिड़ गई। वहां से अधिकारी भी चले गए। 

रातभर पड़ी रही लाश

गंगाराम की लाश रातभर गांव में ही पड़ी रही। गुना के एसपी अंकित सोनी का कहना है कि अभी तक यह साफ नहीं है कि गंगाराम की मौत तीर से हुई है या पत्थर से हुई है, यह साफ नहीं है। तीर के घाव के आसपास खून नहीं था। 

16 के खिलाफ हत्या और दंगा का केस दर्ज

पुलिस ने भिलाला समुदाय के 16 लोगों के खिलाफ हत्या और दंगे का मामला दर्ज किया है। दो लोगों को गिरफ्तार किया है। मौके से एक बंदूक, तीन ट्रैक्टर और 12 बाइक जब्त की गई हैं। पुलिस के मुताबिक दूसरी ओर से कोई शिकायत नहीं मिली है।

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सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर

सोशल मीडिया पर गंगाराम के शव का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उनके सीने में तीर धंसा हुआ है। भील समुदाय की महिलाएं रोती हुई नजर आ रही हैं। हंगामे के बाद बुधवार सुबह 9 बजे तक पुलिस पहुंची। तब जाकर गंगाराम की लाश को वहां से बाहर निकाला गया। एसडीएम, तहसीलदार और पुलिस बल रातभर गांव के बाहर खड़े रहे। गांव में स्थिति अब भी तनावपूर्ण है। 

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