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खुद को IAS बताकर जी रहा था आलीशान जिंदगी, पोल खुली तो हो गया गिरफ्तार

बांद्रा के एक आलीशान गेस्ट हाउस में एक व्यक्ति खुद को IAS अधिकारी बताकर नौकरशाहों की तरह रह रहा था। मुंबई क्राइम ब्रांच ने इस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है।

MUMBAI CRIME BRANCH

सांकेतिक तस्वीर, Photo Credit: Grok

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के बांद्रा से एक ऐसा मामला सामने आया है जो किसी फिल्म में दिखाई गई ठगी की कहानी की तरह लगता है। एक व्यक्ति जिसने कभी UPSC का पेपर पास भी नहीं किया और वह एक IAS की तरह रह रहा था। मुंबई क्राइम ब्रांच ने बिहार के एक 32 साल के व्यक्ति को गिरफ्तार किया। वह व्यक्ति बांद्रा के एक आलीशान सरकारी गेस्ट हाउस में नौकरशाहों की तरह जीवन जी रहा था लेकिन वह कोई नौकरशाह नहीं था। खुद को IAS बताने वाले इस व्यक्ति ने कभी UPSC की परीक्षा पास ही नहीं की।

 

आरोपी चंद्रमोहन प्रसाद रामबली बिहार के वैशाली जिले के रहने वाले हैं। उन पर आरोप है कि वह कथित तौर पर खुद को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी बताकर IASअधिकारी को मिलने वाली सुविधाओं का आनंद ले रहे थे लेकिन उन्होंने कभी UPSC परीक्षा पास नहीं की थी। पुलिस ने बताया कि आरोपी अपने संपर्क के कारण एक अधिकारी की तरह रह रहा था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपी बांद्रा ईस्ट में कस्टम विभाग के सरकारी गेस्ट हाउस में दो दिनों से रह रहा था। यह सब नौकरशाही में एक संपर्क के कारण संभव हुआ जिसने उसे गेस्ट हाउस बुक करने में मदद की। हालांकि, उनके धोखे का पर्दाफाश तब हुआ जब मलाड में अधिकारियों को उनकी कार पर लगे बोर्ड पर शक हुआ।

 

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कैसे पकड़ा गया आरोपी?

 

28 जून को दोपहर करीब 1 बजे, कांस्टेबल लक्ष्मण बागवे और इंस्पेक्टर बालासाहेब राउत नियमित गश्त पर थे। इस दौरान उन्हें एक व्यक्ति के बारे में जानकारी मिली जो खुद को एक IAS अधिकारी बताकर रह रहे थे। वह एक सफेद स्विफ्ट डिजायर में घूम रहे थे जिस पर भारत सरकार का बोर्ड लगा रखा था। उन्होंने मलाड में एक होटल के पास आरोपी की कार को रोक लिया। कार में पीछे की सीट पर बैठे चंद्रमोहन प्रसाद रामबली ने अपना पहचान पत्र दिखाया जिसमें गृह मंत्रालय के सहायक डायरेक्टर के रूप में उन्हें दिखाया गया था और यह 2028 तक वैध है। इस पहचान पत्र को देखने के बाद भी अधिकारियों को कुछ ठीक नहीं लगा। इसके बाद आरोपी को पूछताछ के लिए दहिसर क्राइम ब्रांच ऑफिस में लाया गया। 

पूछताछ में बताया सच

जब आरोपी से क्राइम ब्रांच के ऑफिस में पूछताछ की गई तो उसने सब कुछ बता दिया। उसने बताया कि वह 2017 में सिविल सेवा की तैयारी करने दिल्ली गया था। उसके कुछ दोस्तों का सिलेक्शन हो गया लेकिन वह परीक्षा पास नहीं कर पाया। रिश्तेदार रिजल्ट के बारे में पूछ रहे थे और दबाव बढ़ रहा था। इसके बाद चंद्रमोहन ने फर्जी अधिकारी बनने का फैसला कर लिया। एक अधिकारी ने कहा, 'उसने अपनी इज्जत बचाने के लिए गांव के लोगों से कहा कि वह भी IAS अधिकारी बन गया है।'

फर्जी IAS बनकर घूम रहा था आरोपी

क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने बताया कि वह तीन दिन की छुट्टी के लिए मुंबई आए थे और उन्होंने आलीशान गेस्ट हाउस में रहने के लिए एक दोस्त की मदद ली जो एक सरकारी कर्मचारी थे। उन्होंने शहर भर में एक सरकारी अधिकारी को लाने-ले जाने के लिए एक ड्राइवर को बुक किया। ड्राइवर ने बाद में खुलासा किया कि आरोपी अपनी गिरफ्तारी से एक दिन पहले दादर में ट्रैफिक पुलिस को अपना नकली IAS ID दिखाकर भागने में सफल रहा।

 

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मामले की जांच में जुटी पुलिस

चंद्रमोहन प्रसाद रामबली पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 204, 336 (2) (जालसाजी) और 336 (3) (झूठा दस्तावेज बनाना) और 340 (नकली दस्तावेज को असली के रूप में इस्तेमाल करना) के तहत मामला दर्ज किया गया और उन्हें 3 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। एक अधिकारी ने कहा, 'अभी तक, उन्होंने किसी को भी आर्थिक रूप से धोखा नहीं दिया है लेकिन नकली ID के साथ IAS अधिकारी होने का दिखावा करते हुए मुंबई में घूमना कोई छोटी धोखाधड़ी नहीं है।'

 

अब इस मामले में पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आरोपी की मदद करने वाला कौन था और क्या आरोपी ने इससे पहले भी फर्जी अधिकारी बनकर कुछ ठगी की है। 

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