मुंबई के बायकुला स्थित वीरमाता जीजाबाई भोसले बॉटनिकल गार्डन और चिड़ियाघर (जिसे रानी बाग के नाम से भी जाना जाता है) में हाल ही में जन्मे तीन पेंगुइन बच्चों के नामों को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।BJP के स्थानीय नेता नितिन बांकर ने इन बच्चों को अंग्रेजी नाम देने का विरोध किया है और मांग की है कि महाराष्ट्र की धरती पर जन्मे इन पेंगुइन को मराठी नाम दिए जाएं।
नितिन बांकर, जो बायकुला विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के कार्यकर्ता हैं, ने चिड़ियाघर के बाहर प्रदर्शन किया और कहा, 'जब पेंगुइन को विदेश से लाया गया था, तब उनके अंग्रेज़ी नामों को स्वीकार किया गया। लेकिन जो बच्चे यहीं महाराष्ट्र में जन्मे हैं, उनके नाम मराठी में होने चाहिए।'
पेंगुइन के रखे गए हैं ये नाम
चिड़ियाघर प्रशासन ने हाल ही में जन्मे तीन पेंगुइन बच्चों का नाम नॉडी, टॉम और पिंगु रखा है। यह परंपरा 2016 से चली आ रही है, जब दक्षिण कोरिया से पहली बार हम्बोल्ट प्रजाति के पेंगुइन भारत लाए गए थे और उन्हें अंग्रेज़ी नाम दिए गए थे।
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बांकर का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में कई बार बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) से निवेदन किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा, 'यह सिर्फ नाम का मामला नहीं है, बल्कि मराठी भाषा की सांस्कृतिक पहचान और गौरव का विषय है। हमने BMC को पत्र भी लिखा, पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।'
चिड़ियाघर के अधिकारियों के अनुसार, ये तीनों पेंगुइन मार्च 2025 में दो जोड़ों से जन्मे थे। पेंगुइन कपल पोपाय और ऑलिव से 3 मार्च को नॉडी का जन्म हुआ। वहीं डेजी और डोनाल्ड नामक जोड़े से 7 मार्च को टॉम और 11 मार्च को पिंगु का जन्म हुआ। टॉम का नाम चिड़ियाघर में पहले से मौजूद जेर्री नामक पेंगुइन से मेल खाने के लिए रखा गया।
फिलहाल ये बच्चे अपने माता-पिता की देखरेख में हैं और चिड़ियाघर का स्टाफ उनकी नियमित निगरानी कर रहा है। ज़ू बायोलॉजिस्ट डॉ. अभिषेक सतम के अनुसार, 'तीन महीने पूरे होने पर ये बच्चे पानी के पूल क्षेत्र में घूमना शुरू करेंगे।'
इन बच्चों के साथ अब बायकुला चिड़ियाघर में कुल पेंगुइन की संख्या 21 हो गई है। चिड़ियाघर प्रशासन अब उनके घर को 400 वर्गफुट तक बढ़ाने की योजना बना रहा है, जिससे 40 पेंगुइन तक को जगह मिल सके। चूंकि ज्यादातर पेंगुइन अब 6-7 साल के हैं और 15 साल तक प्रजनन कर सकते हैं, ऐसे में आने वाले सालों में और बच्चों के जन्म की उम्मीद की जा रही है।