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नासिक: दरगाह हटाने पर बवाल, 21 पुलिसकर्मी घायल, 15 उपद्रवी पकड़े गए

नासिक में एक अवैध दरगाह को हटाने की कार्रवाई के दौरान वहां जमा हुई भीड़ ने पुलिस पर ही हमला बोल दिया। इस टकराव में कुल 21 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं।

situation after demolition

बुलडोजर एक्शन के बाद दरगाह की स्थिति, Photo Credit: PTI

महाराष्ट्र के नासिक में एक अवैध दरगाह को हटाने की कार्रवाई के दौरान मंगलवार रात को बवाल हो गया। दरगाह को हटाने का विरोध कर रही भीड़ ने हमला बोल दिया और इसमें 21 पुलिसकर्मी घायल हो गए। मामला बिगड़ता देख पुलिस ने भी लाठीचार्ज कर दिया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। फिलहाल स्थिति शांतिपूर्ण है और हिंसा में शामिल 15 लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक, सत पीर बाबा दरगाह को अब पूरी तरह से हटा दिया गया है। कोर्ट ने इसे अवैध करार दिया था और उसे हटाने का आदेश भी दिया था।

 

रिपोर्ट के मुताबिक, नासिक नगर निगम ने 1 अप्रैल को ही नोटिस दिया था और 15 दिन में दरगाह के अवैध निर्माण को हटाने को कहा था। निगम ने कहा था कि अगर इसे हटाया नहीं गया तो बुलडोजर चलाकर इसे ध्वस्त कर दिया जाएगा। यही समयसीमा खत्म होने पर यहां बुलडोजर से कार्रवाई की गई बुधवार सुबह 9 बजे तक अवैध निर्माण को पूरी तरह से हटा दिया गया।

 

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क्यों हुआ बवाल?


पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब पुलिसकर्मी अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई के दौरान सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात थे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में स्थिति शांतिपूर्ण है। पुलिस ने बताया कि बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद बुधवार सुबह करीब 6 बजे नासिक नगर निगम (एनएमसी) ने कथे गली इलाके में स्थित अवैध सतपीर बाबा दरगाह को हटा दिया। नासिक के पुलिस कमिश्नर संदीप कार्णिक ने कहा, 'हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार, सतपीर दरगाह के न्यासियों ने मंगलवार रात को अवैध निर्माण हटाने की प्रक्रिया शुरू की। इस दौरान एक उग्र भीड़ ने इसका विरोध किया और पुलिस और उन मुस्लिम नेताओं पर पथराव किया जो प्रदर्शनकारियों को शांत कराने गए थे।'

 

 

उन्होंने कहा, 'पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। इस हमले में तीन पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हुए और 21 पुलिसकर्मी घायल हो गए। दरगाह को सुबह हटा दिया गया और मामले में एफआईआर दर्ज करके गिरफ्तारी की प्रक्रिया जारी है।' पुलिस उपायुक्त किरण कुमार चव्हाण ने बताया कि मंगलवार रात करीब 11:30 बजे न्यासी अतिक्रमण हटाने के लिए मौके पर पहुंचे थे और उन्होंने काम शुरू कर दिया था। उसी समय उस्मानिया चौक के पास एक भीड़ एकत्र हो गई जो न्यासियों और अन्य लोगों की बात नहीं सुन रही थी।

 

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क्या है विवाद?

 

किरण कुमार ने आगे कहा, 'पुलिस अधिकारियों ने भी प्रदर्शनकारियों को शांत कराने की कोशिश की लेकिन उन्होंने पुलिस की बात भी नहीं मानी। उपद्रवियों ने पथराव कर कुछ वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। अब तक 15 लोगों को हिरासत में लिया गया है और संदिग्धों की 57 मोटरसाइकिलें जब्त की गई हैं। वर्तमान में स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है।' नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार, बुधवार सुबह अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में लगभग 50 कर्मचारी शामिल थे और इसमें चार खुदाई मशीनें, छह ट्रक और दो डंपर का इस्तेमाल किया गया।

 

इसी साल फरवरी में नगर निकाय की अतिक्रमण विरोधी टीम ने दरगाह के पास कई अवैध ढांचों को हटाया था। हालांकि, कुछ स्थानीय निवासी और हिंदू संगठनों के सदस्य तब मौके पर पहुंचे थे और उन्होंने दावा किया था कि दरगाह स्वयं अवैध है और इसे हटाया जाना चाहिए। नासिक सेंट्रल की विधायक देवयानी फरांदे ने भी कहा था कि फरवरी में की गई NMC की अतिक्रमण रोधी कार्रवाई पूरी नहीं हुई थी और पूरे स्थल को साफ किया जाना चाहिए।

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