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संभल में अब मिली 150 साल पुरानी रानी की 'बावड़ी', जमीन की खुदाई जारी

संभल में अब खुदाई के दौरान एक 150 साल पुरानी बावड़ी मिली है। बावड़ी में चार कमरे हैं, जिसकी संरचना मार्बल से बनी है।

Sambhal baoli

बावड़ी की खुदाई करते कर्मचारी। Source- ANI

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में लगातार खनन जारी रही है। जिले में 46 साल के बाद शिव-हनुमान मंदिर मिलने के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण टीम ने रविवार को चंदौसी क्षेत्र में खुदाई की। इस खुदाई में एक रानी की बावड़ी का पता लगाया है।

संभल के डीएम राजेंद्र पेंसिया ने खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि खुदाई में 400 वर्ग मीटर के क्षेत्र में एक 'बावड़ी' का पता चला है। चार कमरों वाली इस बावली में संगमरमर की कुछ मंजिलें हैं।

बावली लगभग 400 वर्ग मीटर में फैली है

उन्होंने कहा, 'आह-बावड़ी तालाब लगभग 400 वर्ग मीटर में फैली है। माना जाता है कि इस बावली का निर्माण बिलारी के राजा के दादा के समय में हुआ था। दूसरी और तीसरी मंजिल संगमरमर से बनी है और ऊपरी मंजिलें ईंटों से बनी हैं। बावड़ी में चार कमरे हैं।'

बावली के आधे हिस्से पर कब्जा

डीएम राजेंद्र पेंसिया ने आगे कहा कि बावली की पूरी संरचना का पता लगाने के लिए आगे की कार्रवाई की जाएगी। बावड़ी पूरी तरह से मिट्टी से ढक गई है। संभल नगर पालिका की टीम ऊपर जमी हुई मिट्टी को हटा रही है। वर्तमान में बावड़ी का हिस्सा केवल 210 वर्ग मीटर बाहर है और बाकी के हिस्से पर कब्जा है। डीएम ने कहा कि अतिक्रमण हटाने के लिए कार्रवाई की जाएगी।

एएसआई कर रही है सर्वे

डीएम का कहना है कि बावली की संरचना 150 साल से ज्यादा पुरानी हो सकती है। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने भूमिगत संरचना के बारे में जानकारी मिलने के बाद खुदाई का काम शुरू किया है। बता दें कि संभल में भारतीय पुरातत्व विभाग की टीम शनिवार को कल्कि मंदिर पहुंची थी। संभल में टीम ने पांच अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर सर्वे किया था। जिसमें 19 कुएं और 5 मंदिर मिले थे।

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