पंजाब के पूर्व महानिदेशक (डीजी) मोहम्मद मुस्तफा के बेटे अकील अख्तर की रहस्यमय मौत के मामले में पुलिस को नए सबूत मिले हैं। पुलिस अब अकील की निजी डायरी की जांच कर रही है और ड्रग्स से जुड़े सामान की भी पड़ताल हो रही है।
विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रमुख एसीपी विक्रम नेहरा ने शुक्रवार को बताया कि अकील के परिवार ने हाल ही में उनकी डायरी पुलिस को सौंपी है। नेहरा के मुताबिक, 'हमने डायरी को कब्जे में ले लिया है। इसमें कुछ बातें लिखी हैं, जिनकी जांच चल रही है। डायरी में जो लिखा है, वह वायरल वीडियो में अकील के कहे शब्दों से लगभग मिलता-जुलता है।'
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मिले कई नोट्स
उन्होंने आगे बताया कि डायरी में अलग-अलग तारीखों पर कई नोट्स लिखे हैं। घटनास्थल से मिले कुछ सामान ड्रग्स से जुड़े लगते हैं। इन सामानों को फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) भेज दिया गया है। उनके मुताबिक, 'हमारी जांच अभी शुरुआती चरण में है। क्राइम सीन की जांच हो रही है। अकील का मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण अभी बरामद नहीं हुए हैं। 'हम परिवार से इन्हें जल्दी हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि जांच आगे बढ़ सके।'
35 साल के अकील अख्तर पूर्व डीजी (मानवाधिकार) मोहम्मद मुस्तफा और पूर्व मंत्री रजिया सुल्ताना के बेटे थे। अगस्त में पंचकूला के घर में उनकी लाश मिली थी। परिवार ने कहा था कि यह ड्रग ओवरडोज से मौत हुई, लेकिन पड़ोसी शम्शुद्दीन चौधरी ने शिकायत की कि इसमें कुछ गड़बड़ है। चौधरी ने अकील का एक वीडियो पुलिस को दिया, जिसमें अकील ने मौत से कुछ दिन पहले रिकॉर्डिंग की थी।
पत्नी से अफेयर का आरोप
16 मिनट के इस वीडियो में अकील ने अपने पिता पर अपनी पत्नी से अफेयर का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मां और बहन उन्हें मारने या झूठे केस में फंसाने की साजिश कर रही हैं। अकील ने दावा किया कि उन्हें गलत तरीके से कैद किया गया, रिहैब में भेजा गया और कारोबार की कमाई से वंचित रखा गया।
इस वीडियो के आधार पर पुलिस ने मुस्तफा, सुल्ताना, उनकी बेटी और बहू के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1) (हत्या) और 61 (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की।
दूसरा वीडियो भी आया था सामने
लेकिन बाद में एक दूसरा वीडियो सामने आया, जिसमें अकील अपने आरोपों को वापस लेते दिखे। उन्होंने कहा कि आरोप बेबुनियाद हैं और वे सीजोफ्रीनिया से पीड़ित हैं। उन्होंने कहा, 'भगवान का शुक्र है, मुझे इतना अच्छा परिवार मिला।' लेकिन फिर वे विरोधाभासी बात कहते हैं: 'देखते हैं जिंदगी में क्या होता है, क्या वे मुझे मार डालते हैं।'
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यह मामला अब राजनीतिक विवाद बन गया है। शिकायतकर्ता चौधरी कई पार्टियों से जुड़े रहे हैं, जैसे आम आदमी पार्टी और अकाली दल। मलेरकोटला से आम आदमी पार्टी विधायक मोहम्मद जमील-उर-रहमान ने कहा कि चौधरी पार्टी में थोड़े समय काम कर चुके हैं, लेकिन शिकायतों के बाद उन पर रोक लगा दी गई। चौधरी का कहना है कि वे सिर्फ अकील की मौत का सच सामने लाना चाहते हैं।