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शराब, मांस पर रोक, पंजाब के 3 शहरों को 'पवित्र' घोषित करने से और क्या बदलेगा?

पंजाब सरकार ने सिख धर्म की विरासत को संरक्षित करने के लिए पंजाब के तीन महत्वपूर्ण शहरों को धार्मिक स्थल घोषित कर दिया है। अब इन शहरों में शराब से लेकर मांस तक की बिक्री पर रोक लगाई जाएगी।

Golden temple

गोल्डन टेंपल: Photo Credit: Social Media

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पंजाब सरकार ने सिख धार्मिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। राज्य सरकार ने अमृतसर की वॉल्ड सिटी, रूपनगर जिले के श्री आनंदपुर साहिब और बठिंडा जिले के तलवंडी साबो, जिसे श्री दमदमा साहिब के नाम से भी जाना जाता है, इन शहरों को आधिकारिक रूप से पवित्र शहर घोषित कर दिया है। इस फैसले के साथ ही इन क्षेत्रों में धार्मिक मर्यादा और आध्यात्मिक वातावरण बनाए रखने के लिए सख्त नियम लागू किए जाएंगे।

 

सरकार का कहना है कि इन तीनों शहरों का सिख इतिहास में विशेष स्थान है और गुरु परंपरा से जुड़े ये स्थल आज भी लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बने हुए हैं। राज्यपाल की औपचारिक मंजूरी के बाद जारी की गई अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि पवित्र घोषित किए गए क्षेत्रों में शराब, तंबाकू, नशीले पदार्थों और मांस की बिक्री और सेवन पर रोक लगाई जाएगी। इसके साथ ही प्रशासन को नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

 

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फैसले को मिली औपचारिक मंजूरी

राज्य सरकार की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, इस निर्णय को पंजाब के राज्यपाल की स्वीकृति मिल चुकी है। गृह मामलों के विभाग ने इससे जुड़ी अधिसूचना जारी की है, जिसे जल्द ही पंजाब सरकार के आधिकारिक गजट में प्रकाशित किया जाएगा। इसके बाद संबंधित विभागों को इन क्षेत्रों में नए नियम लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।

शराब और नशीले पदार्थों पर सख्ती

सरकारी आदेश के अनुसार, आबकारी विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि इन तीनों पवित्र शहरों की तय सीमाओं के भीतर शराब और उससे जुड़े उत्पादों की बिक्री और सेवन पूरी तरह बंद किया जाए। इसके अलावा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग को सिगरेट, तंबाकू और अन्य नशीले पदार्थों की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगाने के आदेश भी दिए गए हैं।

मांस की बिक्री पर भी प्रतिबंध

धार्मिक मर्यादा को बनाए रखने के उद्देश्य से सरकार ने पशुपालन विभाग से कहा है कि इन पवित्र शहरों की अधिसूचित सीमा में मांस की बिक्री और खपत पर भी रोक लगाई जाए। सरकार का मानना है कि इन कदमों से धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनी रहेगी और श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान होगा।

 

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सख्ती से होगा नियमों का पालन

इन आदेशों को लागू कराने की जिम्मेदारी स्थानीय सरकार विभाग के साथ-साथ अमृतसर, रूपनगर और बठिंडा के डिप्टी कमिश्नरों को सौंपी गई है। प्रशासन को साफ निर्देश दिए गए हैं कि नियमों का कड़ाई से पालन कराया जाए और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

मुख्यमंत्री की पूर्व घोषणा से जुड़ा फैसला

यह निर्णय मुख्यमंत्री भगवंत मान की पहले की घोषणाओं के अनुरूप है। हाल ही में उन्होंने श्री आनंदपुर साहिब को हेरिटेज स्ट्रीट सिटी के रूप में विकसित करने की योजना की बात कही थी। एक जनसभा में उन्होंने लोगों से अपील की थी कि वे इस ऐतिहासिक और धार्मिक शहर की गरिमा और आध्यात्मिक स्वरूप को बनाए रखें।

 

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि आनंदपुर साहिब का स्वरूप पूरी तरह बदला जाएगा और गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहादत वर्षगांठ से जुड़े इस पवित्र स्थल की मर्यादा की रक्षा करना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।


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