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चुनाव साधने की तैयारी में एनडीए, पूर्णियां से चलेंगी नई ट्रेन

पूर्णियां में प्रधानमंत्री मोदी की रैली होने वाली है। इस दौरान यहां से नई फ्लाइट्स और ट्रेनों की शुरुआत की घोषणा की जाएगी।

नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी । Photo Credit: PTI

नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी । Photo Credit: PTI

संजय सिंह, पटना: संभवतः बिहार विधानसभा चुनाव से पहले 15 सितंबर को पूर्णियां में होने वाली प्रधानमंत्री की सभा महत्वपूर्ण होगी। इस दौरान पूर्णियां से हवाई सेवा की शुरुआत और नई ट्रेनों की सेवा की घोषणा भी की जाएगी। हवाई सेवा शुरू होने से इस क्षेत्र के लोग काफी उत्साहित हैं। लोगों का मानना है कि हवाई सेवा शुरू होने से शहर के विकास को और गति मिलेगी। रैली को सफल बनाने के लिए एनडीए के घटक दलों के नेता पूरी ताकत झोंक रहे हैं।

 

हाल ही में नेपाल में हुए उग्र आंदोलन को लेकर सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी खासे सतर्क हैं। कोसी और सीमांचल के तीन जिले—सुपौल, किशनगंज और अररिया—नेपाल की सीमा से सटे हैं। इन दोनों क्षेत्रों के बीच नेपाल से रोटी-बेटी का संबंध है। भारत और नेपाल के बीच खुली सीमा होने के कारण सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) सीमा पर विशेष निगरानी रख रहा है। हर संदिग्ध व्यक्ति की जांच-पड़ताल बढ़ा दी गई है, जिसके कारण दोनों देशों के बीच लोगों का आवागमन भी कम हो गया है।

 

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सीमांचल पर नजर

ज्ञात हो कि लोकसभा चुनाव में एनडीए को सीमांचल में सफलता नहीं मिली थी। सीमांचल की चार लोकसभा सीटों में से तीन पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी, जबकि केवल अररिया की सीट भाजपा के खाते में आई थी। उस समय पप्पू यादव ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था, लेकिन बाद में उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। सीमांचल के लोग पिछले एक दशक से हवाई सेवा शुरू करने की मांग कर रहे थे। समय-समय पर इस मांग को लेकर राजनीति भी होती रही है। आरजेडी और कांग्रेस दोनों का कहना था कि हवाई सेवा की शुरुआत महज छलावा है। हालांकि, अब यहां से कोलकाता और अहमदाबाद के लिए बुकिंग शुरू हो चुकी है। लोग चाहते हैं कि पूर्णियां को दिल्ली से भी जोड़ा जाए।

 

कोसी और सीमांचल क्षेत्र लगभग 50 विधानसभा सीटों को प्रभावित करते हैं। सीमांचल के चार जिलों—पूर्णियां, कटिहार, किशनगंज और अररिया—में अल्पसंख्यक आबादी निर्णायक भूमिका निभाती है। यह आबादी चुनावी हार-जीत के नतीजों को प्रभावित करती है। सीमांचल को कांग्रेस और आरजेडी के साथ-साथ एआईएमआईएम भी अपना गढ़ मानती है। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में सीमांचल में ओवैसी की पार्टी ने पांच सीटों पर जीत हासिल की थी। 

कांग्रेस कर रही कोशिश

हालांकि, बाद में इसके चार विधायक पाला बदलकर आरजेडी में शामिल हो गए। ओवैसी ने महागठबंधन के साथ तालमेल का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बन सकी। राहुल गांधी ने भी अपनी दो यात्राओं के दौरान सीमांचल पर विशेष ध्यान दिया। उनका मुख्य उद्देश्य बिहार में अल्पसंख्यकों के बीच कांग्रेस के खोए जनाधार को वापस हासिल करना था।

 

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सीमांचल का क्षेत्र राजनीतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। जन सुराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू सिंह उर्फ उदय सिंह पूर्णियां के ही निवासी हैं और यहां के सांसद भी रह चुके हैं। वर्तमान सांसद पप्पू यादव का बिहार की राजनीति में अपना अलग महत्व है। उन्हें इस बात का गर्व है कि उन्होंने पूर्णियां से लोकसभा चुनाव जीता। दूसरी ओर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल किशनगंज के निवासी हैं।

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