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चुनावी हार का पता लगाने में जुटी आरजेडी, बड़े नेताओं पर हो सकती है कार्रवाई

कहा जा रहा है कि आरजेडी ने चुनावी हार की समीक्षा के बाद कुछ नेताओं पर कार्रवाई का मन बना लिया है। 

tejashwi yadav

तेजस्वी यादव । Photo Credit: PTI

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संजय सिंह, पटना: विधानसभा चुनाव में आरजेडी की करारी हार के बाद प्रमंडलीय स्तर पर समीक्षा की गई। समीक्षा का दौर अब समाप्त हो गया है। समीक्षा के दौरान पार्टी नेताओं ने हार के अलग अलग कारणों को गिनाया। इन कारणों में एक सबसे बड़ा कारण बागियों का खेल भी रहा। अब पार्टी ने ऐसे एक दर्जन बागी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बना लिया है। 

 

इस बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता और बाढ़ के पूर्व सांसद विजय कृष्ण ने आरजेडी से त्याग पत्र दे दिया है। अब वे सक्रिय राजनीति में नहीं रहेंगे। चर्चा है कि कार्रवाई के दायरे में लालू परिवार के सदस्य भी आ सकते हैं। कार्रवाई के लिए प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल को अधिकृत किया गया है।

 

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क्या हुआ समीक्षा बैठक में 

समीक्षा बैठक में पूर्व विधायक, पूर्व सांसद के अलावा संगठन से जुड़े पदाधिकारी भी थे। इन लोगों का कहना था कि प्रतिपक्ष के नेता को सामान्य स्तर के कार्यकर्ताओं की बात भी सुननी चाहिए। जब तक सामान्य कार्यकर्ताओं की बात सुनी नहीं जाएगी, तब तक कोई बड़ा निर्णय लेने में मुश्किल होगा। इस बार के चुनाव में ए-टू-जेड का फार्मूला काम नहीं आया। 

 

पार्टी को अति पिछड़ा और अल्पसंख्यकों के मुद्दों पर फोकस करना होगा। पार्टी का संगठन भी हाल के दिनों में काफी कमजोर हुआ है। प्रखंड से जिला स्तर तक के संगठन को मजबूत करने की जरूरत है। नेताओं का यह भी कहना था कि लोक गायकों द्वारा गाए गए गीतों के कारण भी चुनाव के दौरान पार्टी की छवि को भारी नुकसान हुआ है। ऐसे गाने फिर दोहराए न जाय, इस पर ध्यान देने की जरूरत है। 

संजय यादव का भी मुद्दा उठा

हरियाणा निवासी संजय यादव राज्यसभा के सदस्य हैं। ये तेजस्वी यादव के काफी करीबी माने जाते हैं। चुनाव के दौरान पार्टी के भीतर संजय यादव के बढ़ते प्रभाव को लेकर भी काफी बबाल हुआ था। स्वयं प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की बहन रोहिणी आचार्य ने संजय यादव के बढ़ते प्रभाव पर आपत्ति जताई थी। 

 

इस मामले को लेकर रोहिणी आचार्य ने बागी तेवर अपनाया था। उधर पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी भी तेजस्वी के कार्यप्रणाली की आलोचना कर चुके हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि कार्रवाई के दायरे में शिवानंद तिवारी और रोहिणी आचार्य भी आ सकती हैं। वैसे समीक्षा के दौरान कुछ नेताओं की राय थी कि तत्काल संजय यादव से पार्टी सुप्रीमो तेजस्वी यादव को दूरी बनाकर रखने की जरूरत है।

पूर्व मंत्री विजय कृष्ण का इस्तीफा

इधर लालू राबड़ी मंत्रिमंडल में मंत्री रहे विजय कृष्ण ने आरजेडी से त्याग पत्र दे दिया है। उन्होंने कहा है कि अब वे सक्रिय राजनीति में नहीं रहेंगे। विजय कृष्ण तब चर्चा में आए थे, जब उन्होंने बाढ़ लोकसभा क्षेत्र से नीतीश कुमार को पराजित किया था। वे बाढ़ से विधायक रहे लालू राबड़ी मंत्रिमंडल में उनकी गिनती मजबूत मंत्री के रुप में होती थी।

 

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क्षत्रिय समाज पर इनकी मजबूत पकड़ थी। विजय कृष्ण का संबंध बाद के दिनों में नीतीश कुमार के साथ भी अच्छा रहा। एक हत्या के मामले में वे अपने पुत्र के साथ लंबे समय तक जेल में रहे। यहीं से उनके राजनीतिक कैरियर में गिरावट आई। हालांकि, बाद में उन्हें हाईकोर्ट ने रिहा कर दिया।


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