logo

ट्रेंडिंग:

महाकुंभ में माघ पूर्णिमा पर भीड़ से बचने का प्लान क्या है?

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला क्षेत्र और शहर को नो व्हीकल जोल बना दिया गया है। मेला क्षेत्र में वाहनो पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।

Mahakumbh 2025

महाकुंभ 2025. (Photo Credit: PTI)

महािकुंभ नगर में हर दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। 12 फरवरी को श्रद्धालुओं को असुविधा न होने पाए इसके लिए पहले ही प्रशासन ने तैयारियां कर ली थीं। कुंभ का चौथा प्रमुख स्नान माघ पूर्णिमा का ही है। लाखों की संख्या में लोग अलग-अलग दिशाओं से आ रहे हैं। 29 जनवरी की तरह दोबारा हादसा न होने पाए इसलिए प्रशासन ने पहले ही सख्ती बरती है।

प्रयागराज के मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन बना दिया गया है। मेला क्षेत्र में केवल इमरजेंसी गाड़ियों को एंट्री दी जा रही है। प्रयागराज शहर की ओर आने वाले श्रद्धालुओं की प्राइवेट गाड़ियों को उस रूट के लिए बनाए गए पार्किंग जोन में रोका जा रहा है। इसकी वजह से शहर में ट्रैफिक नहीं हो रहा है और कोई अव्यवस्था भी नहीं होने पा रही है।

श्रद्धालु स्नान घाटों तक पैदल ही जा रहे हैं। मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुरक्षित निकासी के लिए यह विशेष यातायात योजना 12 फरवरी को स्नान संपन्न होने तक लागू रहेगी। साथ ही महाकुम्भ में कल्पवास कर रहे श्रद्धालुओं के वाहनों पर भी यह नियम लागू रहेगा। प्रशासन ने सभी कल्पवासियों से अनुरोध किया है कि वे नियमों का पालन करें और अधिकृत पार्किंग स्थलों का उपयोग करें। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि वे यातायात नियमों का पालन करें और सहयोग दें, ताकि महाकुम्भ का यह महत्वपूर्ण स्नान पर्व सुगमतापूर्वक संपन्न हो सके।

 

किन वाहनों की है नो एंट्री?

मेला प्रशासन के मुताबिक जब तक श्रद्धालु माघ पूर्णिमा के स्नान के बाद लौटते नहीं हैं, प्रशासनिक और मेडिकल वाहनों के अलावा किसी गाड़ी को एंट्री नहीं मिलेगी। उन्हें पार्किंग में ही पार्क करना पड़ेगा। 

क्या है पार्किंग का रूट?

जौनपुर की तरफ से आने वाले श्रद्धालु अपने वाहनों को क्रम चीनी मिल पार्किंग, पूरे सूरदास पार्किंग गारापुर रोड, समयामाई मंदिर कछार पार्किंग, बदरा सौनौटी रहीमापुर मार्ग उत्तरी और दक्षिणी पार्किंग में पार्क कर सकते हैं। इसके आगे श्रद्धालु वाहन सहित नहीं जा पाएंगे। पार्किंग में अपने वाहनों को खड़ा करके पैदल ओल्ड जीटी मार्ग से मेला क्षेत्र में प्रवेश कर सकते हैं।

वहीं वाराणसी की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहन को महुआ बाग थाना झूसी पार्किंग अखाड़ा पार्किंग, सरस्वती पार्किंग झूसी रेलवे स्टेशन, नागेश्वर मंदिर पार्किंग, ज्ञान गंगा घाट छतनाग पार्किंग ,शिव मंदिर उस्तापुर महमूदाबाद पार्किंग में पार्क कराया जाएगा। वाराणसी की तरफ से आने वाले श्रद्धालु पार्किंग में अपने वाहनों को खड़ा करके पैदल छतनाग मार्ग से मेला क्षेत्र में प्रवेश करेंगे।

मिर्जापुर की तरफ से आने वाले श्रद्धालु अपने वाहनों को देवरख पार्किंग उत्तरी या दक्षिणी में, टेंट सिटी पार्किंग मदनुआ, मवईया और देवरख में, ओमेंक्स सिटी पार्किंग ,गजिया पार्किंग उत्तरी और दक्षिणी पार्किंग में पार्क कर सकते हैं। मिर्जापुर की तरफ से आने वाले श्रद्धालु वाहन पार्किंग में अपने वाहनों को खड़ा करके पैदल अरैल बांध रोड से मेला क्षेत्र में प्रवेश कर सकते हैं।

रीवा-बांदा-चित्रकूट की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों को नवप्रयागम पार्किंग पूर्वी, पश्चिमी और विस्तार में, ,एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट पार्किंग यमुना पट्टी, महेवा पूरब/पश्चिम पार्किंग, मीरखपुर कछार पार्किंग में पार्क कराया जाएगा। पार्किंग में अपने वाहनों को खड़ा करके पैदल ओल्ड रीवा मार्ग व न्यू रीवा मार्ग होकर श्रद्धालु अरैल बांध से मेला क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे।

कानपुर-कौशांबी की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों को काली एक्सटेंशन प्लाट नंबर 17 पार्किंग, इलाहाबाद डिग्री कॉलेज मैदान, पार्किंग दधिकांदो मैदान में पार्क कराया जाएगा। कानपुर-कौशाम्बी की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं पार्किंग में अपने वाहनों को खड़ा करके पैदल जीटी जवाहर चौराहा होते हुए काली मार्ग से मेला क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे।

लखनऊ-प्रतापढ़ की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों को,गंगेश्वर महादेव कछार पार्किंग,नागवासुकी पार्किंग, बक्शी बाँध कछार पार्किंग, बड़ा बागड़ा पार्किंग, आईईआरटी पार्किंग उत्तरी और दक्षिणी पार्किंग में पार्क कराया जाएगा। लखनऊ-प्रतापगढ़ की तरफ से आने वाले श्रद्धालु वाहन पार्किंग में अपने वाहनों को खड़ा करके पैदल नागवासुकी की मार्ग से मेला क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे।

अयोध्या-प्रतापगढ़ की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों को शिव बाबा पार्किंग में पार्क कराया जाएगा। अयोध्या-प्रतापगढ़ की तरफ से आने वाले श्रद्धालु पार्किंग में अपने वाहन को खड़ा करके संगम लोवर मार्ग से पैदल मेला क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे।

पैदल यात्रियों के लिए रूट क्या है?

मेला क्षेत्र में पैदल आगमन करने वाले स्नानार्थियों व श्रद्धालुओं पर्यटकों के लिए भी मार्ग निर्धारित है। संगम आने का पैदल मार्ग- संगम आने वाले श्रद्धालु जीटी जवाहर से प्रवेश कर काली सड़क आकर काली रैम्प से होते हुए संगम अपर मार्ग से संगम तक जा सकेंगे। संगम से वापसी का पैदल मार्ग के लिए संगम क्षेत्र से अक्षयवट मार्ग होते हुए इण्टर लाकिंग वापसी मार्ग त्रिवेणी मार्ग होते हुए अपने गंतव्य को वापस जा सकेंगे। श्रद्धालु और स्नानार्थी स्पष्ट जान ले कि संगम मेला क्षेत्र में जाने हेतु प्रवेश मार्ग जवाहरलाल नेहरू मार्ग काली सड़क से एवं निकास मार्ग त्रिवेणी मार्ग प्रस्तावित है। 

Related Topic:#Mahakumbh 2025

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap