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मोमो लवर्स को बड़ा झटका, आखिर मेयोनीज पर एक साल का बैन क्यों लग गया?

तमिलनाडु सरकार ने कच्चे अंडे से बने मेयोनीज के उत्पादन, पैकेजिंग और बिक्री पर एक साल के लिए रोक लगा दी है। यह प्रतिबंध 8 अप्रैल से लागू हो गया है।

mayonnaise ban in tamilnadu

मेयोनीज, Photo Credit: freepik

तमिलनाडु सरकार ने कच्चे अंडों से बनी मेयोनीज के प्रोडक्शन, स्टोरेज, डिस्ट्रीब्यूशन और बिक्री पर एक साल के लिए बैन लगा दिया है। यह फैसला 8 अप्रैल से प्रभावी है और सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित में लिया गया है। कच्चे अंडों से बनी मेयोनीज को हाई रिस्क फूड माना गया है, क्योंकि इसमें फूड पॉइजनिंग का खतरा होता है। ठीक से तैयार न होने और स्टोरेज के कारण इसमें हानिकारक बैक्टीरिया जैसे Salmonella typhimurium, Salmonella enteritidis, Escherichia coli (E. coli), और Listeria monocytogenes पनप सकते हैं। ये बैक्टीरिया गंभीर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण, दस्त, उल्टी, बुखार और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं।

 

कॉन्टेमिनेशन का खतरा

तमिलनाडु के खाद्य सुरक्षा विभाग की नियमित जांच में पाया गया कि कई रेस्तरां, स्ट्रीट वेंडर, और छोटे खाने के स्टॉल में कच्चे अंडों से बनी मेयोनीज को अस्वच्छ तरीके से तैयार और रखा जा रहा था। ऐसे में गर्म मौसम में बैक्टीरिया के विकास का खतरा और बढ़ जाता है। बता दें कि मेयोनीज का इस्तेमाल शवर्मा, सैंडविच, मोमोज, और ग्रिल्ड चिकन जैसे फास्ट फूड में बड़े पैमाने पर होता है, जिससे कॉन्टेमिनेशन का खतरा बढ़ जाता है। 

 

खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के तहत बैन

यह प्रतिबंध खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 (Food Safety and Standards Act, 2006) की धारा 30(2)(a) के तहत लगाया गया है। तमिलनाडु के खाद्य सुरक्षा आयुक्त और प्रधान सचिव आर. लालवेना द्वारा जारी गजट अधिसूचना में यह स्पष्ट किया गया है कि मेयोनीज एक सेमी सॉलिड इमल्शन है, जिसमें आमतौर पर अंडे की जर्दी, वनस्पति तेल, सिरका, और अन्य मसाले शामिल होते हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग पूरे राज्य में रेस्तरां, होटल, और खाने वाले स्टॉलों की गहन जांच करेगा ताकि प्रतिबंध का पालन सुनिश्चित हो। उल्लंघन करने वालों को कड़े दंड का सामना करना पड़ेगा, जिसमें जुर्माना, लाइसेंस रद्द करना और खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई शामिल है। 

तमिलनाडु से पहले किसने लगाया था बैन

तमिलनाडु से पहले तेलंगाना ने 30 अक्टूबर, 2024 को कच्चे अंडों से बनी मेयोनीज पर एक साल का प्रतिबंध लगाया, जब हैदराबाद में मोमोज के साथ मेयोनीज़ खाने से एक 31 वर्षीय महिला की मौत हो गई और 15 अन्य लोग बीमार पड़ गए थे। केरल ने जनवरी 2023 में मेयोनीज़ पर प्रतिबंध लगाया, जब कोट्टायम मेडिकल कॉलेज में एक नर्स की मौत अल फहम (एक अरबी चिकन डिश) को मेयोनीज़ के साथ खाने से हो गई थी। 


मेयोनीज और स्वास्थ्य जोखिम

मेयोनीज एक गाढ़ी, क्रीमी चटनी है, जो आमतौर पर कच्चे अंडे की जर्दी, तेल, सिरका या नींबू का रस, और मसालों से बनाई जाती है। इसका उपयोग शवर्मा, बर्गर, सलाद, और अन्य व्यंजनों में होता है। कच्चे अंडों में सैल्मोनेला बैक्टीरिया प्राकृतिक रूप से मौजूद हो होते हैं, जो पकाने से नष्ट हो जाते हैं। मेयोनीज़ में कच्चे अंडे होने के कारण यह जोखिम बढ़ जाता है। मेयोनीज़ की शेल्फ लाइफ कम लगभग 3 दिन होती है और इसे ज्यादा दिन स्टोर करना खतरनाक साबित हो सकता है। 

 

कैसे तैयार होता है अंडे वाला मेयोनीज?

मेयोनीज एक गाढ़ी, क्रीमी चटनी या स़ॉस है जिसका इस्तेमाल सलाद, सैंडविच, शवर्मा, बर्गर और अन्य व्यंजनों में होता है। यह मुख्य रूप से कच्चे अंडों की जर्दी, तेल, सिरका और नींबू के रस से बनाई जाती है। मेयोनीज को बनाने का तरीका बेहद आसान है। अंडे की जर्दी का इस्तेमाल मेयोनीज को गाढ़ापन बनाने में मदद करती है। तेल इसके स्वाद के लिए होता है। सिरका और नींबू का बैक्टीरिया के विकास को रोकने में मदद करता है। वहीं, नमक, चीनी और मसाले जैसे-काली मिर्च और सरसों स्वाद को संतुलित करते है। पानी डालकर मायोनिज को पतला रखा जाता है। कई मेयोनीज में कैल्शियम डिसोडियम EDTA और स्टेबलाइज़र मिलाए जाते हैं ताकि शेल्फ लाइफ बढ़े।

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