logo

ट्रेंडिंग:

संभल के बाद अब यूपी कॉलेज में मस्जिद को लेकर बवाल, क्या है पूरा मामला?

24 नवंबर को संभल में दंगें भड़के और अब 29 नवंबर को यूपी कॉलेज की मस्जिद भी सुर्खियों में आ गई। क्या है पूरा मामला यहां पढ़ें।

Udai Pratap College tesnion

यूपी कॉलेज की मस्जिद, Image Credit: Udai Pratap College website

संभल हिंसा के बाद अब यूपी कॉलेज के नाम से मशहूर उदय प्रताप कॉलेज में 29 नवंबर को हुई घटना से तनाव बना हुआ है। मस्जिदों और दरगाहों के सर्वेक्षण की मांग करने वाले कई मुकदमों ने पूरे देश में एक बहस छेड़ दी है। इसी कड़ी में शुक्रवार को कॉलेज परिसर में मस्जिद में नामज पढ़ने आए लोगों का सामना प्रदर्शनकारी छात्रों से हो गया। 4 दिसंबर को छात्र परिसर के पास हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए गेट पर एकत्रित हुए थे जिसके बाद विवाद बढ़ता चला गया। 

 

जिला मुख्यालय से लगभग 10 किमी दूर स्थित इस छोटी-सी मस्जिद पर पिछले सप्ताह हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद से बंद पड़ी है। इसके गेट पर दो ताले लगा दिए गए है। मस्जिद के अधिकारियों ने कहा कि वे नमाज फिर से शुरू करने के लिए प्रशासन और पुलिस के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं। मस्जिद के गेट और कॉलेज के मुख्य द्वार के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

कॉलेज के एंट्री गेट पर सख्त तैनाती

परिसर में प्रवेश पर सख्त नियंत्रण है और केवल वैध कॉलेज पहचान पत्र वाले लोगों को ही अंदर जाने की अनुमति है। जिला प्रशासन और पुलिस ने कहा है कि जिस जमीन पर मस्जिद बनी है, वह राजस्व रिकॉर्ड में यूपी कॉलेज की संपत्ति के रूप में दर्ज है इसलिए वे इस मामले में हस्तक्षेप कम कर सकते हैं। यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने भी स्पष्ट किया है कि यह जमीन वक्फ संपत्ति के अंतर्गत नहीं आती है।

यूपी कॉलेज की जमनी किसकी?

जिला मजिस्ट्रेट एस राजलिंगम ने कहा, 'पूरी जमीन राजस्व रिकॉर्ड में यूपी कॉलेज की संपत्ति के रूप में दर्ज है, जो दर्शाता है कि यह निजी जमीन है। राजस्व रिकॉर्ड में मस्जिद का कोई उल्लेख नहीं है।' हालांकि,  मस्जिद अधिकारियों ने इस बात से इनकार किया कि जिस जमीन पर मस्जिद बनी है, वह यूपी कॉलेज की है। उन्होंने दावा किया हैं कि यह मस्जिद 19वीं शताब्दी के मध्य में वाराणसी में 'टोंक के नवाब' द्वारा बनाई गई दो मस्जिदों में से एक है। 

कभी मजार हुआ करती थी?

कॉलेज के प्रिंसिपल धर्मेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि यह मूल रूप से एक मजार (मकबरा) था। उन्होंने कहा, 'जो कभी मजार हुआ करती थी, वह छात्रों की बार-बार आपत्तियों के बावजूद बढ़ती रही। छात्रों ने पहले भी विरोध प्रदर्शन किए हैं लेकिन हमारे समय पर हस्तक्षेप ने यह सुनिश्चित किया है कि यह मामला कभी बाहरी लोगों के ध्यान में न आए। मस्जिद का आखिरी जीर्णोद्धार 2012 में हुआ था। कॉलेज ने हाल ही में मस्जिद की बिजली आपूर्ति काट दी है।'

 

यूपी कॉलेज छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष अभिषेक सिंह ने कहा, 'हम बाहरी लोगों को नमाज पढ़ने के लिए कैंपस में प्रवेश नहीं करने दे सकते, खासकर तब जब कॉलेज सह-शिक्षा वाला है और महिलाएं भी यहां पढ़ती हैं। इसके अलावा, नमाज से हमारी पढ़ाई बाधित होती है।'

Related Topic:#Yogi Adityanath

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap