उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जो भी उपद्रवी, सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाए, उसकी तस्वीर को वीडियो बनाकर वायरल कर दो। सरकार उसकी संपत्ति से नुकसान की भरपाई कर लेगी। उन्होंने कहा कि अगर आप कमजोर हैं तो शिकायत कीजिए और नुकसान करने वाले शख्स पर सरकार को सूचित कीजिए।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति, राष्ट्र की संपत्ति होती है, किसी की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं है। जो भी ऐसी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाता है, वह राष्ट्र की संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहा होता है। ऐसे में उस शख्स को उन्होंने लोगों से बेनकाब करने की अपील की है।
'उपद्रवियों की तस्वीर वायरल करें'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'राष्ट्र के प्रति जवाबदेही का भाव हम सब के मन में होना चाहिए। राष्ट्र की संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। यह समाज के योगदान से बनी संपत्ति है, उसका नुकसान नहीं होना चाहिए। सार्वजनिक संपत्ति, किसी व्यक्ति की संपत्ति नहीं है, समाज की संपत्ति है। कोई नुकसान करता है तो उसको टोकिए, अगर कमजोर पड़ रहे हैं तो शिकायत कीजिए कि उस व्यक्ति ने नुकसान किया है। अब तो आपके पास स्मार्टफोन है, वायरल कीजिए उस व्यक्ति को, जिसने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है। बाकी उसके पोस्टर और संपत्ति वसूली का काम हम अपने आप करवा देंगे।'
'सार्वजनिक संपत्ति, व्यक्तिगत संपत्ति नहीं'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा,'संपत्ति बनाने में और बनाने में उसको आगे बढ़ाने में मेहनत करनी पड़ती है। जब केंद्र और राज्य सरकार मिलकर प्रयास करते हैं, अन्यथा उजाड़ने में समय नहीं लगता। सार्वजनिक संपत्ति, राष्ट्र की संपत्ति है। हम सबकी सामूहिक जवाबदेही का हिस्सा है। उस पर हमें ध्यान देना होगा।'
शिक्षा नीति पर क्या कहा?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'सामान्य शिक्षा को संस्कार के साथ जोड़ना होगा, तकनीक और स्पोर्स्ट के साथ जोड़ना है। सर्वांगीण विकास का माध्यम शिक्षा होनी चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति इन्हीं नीतियों से प्रेरित होकर 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के अंदर लागू की थी। इसके अच्छे परिणाम लागू होंगे।'
पोस्टर पर पहले भी सीएम योगी ले चुके हैं एक्शन
साल 2020 में जब नागरिक संशोधन अधिनियम के विरोध में यूपी में दंगे भड़के थे, तब भी सीएम योगी ने आदेश दिए थे कि उपद्रवियों के पोस्टर बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाए जाएं। कुछ उपद्रवियों की पहचान हुई थी और उनकी संपत्ति से वसूली की गई थी। हाई कोर्ट ने पोस्टर लगवाने पर रोक लगा दी थी। बाद में यूपी सरकार अध्यादेश लेकर आ गई थी।