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साला विधायक, पत्नी IRS, ससुर रहे DIG, DGP राजीव कृष्ण का ऐसा है परिवार

उत्तर प्रदेश के नए कार्यवाहक डीजीपी राजीव कृष्ण बनाए गए हैं। वह बेहद रसूखदार परिवार से आते हैं। उनके कई अपने बड़े पदों पर हैं। पढ़ें रिपोर्ट।

Yogi Adityanath

सीएम योगी के साथ यूपी के कार्यवाहक डीजीपी राजीव कृष्ण। (Photo Credit: CM Yogi/X)

उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक डीजीपी अब राजीव कृष्ण राय हैं। वह 11 अधिकारियों से जूनियर थे लेकिन उन्हें प्रदेश पुलिस की कमान सौंप दी गई है। राजीव कृष्ण पूर्ववर्ती सपा और बसपा सरकारों में भी अहम पदों पर रहे हैं। उनकी छवि तेज-तर्रार अधिकारी की रही है। वह जमीन पर सक्रिय नजर आते हैं।

राजीव कृष्ण राय अभी कार्यवाहक डीजीपी के तौर पर ही काम करेंगे। मार्च तक वह स्थाई डीजीपी बन सकेत हैं लेकिन अभी यह तय नहीं है। फरवरी में राजीव कृष्ण से सीनियर 7 डीजी रिटायर हो रहे हैं। अभी तक प्रदेश सरकार ने यूपीएसी पैनल नहीं भेजा है। 

कौन हैं राजीव कृष्ण?
राजीव कृष्ण 1991 बैच के IPS अधिकारी हैं। उनकी पहली तैनाती ट्रेनी IPS के तौर पर प्रयागराज में हुई थी। बरेली, कानपुर और अलीगढ़ में तैनात रहे। 10 मार्च 1997 को पहली बार वह फिरोजाबाद के पुलिस अधीक्षक बने थे। इटावा, मथुरा, फतेहगढ़, आगरा और बरेली में भी वह तैनात रहे हैं।

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राजीव कृष्ण मायावती के कार्यकाल में लखनऊ का डीआईजी बनाया गया था। वह मेरठ रेंज के आईजी भी रहे हैं। सितंबर 2017 में उन्हें ट्रेनिंग एकेडम मुरादाबाद भेजा गया। 



साला विधायक, ससुर रहे DIG, पत्नी का भी है रसूख
राजीव राय यूपी के रसूखदार परिवार से आते हैं। उनके परिवार में कई लोग दिग्गज पदों पर हैं और राजनीति में भी सक्रिय हैं। उनकी पत्नी मीनाक्षी सिंह नोएडा में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) में डिप्टी सेक्रेटरी हैं। सरोजनीनगर से विधायक राजेश्वर सिंह, राजीय कृष्ण के साले हैं। वह भी यूपी पुलिस में अधिकारी रहे हैं। राजेश्वर सिंह 2022 में राजनीति में शामिल हुए। राजेश्वर सिंह की पत्नी लक्ष्मी सिंह गौतमबुद्ध नगर की पुलिस कमिश्रनर हैं। राजीव कृष्ण के ससुर भी डीआईजी रहे हैं। 

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सीनियर अधिकारियों को पीछे छोड़ बने कार्यवाहक डीजीपी

  1. आशीष गुप्ता
  2. आदित्य मिश्रा
  3. बिजय कुमार मौर्य
  4. दलजीत चौधरी
  5. तिलोत्मा वर्मा
  6. संदीप सालुंके
  7. एमके बशाल

क्यों अभी नहीं बने स्थाई डीजीपी?
राजीव कृष्ण यूपी आईपीएस अधिकारियों की लिस्ट में 12वें पायदान पर हैं। UPSC से इन्हें स्थाई डीजीपी के तौर पर अभी मान्यता नहीं मिल पाएगी। मार्च तक इसके लिए रुकना होगा। मार्च तक कुछ अधिकारी रिटायर होने वाले हैं।

कैसे होती है नियुक्ति?
यूपी में डीजीपी की नियुक्ति के लिए एक नियमावली है। कैबिनेट से यह नियमावली पास है लेकिन अभी लागू नहीं है। 6 सदस्यीय एक समिति डीजीपी की नियुक्ति करेगी। समिति की अध्यक्षता हाई कोर्ट के रिटार्यज जज करेंगे, मुख्य सचिव, यूपीएसी का एक दस्य, यूपी लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष या कोई नामित शख्स, अपर मुख्य सचिव (गृह) और एक पूर्व डीजीपी शामिल होंगे। सर्विस रिकॉर्ड, अनुभव के आधार पर पद पर चयन होता है। 

 

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