समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी को ईडी ने उनके लखनऊ स्थित आवास से सोमवार देर शाम गिरफ्तार कर लिया है। विनय शंकर तिवारी पर बैंक ऑफ इंडिया के क्लस्टर से 754 करोड़ रुपये हड़पने के आरोप हैं। उनकी कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज के जनरल मैनेजर अजीत पांडे को भी ईडी ने महाराजगंज जिले गिरफ्तार किया है। वह विनय शंकर तिवारी के रिश्तेदार हैं।
जब पुलिस ने दबिश दिया तो घर की महिलाएं पुलिस के सामने अड़ गईं। पुलिस के साथ धक्का-मुक्की की गई। विनय शंकर तिवारी के घरवालों का कहना है कि यह कार्रवाई राजनीतिक साजिश के तहत की जा रही है।
ईडी ने दोनों को CBI स्पेशल कोर्ट में पहले पेश किया, फिर जेल भेज दिया। विनय शंकर तिवारी पूर्वांचल के बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी के पुत्र हैं। ईडी ने सुबह 6 बजे कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज के लखनऊ, गोरखपुर और दिल्ली के कई ठिकानों पर रेड डाली। विनय शंकर तिवारी के भाई कुशल शकंर तिवारी ने दावा किया है कि सब कुछ साजिश के तहत किया जा रहा है।
किस-किस पर कसा शिकंजा?
18 मार्च के ईडी ने गंगोत्री इंटरप्राइजेज की 30 करोड़ से ज्यादा की संपत्तियों को अटैच किया था। गोरखपुर, लखनऊ और नोएडा की संपत्तियों को ईडी ने सीज किया था। इस केस में मुख्य आरोपी रीता तिवारी और अजीत पांडेय हैं। कंपनी के प्रमोटर, डायरेक्टर, गारंटर्स और कई संपत्तियों को जब्त किया गया है। रीता तिवारी ही विनय शंकर की पत्नी हैं।
किस केस में गिरफ्तारी हुई है?
ईडी ने गंगोत्री इंटरप्राइजेज के निदेशकों और प्रमोटरों पर आरोप है कि इन्होंने फर्जी तरीके से 754 करोड़ रुपये की कैश क्रेडिट लिमिट को धोखाधड़ी के जरिए हड़प लिया था। विनय शंकर तिवारी, रीता तिवारी, अजीत कुमार पांडेय इस केस में मुख्य आरोपी रहे। बैंकों ने शिकायत की थी, CBI ने केस दर्ज किया था। FIR में जो आरोपी नामजद थे, उनके खिलाफ केस दर्ज कर ED ने जांच शुरू की।
अब तक कितनी संपत्ति हो चुकी है जब्त?
बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले करीब 7 बैंकों के कंसोर्टियम से इस कंपनी ने 1129.44 करोड़ रुपये की कैश क्रेडिट लिमिट हासिल की थी। गंगोत्री इंटरप्राइजेज की सहयोगी कंपनियों ने इसे बदलकर प्राइवेट संपत्तियां खरीदीं। 23 फरवरी 2024 को विनय शंकर के ठिकानों पर रेड हुई थी, जहां खरीद-बिक्री के कई दस्तावेज मिले थे। ईडी ने अब तक इस केस में 103 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुकी है।
कौन हैं विनय शंकर तिवारी?
यूपी के बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी साल 2007 से राजनीति में हैं। वह गोरखपुर संसदीय सीट से योगी आदित्यनाथ के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। उन्होंने साल 2017 में बसपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव चिल्लूपार सीट से जीता था। यह सीट हरिशंकर तिवारी की सीट रही है। 2022 में विधानसभा चुनावों से पहले उन्होंने पार्टी बदल ली। एक बार फिर विनय शंकर तिवारी की हार हुई। अब वह ईडी की गिरफ्त में हैं।