गंगा से यमुना तक उफान पर, यूपी में बाढ़ बनी आफत, कई इलाके डूबे
उत्तर प्रदेश में यमुना, गंगा और उनकी कई सहायक नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। नदियों का जलस्तर बढ़ने से प्रदेश के बहुत से शहर और गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।

प्रयागराज की गलियों में उतरी नाव| Photo credit: PTI
उत्तर प्रदेश में यमुना, गंगा और उनकी कई सहायक नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। यमुना में आई बाढ़ की वजह से फतेहपुर में कानपुर-बांदा रोड बंद हो गया है। किशुनपुर-दांदो यमुना पुल के पास की सड़क टूट गई है, जिससे इस पुल से गुजरने वाला सारा ट्रैफिक रोक दिया गया है। बाढ़ की वजह से 200 से ज्यादा गांव पानी में डूब गए हैं और हजारों एकड़ खेतों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। कई जगहों पर तेज बहाव में लोग फंस रहे हैं और कुछ की मौतें भी हो गई हैं। हमीरपुर, कन्नौज और कानपुर देहात जैसे जिलों में बाढ़ की स्थिति दिन पर दिन और गंभीर होती जा रही है। गांवों में पानी भर गया है, लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हैं और जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
वाराणसी में रविवार को गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान 71.26 मीटर को पार करके 71.66 मीटर तक पहुंच गया है। इसकी वजह से शहर के सभी 84 घाट डूब गए हैं और जिले की 24 से ज्यादा कॉलोनियां और 32 गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है।
प्रयागराज में रविवार को गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता रहा और दोपहर तक जलस्तर 85.60 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान 84.73 मीटर से लगभग एक मीटर ऊपर है। यह लगातार सातवां दिन है जब नदियों का पानी बढ़ रहा है, जिससे शहर में बाढ़ की स्थिति और बिगड़ गई है।
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प्रयागराज में बाढ़ की स्थिति
जिला बाढ़ नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार, बीते 24 घंटों में यमुना का जलस्तर प्रयागराज के नैनी में 84 सेंटीमीटर, गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 81 सेंटीमीटर और छतनाग में 76 सेंटीमीटर बढ़ा है। इसकी वजह से अब तक 7,200 से अधिक लोगों को उनके घरों से हटाकर सुरक्षित स्थानों और राहत शिविरों में पहुंचाया गया है।
रविवार को करीब 6,000 और लोगों को शहर के 18 राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, जिन्हें प्रयागराज, मिर्जापुर और बांदा में राहत कार्यों का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, उन्होंने राहत शिविरों का निरीक्षण किया और सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ बैठक की।
बाढ़ का असर बिजली आपूर्ति पर भी पड़ा है। दरगंज, कायस्थाना, करेली, फाफामऊ और तेलियरगंज जैसे कई इलाकों में पानी घरों में घुस जाने के कारण बिजली सप्लाई बंद करनी पड़ी। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में सैकड़ों किसानों की खड़ी फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालने के लिए 128 नावें और एक मोटरबोट, साथ ही NDRF और SDRF की टीमें लगाई गई हैं, जो लगातार राहत कार्य कर रही हैं।
VIDEO | Uttar Pradesh: Water level of Ganga and Yamuna rivers continues to rise in Shuvkuti area of Prayagraj.
— Press Trust of India (@PTI_News) August 3, 2025
(Full video available on PTI Videos - https://t.co/n147TvqRQz) pic.twitter.com/y82Ji9NCVd
वाराणसी में बाढ़ का असर
बाढ़ की वजह से 6,583 लोगों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित जगहों और राहत शिविरों में जाना पड़ा है। जिला प्रशासन ने इन लोगों के लिए 20 राहत शिविर बनाए हैं। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गंगा द्वार की 14 सीढ़ियां पानी में डूब गई हैं। नमो घाट पर लगी मूर्तियां भी डूब चुकी हैं। अस्सी घाट पर पानी सड़क तक पहुंच गया है और यह जगन्नाथ मंदिर के दरवाजे तक आ चुका है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने वहां बैरिकेडिंग कर दी है।
बाढ़ का असर रामचंदिपुर, रामपुर धाब और शिवदासा जैसे 32 गांवों और सालारपुर, दानियालपुर और दशाश्वमेध घाट जैसी 24 शहरी बस्तियों में देखा जा रहा है। इसके अलावा, 1,469 किसानों की लगभग 327.89 हेक्टेयर खेती की जमीन पानी में डूब गई है।
#WATCH | Varanasi, UP: Namo Ghat is seen flooded as the water level of the Ganga River rises, following continuous rainfall in the region. pic.twitter.com/TDAfL6nigX
— ANI (@ANI) July 17, 2025
वरुणा नदी का बढ़ा जल स्तर
शनिवार को वरुणा नदी का जलस्तर सिर्फ सात घंटे में 12 फीट बढ़ गया, जिससे हालात और गंभीर हो गए हैं। आसपास के इलाकों में बचाव कार्य के लिए NDRF की 8 नावें और जिला प्रशासन की 42 नावें लगाई गई हैं। ये नावें लोगों तक राहत सामग्री, ORS पैकेट और खाने के पैकेट पहुंचा रही हैं। रविवार को ही 17,137 भोजन के पैकेट बाढ़ पीड़ितों को वितरित किए गए।
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औरैया में सेंगुर नदी का जलस्तर बढ़ा
औरैया के गांव चिमकुनी क्षेत्र से होकर निकली सेंगुर नदी में पानी बढ़ गया है। जिससे आसपास की फसलें जलमग्न हो गई है और किसान परेशान है। बाढ़ से अयाना क्षेत्र के बीहड़ के गांव जुहीखा के 204 घरों में से 26, असेवा के 236 घरों में छह, फरिहा के 158 घरों में से 100, बीझलपुर के 252 घरों में से 34 और बड़ी गूंज के 44 घरों में 26 घर बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। सभी पीड़ितों को सुरक्षित स्थान पर ठहराया गया है।
यमुना का जलस्तर खतरे से ऊपर
रविवार दोपहर दो बजे यमुना नदी का जल स्तर 114.74 मीटर दर्ज हुआ है। यमुना नदी अभी भी खतरे के निशान से 1.74 मीटर ऊपर बह रही है। 20 अधिक गांवों की सैकड़ों एकड़ फसलें डूब चुकी है। कच्चे मकान गिर रहे है। बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित गांव सिकरोड़ी स्थित राहत शिविर में 200 लोगों को रुकने का इंतजाम किया गया है। करीब एक दर्जन से अधिक गांवों की बिजली आपूर्ति काट दी गई है। गोहानी कलां संपर्क मार्ग पर रपटा पुलिया के पास अभी पानी भरा है।
#WATCH | Uttar Pradesh: The water level of the Yamuna River is continuously increasing in Agra. pic.twitter.com/bqxZi6xYzx
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 17, 2023
बांदा में केन और यमुना नदी ने मचाई तबाही
मध्य प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में हुई बारिश से केन और यमुना नदियों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। केन और यमुना नदियों का जलस्तर बढ़ने से सहायक नदियां चद्रावल, बागेन और रंज नदियां भी उफान पर हैं। पैलानी तहसील क्षेत्र में केन नदी ,यमुना नदी और चंद्रावल नदी की बाढ़ के चलते क्षेत्रीय गांव के सभी मार्ग बंद हो गए हैं।
कानपुर देहात में 30 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में
कानपुर देहात में यमुना का जलस्तर बढ़ने से 30 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए है। पानी अब धीरे-धीरे कम होने लगा है लेकिन गांवों में अभी राहत नहीं मिली है। सबसे मुश्किल राहत सामग्री में आ रही है लोगों को तिरपाल, मोमबत्ती और प्रकाश के लिए अन्य कोई इंतजाम नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीण अपने ही भरोसे सब जुटा रहे हैं।नाव भी कम चल रही है। आफत में प्रशासन का साथ कम मिल पा रहा जिससे परेशानी बढ़ती जा रही है। लंच पैकेट का ही वितरण अधिक हो रहा बाकी सामान कम मिल पा रहा है।
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इटावा में चंबल, क्वारी व सिंध खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं
इटावा में चंबल, क्वारी और सिंध नदियों का बहाव खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। चंबल नदी 120.99 मीटर पर बह रही है, जो खतरे के निशान 120.80 मीटर से 0.19 मीटर ऊपर है। सिंध नदी 121.25 मीटर पर है, जो खतरे के निशान से 0.95 मीटर अधिक है। क्वारी नदी खतरे के नदी खतरे के निशान से 3.34 मीटर ऊपर बह रही है। केवल यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 1.5 मीटर नीचे गया है, जिससे कुछ इलाकों को राहत मिली है।
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