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शराब के साथ पकड़ा गया घोड़ा, अब आगे क्या होगा? जानें सबकुछ

बिहार में पुलिस ने शराब तस्करी मामले में एक घोड़े को पकड़ा है। मगर अब लोगों के मन में सवाल है कि इस घोड़े के साथ आगे क्या होगा? आइए जानते हैं सबकुछ

Horse tied in police station.

थाने में बंधा घोड़ा। Photo Credit: Social media


बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां पुलिस ने 50 लीटर शराब के साथ एक घोड़े को पकड़ा है। अभी तक घोड़ा थाने में बंद है। मामला जिले के नौतन पुलिस थाने का है। पुलिस का कहना है कि थाने के खर्च पर ही घोड़े को हरा चारा खिलाया जा रहा है। पुलिस ने घोड़े को तो पकड़ लिया है, लेकिन तस्कर मौके से भागने में कामयाब हो गए। नौतन थाने के एसएचओ ने कहा कि तस्कर की पहचान कर ली गई। जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। 

 

बिहार में शराब पर बैन लगा है। इसके बावजूद अन्य प्रदेशों से इसकी तस्करी धड़ल्ले से होती है। 27 मई को पुलिस ने 50 लीटर शराब के साथ घोड़े को पकड़ा था। नौतन थाने के एसएचओ राजेश कुमार का कहना है कि कल छापेमारी के दौरान हमने एक घोड़े पर लदी 49.95 लीटर शराब पकड़ी। शराब तस्कर मौके से भाग निकला, मगर हमने उसकी पहचान कर ली है। जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

सरकारी खर्च पर गुड़, घास और चना खिलाया जा रहा

एसएचओ ने आगे बताया कि घोड़ा अभी थाने में है। उसे सरकारी खर्च से ही गुड़, घास और चना खिलाया जा रहा है। अगर देखभाल करने वाला कोई जिम्मेदार व्यक्ति मिला तो घोड़ा उसी को ही सौंप दिया जाएगा। 

अदालत में पेश होगा घोड़ा

एसएचओ राजेश कुमार का कहना है कि घोड़े को कानूनी प्रक्रिया के तहत ही किसी को सौंपा जाएगा। व्यक्ति से एक हलफनामा भी लिया जाएगा। पूरी जानकारी अदालत को दी जाएगी। मुकदमे में सुनवाई के दौरान जब भी घोड़े की जरूरत पड़ेगी, उसे अदालत में पेश करना होगा।

मुकदमे के बाद क्या होगा?

घोड़ा मुकदमा प्रक्रिया का हिस्सा होगा। उसे सुनवाई में लाना पड़ेगा। केस खत्म होने और कोर्ट के फैसले के बाद बिहार सरकार घोड़े की नीलामी करेगी। एसएचओ का कहना है कि नीलामी में घोड़े को रखने वाले शख्स को प्राथमिकता दी जाएगी। अगर उसने नीलामी में हिस्सा नहीं लिया तो अन्य लोगों को बोली के लिए आमंत्रित किया जाएगा। 

 


जब 4 दिन जेल में रहे थे गधे

साल 2017 में उत्तर प्रदेश के उरई जिले में आठ गधों को 4 दिन जेल में बिताने पड़े थे। उन पर जेल परिसर के बाहर और स्टाफ कॉलोनी की बगिया उजाड़ने का आरोप था। बाद में गधों के मालिक संतोष ने जानकारी दी थी कि लिखा-पढ़ी यानी कानूनी कार्रवाई के बाद ही गधों को जेल से रिहा किया गया था।

 

ऐसा ही एक मामला आगरा जिले से सामने आया था। यहां खेतों से गधे अचानक गायब हो गए थे। मालिक ने फिरोजाबाद जिले के रामनगर में अपने गधों को देखा तो मामला थाने तक पहुंचा। छापेमारी के बाद पुलिस गधों को थाने ले आई। घंटों हाई वोल्टेज ड्रामा के बाद समझौता हुआ और मामला शांत करवाया गया। 

 

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