कथावाचक के ब्राह्मण न होने पर पीटा, इटावा में क्यों हुआ हंगामा?
उत्तर प्रदेश के इटावा में एक यादव कथावाचक को पीटा गया और अभद्र व्यवहार किया गया। इस घटना पर अखिलेश यादव ने सरकार को 3 दिन का अल्टीमेटम दिया है।

संत कुमार यादव, Photo Credit: Social Media
उत्तर प्रदेश के इटावा से एक चिंताजनक मामला सामने आया है। इटावा जिले के बकेवर थाना क्षेत्र के दादरपुर गांव में एक गैर ब्राह्मण कथावाचक जातीय और अमानवीय अभद्रता का शिकार हुए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राजनीति भी गरमा गई और आम जनता भी इस घटना से गुस्से में है। वीडियो में देखा जा सकता है कि भीड़ ने दो कथावाचकों के साथ मारपीट करके एक कथावाचक की चोटी और एक का सिर मुंडवा दिया। इसके बाद उन्हें महिला के पैर छूने और नाक रगड़ने के लिए मजबूर किया गया। इस मामले में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का बयान भी सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और जांच कर रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले में योगी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने इस घटना को मानवाधिकार का उल्लंघन बताया। साथ ही यह भी कहा कि यह घटना संविधान के मूल्यों के खिलाफ भी है। अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, 'कथावाचक और उनके सहायकों की जाति पूछने पर पीडीए की एक जाति बताने पर, कुछ वर्चस्ववादी और प्रभुत्ववादी लोगों ने साथ अभद्र व्यवहार करते हुए उनके बाल कटवाए, नाक रगड़वाई और इलाके की शुद्धि कराई। हमारा संविधान जातिगत भेदभाव की अनुमति नहीं देता है, यह व्यक्ति की गरिमा और प्रतिष्ठा से जीवन जीने के मौलिक अधिकार के खिलाफ किया गया अपराध है। सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी हो।'
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इटावा के बकेवर इलाके के दान्दरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान कथावाचक और उनके सहायकों की जाति पूछने पर पीडीए की एक जाति बताने पर, कुछ वर्चस्ववादी और प्रभुत्ववादी लोगों ने साथ अभद्र व्यवहार करते हुए उनके बाल कटवाए, नाक रगड़वाई और इलाके की शुद्धि कराई।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 23, 2025
हमारा संविधान जातिगत भेदभाव… pic.twitter.com/Pr11ohEp59
कथावाचक के साथ क्या हुआ था ?
उत्तर प्रदेश के इटावा में एक कथावाचक को यादव होने के कारण भीड़ ने पीटा और उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया। इटावा के दादरपुर गांव में ज्यादातर आबादी ब्राह्मण समाज की है और वहां एक भागवत कथा का आयोजन किया गया था। इस कथा में जो कथावाचक आए थे उनमें एक यादव भी थे। जब कथा के पहले दिन की शाम गांव वालों को पता चला कि कथावाचक ब्राह्मण नहीं हैं तो गांव वाले भड़क गए। उन्होंने कथावाचक को पीटा और जबरन उनकी चोटी काटकर सिर मुंडवा दिया। इसके बाद महिला के पैरों में नाक रगड़वाई गई। पीड़ित का आरोप है कि गांव वालों ने मूत्र से उनका शुद्धीकरण किया। इस घटना का वीडियो बनाकर किसी ने सोशल मीडिया पर डाल दिया। सोशल मीडिया पर यह वीडियो आया तो वायरल हो गया। वीडियो वायरल होने के बाद पीड़ित संत कुमार यादव ने समाजवादी पार्टी के सांसद जितेंद्र सिंह, विधायक राघवेंद्र गौतम के साथ मिलकर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
Held captive, tortured, head tonsured & sprinkled with "Brahmin" urine to purify: Sant Singh Yadav, a Kathavachak narrated his ordeal of being humiliated, abused and assaulted at a religious event in Etawah district of UP. pic.twitter.com/UI6D7EVJwW
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) June 23, 2025
क्या बोले पीड़ित?
पीड़ित संत कुमार यादव ने बताया कि वह कथावाचक मुकुट मणि यादव के सहायक हैं और कथा कहने के लिए गांव गए थे। कथा के पहले दिन शाम को गांव वालों ने उनकी जाति पता करवाई और उसके बाद गांव वालों ने उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया। उन्होंने बताया, 'गांव वालों ने मुझे पीटा और मेरे बारे में पूछने लगे। मैंने उन्हें बताया कि मैं पहले शिक्षक था लेकिन स्कूल बंद होने के कारण मैं कथावाचक बन गया। गांव वालों ने मेरी जाति पूछी तो मैंने बताया कि मैं यादव हूं। उन्होंने पूछा कि अपना पहचान पत्र दिखाओ। मेरे पास पहचान पत्र नहीं था तो मैने अपने बेटे का नंबर दिया और मेरे बेटे से उन्होंने पूछताछ की। इसके बाद गांव वालों ने मेरा सिर मुंडवाया और महिला के जबरन पैर छुआए। जाति बताने के बाद उन लोगों ने एक महिला के मूत्र को मेरे ऊपर छिड़का और बोले की अब शुद्धीकरण हो गया है।'
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अखिलेश यादव का अल्टीमेटम
इस घटना का वीडियो सामने आते ही राज्य की राजनीति में घमासान शुरू हो गया। समाजवादी पार्टी के नेता पीड़ित से मिले और शिकायत दर्ज करवाई। अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला किया। अखिलेश यादव ने कहा, 'अगर अगले 3 दिनों में कड़ी कार्रवाई नही हुई तो हम पीडीए के मान-सम्मान की रक्षा के लिए एक बड़े आंदोलन का आह्वान कर देंगे।' उन्होंने कहा कि हमारे लिए पीडीए के मान से बढ़कर कुछ नहीं है।
संत कुमार यादव की शिकायत पर पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आरोप गंभीर हैं और इसकी जांच एडिशनल एसपी के नेतृत्व में की जा रही है। उन्होंने बताया कि पीड़ितों ने आरोप लगाए हैं कि उन्हें बंधक बनाकर न सिर्फ पीटा गया, बल्कि उनके पैसे भी छीन लिए गए। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। पुलिस इस मामले में पूरी गंभीरता से काम कर रही है। ऐसी घटनाएं सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाती हैं।
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