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चीन में मिला 15 करोड़ साल पुराना जीवाश्म, वैज्ञानिक क्यों हैं हैरान?

चीन में वैज्ञानिकों को 15 करोड़ साल पुराने पक्षी का शिवाश्म मिला है, जो वैज्ञानिकों के पुराने सिद्धांतों को चुनौती दे रहा है। जानिए क्या है इसमें खास।

Image of Baminornis zhenghensis

काल्पनिक चित्र।(Photo Credit: @Dinoh555/X)

फॉसिल या जीवाश्म का मिलना वैज्ञानिकों के लिए बेशकीमती खजाना मिलने के जैसा होता है। ये जीवाश्म किसी जीव के प्राचीन रहस्यों को बताने में बहुत ही कारगर साबित होते हैं। चीन में वैज्ञानिकों ने एक ऐसा जीवाश्म खोजा है, जिसने पक्षियों के विकास को लेकर नई जानकारी दी है। बता दें कि यह जीवाश्म करीब 150 मिलियन यानी 15 करोड़ साल पुराना है।

 

इसे Baminornis zhenghensis नाम दिया गया है। यह जीवाश्म चीन के फुजियान प्रांत के झेंघे काउंटी में मिला है। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह खोज पक्षियों के विकास के इतिहास को लेकर हमारी समझ को बदल सकती है।

नए और प्राचीन पक्षियों में समानता

 

यह जीवाश्म एक ऐसी अनोखी बनावट दिखाता है, जो प्राचीन और इस समय के पक्षियों में पाई जाने वाली विशेषताओं से मेल खाता है। वैज्ञानिकों ने पाया कि इस पक्षी की पूंछ छोटी है और इसके आखिरी हिस्से में ‘पाइगोसाइल’ नामक हड्डी है। यह हड्डी आज के पक्षियों में भी पाई जाती है, जिससे वैज्ञानिक ये अनुमान लगा रहे हैं कि नए पक्षियों की उत्पत्ति 20 मिलियन यानी 2 करोड़ साल पहले ही हो चुकी थी। इस खोज से यह भी संकेत मिलता है कि पक्षी सोचे गए समय से पहले विकसित होने लगे थे।

 

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इस जीवाश्म की कुछ हड्डियां तो इस समय के पक्षियों से बिलकुल मेल खाते हैं लेकिन कुछ संरचनाएं अब तक मिले डायनासोर जैसे जीवों की तरह दिखती हैं। इसके कंधे और कूल्हे का ढांचा तो पक्षियों जैसा है, लेकिन इसका हाथ डायनासोर जैसा है। यह वैज्ञानिकों के लिए एक नई पहेली बन गया है।

वैज्ञानिकों के पुराने तथ्यों को देता है चुनौती

चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज के वैज्ञानिक वांग मिन ने मीडिया को बताया कि यह जीवाश्म हमारे पक्षियों के विकास से जुड़े पुराने तथ्यों को चुनौती देता है। अब तक यह माना जाता था कि ‘आर्कियोप्टेरिक्स’ (Archaeopteryx) ही जुरासिक के समय का एकमात्र पक्षी था, लेकिन इस नई खोज से पता चलता है कि उस समय और भी कई तरह के पक्षी मौजूद हो सकते थे।

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