स्पेन की मैड्रिड स्थित कॉम्प्लूटेंस यूनिवर्सिटी के खगोल विद्वानों ने दक्षिण अफ्रीका के सुथरलैंड में एक शक्तिशाली टेलीस्कोप की मदद से एक अद्भुत खगोलीय घटना को देखा। इस शोध में उन्हें 37 फीट चौड़ा एक छोटा सा क्षुद्रग्रह दिखाई दिया, जिसे 2024 PT5 नाम दिया गया है। यह क्षुद्रग्रह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में फंसक्र अस्थायी रूप से पृथ्वी का ‘मिनी-मून’ या आसान भाषा में करें तो पृथ्वी का दूसरा चांद बन गया है।
एमआईटी (MIT) के खगोलविद रिचर्ड बिंजेल बताते हैं, “ऐसी घटनाएं अक्सर होती हैं, लेकिन ये बहुत छोटे और मुश्किल से दिखाई देने वाले होते हैं। अब हमारे सर्वेक्षण उपकरण इतने विकसित हो चुके हैं कि हम इन्हें नियमित रूप से देख पा रहे हैं।”
पृथ्वी के चंद्रमा और मिनी मून में अंतर
रिपोर्ट्स के अनुसार, पृथ्वी से वास्तविक चंद्रमा की औसत दूरी लगभग 3,84,400 किलोमीटर (2,38,855 मील) है। वहीं चंद्रमा का क्षेत्रफल 2,159 मील है, जबकि 2024 PT5 सिर्फ 37 फीट चौड़ा है। यह पृथ्वी के वास्तविक चंद्रमा की तुलना में 300,000 गुना छोटा है। लेकिन यह मिनी-मून पृथ्वी के पास मौजूद खगोलीय पिंडों के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। नासा ने यह पुष्टि की है कि यह मिनी मून पृथ्वी के लिए किसी प्रकार से खतरा नहीं है।
क्या है मिनी-मून?
2024 PT5 ‘अर्जुना क्षुद्रग्रह बेल्ट’ से आता है, यह ऐसे पिंडों का समूह है जो पृथ्वी की कक्षा के समान मार्ग पर चलते हैं। ये पिंड सूर्य से लगभग 93 मिलियन मील की दूरी पर हैं और कभी-कभी पृथ्वी के करीब 2।8 मिलियन मील तक आ सकते हैं। 2024 PT5 की गति लगभग 2,200 मील प्रति घंटे है, जो अंतरिक्ष मानकों के अनुसार धीमी है।
लंबे समय तक नहीं रहेगा मिनी-मून
नासा के जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी (JPL) के अनुसार, यह क्षुद्रग्रह पृथ्वी की कक्षा में लंबे समय तक नहीं रहेगा। यह 29 सितंबर 2024 को यूएस टाइम जोन के अनुसार शाम 3:54 बजे (ईडीटी) पृथ्वी की कक्षा में फंसा था और 25 नवंबर 2024 को सुबह 11:43 बजे (ईडीटी) पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकल जाएगा। बता दें कि इसके बाद PT5 को वर्ष 2055 में पृथ्वी के कक्ष में देखा जाएगा।
खगोल विज्ञान में मिनी-मून का महत्व
मिनी-मून जैसे 2024 PT5 खगोलविदों को पास के क्षुद्रग्रहों का अध्ययन करने का शानदार अवसर प्रदान करते हैं। ये अस्थायी खगोलीय प्रयोगशालाएं हैं, जो हमें क्षुद्रग्रहों की संरचना और सौरमंडल की जटिलताओं को समझने में मदद करते हैं। भले ही ये क्षुद्रग्रह लंबे समय तक पृथ्वी की कक्षा में न रहें, लेकिन इनकी fleeting presence खगोल विज्ञान के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
कितने ग्रहों के हैं दो चंद्रमा?
जिस पृथ्वी के दो चंद्रमा होने पर पता लगाया गया था। उसी तरह एक और ऐसा ग्रह जिसके चंद्रमा है। इस ग्रह का नाम है। बता दें कि मंगल ग्रह के दो चांद हैं, जिनका नाम फोबोस और डीमोस हैं। ये दोनों चांद छोटे और अनियमित आकार के हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये मंगल के गुरुत्वाकर्षण में फंसे क्षुद्रग्रह हो सकते हैं। इसी प्रकार बुध और शुक्र के कोई चंद्रमा नहीं हैं। पृथ्वी का केवल एक चंद्रमा है। बाकी ग्रह, जैसे बृहस्पति, शनि, यूरेनस, और नेपच्यून, के दर्जनों चंद्रमा होने का दावा किया जाता है। इसपर वैज्ञानिकों की शोध निरंतर जारी है।