गर्मी का महीना हो या हीटवेव चले, अगर एसी है तो आपके लिए आपका रूम ही शिमला है। कुछ देर लगातार चल जाए तो कंबल की जरूरत पड़ने लगती है। कभी सोचा है कि आखिर बाहर गर्मी फेंककर ये कूलिंग मशीन, कैसे पूरे कमरे को ठंडा कर देती है? अगर नहीं, तो आइए जानते हैं इसका सही जवाब।
एयर कंडिशनर, कमरे को ठंडा रखने के लिए रिफ्रेजरेशन सिस्टम का इस्तेमाल करता है। यह भौतिकी के एक सिद्धांत पर काम करता है, जिसमें जब कोई द्रव्य (Liquid) गैस (Gas) में बदलता है, तब यह गर्मी को अवशोषित (Absorbs) कर लेता है। एयर कंडिशनर, इसी सिद्धांत का इस्तेमाल करता है और कुछ केमिकल्स रिलीज करता है, जिससे वास्पीकरण और संघनन की प्रक्रिया तेज हो जाती है।
कैसे काम करता है एसी?
एसी की ओर से रिलीज किया जाने वाले रेफ्रिजरेंट ही कमरे का तापमान करते हैं। एयर कंडिशनर में फैन लगे होते हैं, जो अंदर की गर्मी को रेफ्रिजरेंट से भरे कॉइल पर ले जाते हैं। ये कॉइल ही हवा को ठंडा करते हैं। जब गर्म हवा कॉइल पर पड़ती है तो हवा, तरल से गैसीय अवस्था में बदल जाती है। ठंडा रखने की ये प्रक्रिया रेफ्रिजरेंट गैस को फिर से तरल में बदलती है। एक कंप्रेसर गैस को हाई प्रेशर में रखता है, जिससे कमरे के बाहर लगे मशीन से खूब गर्म हवाएं निकलती हैं।
इस वजह से ठंडा हो जाता है आपका रूम
जैसे ही गैस ठंडी होती है, फिर से वास्प तरल में बदलने लगती है। यह सब, एसी की दो यूनिट्स की वजह से हो पाता है. एक मशीन अंदर होती है, दूसरी कमरे के बाहर। बाहरी यूनिट में लगा पंखा ही अंदर की गर्म हवा खींचता है और बाहर की हवा को एक कॉपर कॉइल में खींचकर अंदर लाता है। यहीं रेफ्रिजरेंट्स होते हैं, जो सक्रिय होते हैं और बार-बार यह प्रक्रिया चलती है, जिससे रूम ठंडा रहता है। एसी के जरिए पहले गैस को हाई प्रेशर में डाला जाता है, जिससे तेज गर्मी पैदा होती है। कंडेसर कॉइल, रेफ्रिजरेंट को गैस से तरल में बदलता है और गर्मी को बाहर फेंक देता है, इवेपोरेटर कॉइल, तरल को गैस में बदलता है। रेफ्रिजरेंट फिर रूम में जाता है और इवेपोरेटर कॉइल में पहुंचता है, यहीं तरल रिफ्रिजरेंट वाष्पित होता है और इंडोर कॉइल को ठंडा करता है।