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आसमान में कैसे उड़ान भरते हैं हवाई जहाज? समझिए विज्ञान

आसमान में उड़ते हेलीकॉप्टर, हवाई जहाजों को देखकर आपके मन में पहला सवाल क्या आता है? यही न, कि ये उड़ कैसे लेते हैं। अब इनके उड़ने की तरकीब भी जान लीजिए।

Airplane

हवाई जहाज, लिफ्ट, ग्रैविटी, थ्रस्ट और ड्रैग के सिद्धांत पर काम करता है।

आसमान में हवाई जहाज इतनी ऊंचाई पर उड़ान कैसे भर लेता है? एक पेज भी हम हवा में फेंके तो वो सीधे नीचे गिरता है, हल्की सी हल्की चीज अगर हम आसमान की ओर फेंके तो नीचे गिर पड़ता है लेकिन ऐसा क्या कारण है कि इतने भारी-भरकम हवाई जहाज और हेलीकॉप्टर, आसमान में फर्राटा भरते हैं, वह भी सैकड़ों लोगों के साथ। 

कभी सोचा है कि ऐसा होता कैसे है? अगर आपके पास इनका जवाब नहीं है तो आइए समझते हैं कि आखिर इनके उड़ान भरने की प्रक्रिया क्या है? कौन जा जादू इनमें समाया होता है कि इनकी उड़ान थमने का नाम ही नहीं लेती है।

कैसे है हवाई जहाज के उड़ने का विज्ञान?
विज्ञान की भाषा में बात करें तो किसी भी ऑब्जेक्ट का उड़ना इन 4 बातों पर निर्भर करता है, जब लिफ्ट और ग्रैविटी का प्रेशर बराबर हो जाता है, तभी थ्रस्ट और ड्रैग की प्रक्रिया आगे बढ़ती है। थ्रस्ट, उस ऊर्जा को कहते हैं, जो हवाई जहाज को हवा में उड़ने के लिए उठाता है। यह जोर, प्रोपेलर या जेट इंजन के जरिए पैदा होता है। हवाई जहाज का ड्रैग सिस्टम, उसे आगे बढ़ने की तुलना में ऊपर की ओर उठने के लिए प्रेरित करता है। 

हवाई जहाज को पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल नीचे की ओर खींचता है, इसके खिलाफ ही हवाई जहाज के डैनों पर लगे बड़े-बड़े पंखे काम करते हैं, वे तेजी से चक्कर काटते हैं, जिससे जमीन पर एक दबाव पैदा होता रहता है, जो उसे लगातार उड़ने में मदद करता है। हवाई जहाज के उड़ने का मुख्य सिद्धांत यही है लेकिन इससे इतर भी कई प्रक्रिया समानांतर चलती रहती है।

 

इस तरह हवा में स्थिर बना रहता है कि हवाई जहाज
हवाई जहाज लगातार नीचे की ओर हवा फेंकता है, जिससे वह ऊपर की ओर उठता है। हवाई जहाज का उड़ना भी न्यूटन के तीसरे नियम पर आधारित है, 'हर क्रिया की एक प्रतिक्रिया होती है।' हवा, गैस अवस्था में होती है, हवाई जहाज के ऊपरी हिस्से में लगे पंखे और निचले हिस्से में लगे पंखे, दोनों इसी दिशा में काम करते हैं। जितनी ज्यादा लिफ्ट की स्थिति बनेगी, हवाई जहाज तेजी से उड़ेगा। 

हवाई जहाज के अलग डिजाइन की ये है वजह
हवाई जहाजों के डैने इस तरह से डिजाइन किया जाए, जिन्हें नियंत्रित किया जा सकता है, दबाव घटाया या बढ़ाया जा सकता है। अब किसी भी जहाज का पहला काम ये होता है कि गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ इतना जोर पैदा करे कि वह ऊपर की ओर उठ सके। जोर पैदा करने के लिए हवाई जहाज का डिजाइन भी उसी अंदाज में तैयार किया जाता है। हवाई जहाज का अगला भाग को गोल ही इसलिए रखते हैं, जिससे तेजी से हवा को पीछे धकेला जा सके। अब पता चल गया है न कैसे उड़ता है हवाई जहाज उड़ता कैसे है।

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