खगोल विज्ञान में पृथ्वी से ग्रहों का दिखाई देना एक महत्वपूर्ण घटना में गिना जाता है। NASA वैज्ञानिकों के अनुसार हमारे सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति (Jupiter) 7 दिसंबर 2024 को पृथ्वी से दिखाई देक्ग और यह ग्रह पूरी रात आकाश में सबसे चमकदार ग्रह रहेगा। नासा के अनुसार, ऐसा तब होता है जब जुपिटर ‘विपरीत स्थिति’ (Opposition) में आता है। इसका मतलब है कि इस दिन पृथ्वी सूर्य और बृहस्पति के बीच होती है, जिससे बृहस्पति पृथ्वी के सबसे करीब और सूर्य की पूरी रोशनी में दिखाई देता है।
क्या भारत में दिखाई देगा जुपिटर?
बता दें कि विपरीत स्थिति हर 13 महीने में एक बार होती है, लेकिन इस साल बृहस्पति खासतौर पर चमकदार और करीब दिखाई देगा। साल 2023 के बाद पहली बार जुपिटर पृथ्वी के इतने करीब होगा। बता दें कि भारत में 6 और 7 दिसंबर को रात के समय देखा जा सकेगा। रिपोर्ट के अनुसार, इस अद्भुत नजारे को गोवा में देखा जा सकेगा।
आकाश में जुपिटर को कैसे देखें?
- खाली आंखों से: बृहस्पति अपनी चमक के कारण बिना किसी उपकरण के भी साफ दिखाई देगा। यह अन्य तारों से ज्यादा उज्ज्वल और आकर्षक होगा।
- दूरबीन से: अगर आप एक साधारण दूरबीन का उपयोग करते हैं, तो बृहस्पति का रूप और भी शानदार लगेगा। इसके साथ ही आप इसके चार सबसे बड़े चंद्रमा - यूरोपा, गेनीमीड, कैलिस्टो, और आयो को भी देख सकते हैं।
- टेलीस्कोप से: एक छोटा टेलीस्कोप से भी इस अद्भुत दृश्य को देखा जा सकेगा। इससे जुपिटर के वायुमंडल बादलों की धारियां और इसका मशहूर Great Red Spot भी देख सकते हैं, जो इस ग्रह पर सैकड़ों सालों से चल रहा एक बहुत बड़ा तूफान है।
बृहस्पति को खोजें कैसे?
यह ग्रह वृषभ नक्षत्र में रहेगा और इसे पहचानने के लिए ध्यान दें कि इसके पास दो चमकीले तारे होंगे, एक एलनथ जो बृहस्पति के एक तरफ सफेद चमकता हुआ तारा होगा। वहीं दूसरा अलदेबारन तो दूसरी तरफ चमकदार नारंगी रंग का तारा, जिसे ‘बुल्स आई’ भी कहा जाता है। जुपिटर पूर्वोत्तर दिशा में सूर्यास्त के समय उदय होगा और यह आधी रात को आकाश में सबसे ऊंचे स्थान पर होगा। इसी स्थान से यह ग्रह आसान और स्पष्ट दिखाई देगा। इसके बाद यह सुबह पश्चिम दिशा में डूब जाएगा।