अंतरिक्ष में कई ऐसे क्षुद्रग्रह (Asteroid) और उल्कापिंड (meteorite) हैं, जो पृथ्वी के बहुत नजदीक से निकलते हैं। आज यानी 17 दिसंबर के दिन भी कुछ ऐसा ही होने वाला है। NASA के वैज्ञानिकों ने बताया है कि आज पृथ्वी के पास से तीन क्षुद्रग्रह गुजरने वाले हैं। हालांकि, वैज्ञानिकों ने यह पुष्टि की है कि इससे पृथ्वी पर कोई नुकसान नहीं होगा। आइए जानते हैं कि इन क्षुद्रग्रहों का नाम क्या है।
क्षुद्रग्रह 2024 XR6 का पृथ्वी के करीब से गुजरना
क्षुद्रग्रह 2024 XR6, जिसका आकार लगभग 49 फीट है, पृथ्वी के पास से गुजरने वाला है। यह भारतीय समय अनुसार, रात 10:49 पृथ्वी के करीब से गुजरेगा और इसकी गति 10,805 मील प्रति घंटा होगी। हालांकि यह 3,640,000 मील की दूरी से गुजरेगा, जो चंद्रमा की दूरी का लगभग 17 गुना है, वैज्ञानिकों का कहना है कि यह पृथ्वी के लिए किसी भी प्रकार का खतरा पैदा नहीं करेगा।
क्षुद्रग्रह 2024 XC17 की तेज गति
इसके बाद 2024 XC17 नाम का दूसरा क्षुद्रग्रह पृथ्वी के करीब आएगा। इसका आकार 38 फीट है और यह 10,736 मील प्रति घंटे की गति से यात्रा कर रहा है। यह पृथ्वी से लगभग 1,930,000 मील की दूरी पर से गुजरेगा। यह दूरी भी पर्याप्त रूप से सुरक्षित मानी जाती है और इससे भी कोई खतरा नहीं है।
छोटा लेकिन तेज क्षुद्रग्रह 2022 YO1
तीसरा क्षुद्रग्रह, 2022 YO1 है, जिसका आकार में काफी छोटा है। इसका आकार मात्र 11 फीट है, लेकिन यह अत्यंत तेज गति से चल रहा है। 2022 YO1 पृथ्वी के करीब से 470,000 मील की दूरी से गुजरेगा। यह 32,063 मील प्रति घंटे की तेज गति से पृथ्वी के पास से गुजरेगा।
क्षुद्रग्रहों पर नजर रखना क्यों महत्वपूर्ण है?
क्षुद्रग्रह जैसे 2024 XR6 सौरमंडल के सबसे पुराने अवशेषों में से एक है। इन्हें समझने से न केवल अंतरिक्ष का इतिहास स्पष्ट होता है, बल्कि पृथ्वी के विकास और इसके इतिहास के अध्ययन में भी सहायता मिलती है। उदाहरण के लिए, डायनासोर के विलुप्त होने का मुख्य कारण एक बड़े क्षुद्रग्रह का पृथ्वी से टकराना माना जाता है। इसलिए, इन पिंडों की निगरानी करना पृथ्वी की सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
तकनीकी प्रगति से अंतरिक्ष निगरानी
क्षुद्रग्रहों पर नज़र रखने के लिए नासा जैसी एजेंसियां आधुनिक तकनीकों का उपयोग करती हैं। जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) ने रेडार सिस्टम को विकसित किया है जो ऐसे क्षुद्रग्रहों की गतिविधि को ट्रैक को ट्रैक करते हैं। इसके अलावा, मिशन जैसे OSIRIS-REx और Hayabusa2 ने क्षुद्रग्रहों के नमूने पृथ्वी पर लाकर वैज्ञानिकों को कई नई जानकारी प्रदान की है।