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21 दिसंबर को सबसे छोटा होगा दिन, जानिए इसके पीछे का विज्ञान

इस साल सबसे छोटा दिन 21 दिसंबर को रहेगा। आइए जानते हैं कि क्या है इसके पीछे का कारण और किस तरह पृथ्वी पर पड़ता है असर।

Image of Earth and Sun

पृथ्वी और सूर्य। (Pic Credit: Canva)

पृथ्वी सूर्य के चारों ओर एक निर्धारित कक्षा में चक्कर लगाती है, जिससे दिन और रात होते हैं। लेकिन साल में एक समय ऐसा भी आता है, जब दिन सबसे छोटा और रात बड़ी होती है। इसके पीछे का विज्ञान पृथ्वी की धुरी के झुकाव और उसकी सूर्य के चारों ओर की कक्षा से संबंधित है। पृथ्वी अपनी धुरी पर लगभग 23.5 डिग्री झुकी हुई है, जो दिन-रात की लंबाई में परिवर्तन का कारण बनता है।

साल की सबसे लंबी रात

सर्दियों में सबसे लंबी रात जो आमतौर पर 21 या 22 दिसंबर को होती है। यह तब होता है जब पृथ्वी का उत्तरी गोलार्ध सूर्य से सबसे दूर झुका होता है। इस स्थिति में, सूर्य की किरणें Tropic of Capricorn पर सीधी पड़ती है, जिससे उत्तरी गोलार्ध में दिन सबसे छोटा और रात सबसे लंबी होती है। इस समय दक्षिणी भाग में गर्मी का मौसम होता है और वहां दिन सबसे लंबा होता है।

इस साल कब होगा सबसे छोटा दिन और बड़ी रात

खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार, इस साल सबसे छोटा दिन 21 दिसंबर के दिन रहेगा। इसे अयनकाल के नाम भी जाता है जो यूके, यूएसए, कनाडा, रूस, भारत एवं चीन में होता है।

साल की सबसे छोटी रात

बता दें कि गर्मियों के दौरान साल की सबसे छोटी रात आमतौर पर 20 या 21 जून को होती है. इस दौरान पृथ्वी का उत्तरी गोलार्ध सूर्य के सबसे पास झुका होता है। इस समय सूर्य की किरणें कर्क रेखा (Tropic of Cancer) पर सीधी पड़ती हैं। इस कारण पृथ्वी के उत्तरी भाग में दिन सबसे लंबा और रात सबसे छोटी होती है। वहीं, दक्षिणी भाग में सर्दियों का मौसम होता है और वहां रातें लंबी और दिन छोटे होते हैं।

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