सोशल मीडिया का क्रेज अब बड़ों के साथ-साथ बच्चों पर चढ़ता जा रहा है। कुछ बच्चों में सोशल मीडिया के इस्तेमाल का जूनून इस तरह हावी रहता है कि वह घंटों फोन पर अपना समय बिता देते हैं, जिसके कारण कई मां-बाप परेशान रहते हैं। वहीं बच्चों के द्वारा सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर कुछ स्टडी भी हुए हैं, जिसमें यह पाया गया है कि अधिक सोशल मीडिया के इस्तेमाल से बच्चों के मानसिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
इन्हीं कुछ बातों को ध्यान में रखते हुए 29 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया सरकार ने कानून लागू किया, जिसमें 16 साल से कम उम्र के बच्चे अब सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। इसके साथ इस कानून को न मानने वाली कंपनियों पर 50 मिलियन ऑट्रेलियाई डॉलर का फाइन लगाया जाएगा। ऐसा करने वाला ऑस्ट्रेलिया विश्व में सबसे पहला देश बन गया है।
सोशल मीडिया पर बच्चों की ऐज लिमिट क्यों एक चुनौती
बच्चों द्वारा सोशल मीडिया की ऐज लिमिट पर नियंत्रण रखना कई कारणों से सोशल मीडिया कंपनियों के लिए आसान काम नहीं है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। इसमें एक कारण यह है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उम्र जानकारी देने के लिए सिर्फ डेट ऑफ बिरथ दर्ज किया जाता है। बच्चे आसानी से अपनी उम्र बढ़ाकर गलत जानकारी दे सकते हैं, और कंपनियों के पास इसे सत्यापित करने का कोई ठोस तरीका नहीं होता है।
इसके साथ उम्र की पुष्टि के लिए बायोमेट्रिक या पहचान पत्र दिखाना जरूरी होता है। सोशल मीडिया पर इसे सभी के लिए लागू करना संभव नहीं। साथ ही इसका संबंध गोपनीयता और सुरक्षा से जुड़ा होता है। कई बार ऐसा भी देखा जाता है कि माता-पिता खुद अपने बच्चों के नाम पर सोशल मीडिया हैंडल क्रिएट करते हैं और उसका इस्तेमाल करते हैं।
भारत और अन्य देशों में बच्चों द्वारा सोशल मीडिया के उपयोग के नियम
भारत- भारत का डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट, 2023 बच्चों की ऑनलाइन डेटा सुरक्षा के लिए सख्त प्रावधान करता है। इसके तहत 18 साल से कम उम्र के बच्चों के डेटा को प्रोसेस करने के लिए उनके माता-पिता की ‘सहमति’ अनिवार्य है।
अमेरिका- अमेरिका में चिल्ड्रन्स ऑनलाइन प्राइवेसी प्रोटेक्शन एक्ट (COPPA) के तहत 13 साल से कम उम्र के बच्चों का डेटा इकट्ठा करने से पहले माता-पिता की सहमति लेनी पड़ती है। हालांकि, इस कानून की वजह से कई कंपनियों ने 13 साल से कम उम्र के बच्चों को अपने प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंधित कर दिया, जिससे बच्चों के द्वारा उम्र की झूठी जानकारी देने की समस्या बढ़ी है।
यूनाइटेड किंगडम- ब्रिटेन में 2023 में पारित ऑनलाइन सेफ्टी एक्ट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए सख्त नियम लागू करता है, जिनमें उम्र सीमा सुनिश्चित करना भी शामिल है।
यूरोपीय संघ- यूरोपियन यूनियन के अधिकांश देशों में 16 साल से कम उम्र के बच्चों के डेटा प्रोसेसिंग के लिए माता-पिता की सहमति जरूरी है। हालांकि, सदस्य देशों को इसे 13 साल तक कम करने की छूट दी गई है।
फ्रांस- फ्रांस में 15 साल से कम उम्र के बच्चों के सोशल मीडिया अकाउंट बनाने के लिए माता-पिता की सहमति जरूरी है। 2023 में एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें छोटे बच्चों के लिए फोन उपयोग पर भी सख्त प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई।
चीन- चीन में 18 साल से कम उम्र के बच्चों को दिन में अधिकतम दो घंटे मोबाइल उपयोग की अनुमति है। रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक उन्हें इंटरनेट का उपयोग करने से रोकने के लिए नियम बनाए गए हैं।
अन्य देश
जर्मनी: 13-16 साल के बच्चों को सोशल मीडिया इस्तेमाल के लिए माता-पिता की सहमति चाहिए।
इटली: 14 साल तक माता-पिता की सहमति आवश्यक है।
बेल्जियम: 13 साल की उम्र तक सोशल मीडिया के लिए माता-पिता की अनुमति चाहिए।
नॉर्वे: सरकार 15 साल की न्यूनतम उम्र सीमा लागू करने पर विचार कर रही है।