जैसे इंसान कहता है, 'जल ही जीवन है', वैसे ही अगर गाड़ियों की के लिए ईंधन ही जीवन होता है। अगर ईंधन न हो, तो वे एक कदम नहीं चल पाएं। पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों को गैसोलिन गाड़ियां भी कहते हैं। अगर हमें ये जानना हो कि एक 4 स्ट्रोक गाड़ी कैसे फंक्शन करती है तो आइए हम इसका विज्ञान पहले समझते हैं।
4 स्ट्रोक गाड़ियों की बात इसलिए क्योंकि इन दिनों, हल्के ट्रक, मोटरसाइकिल, पिकअप ज्यादा इसी सिस्टम पर काम करते हैं। ये गाड़ियां कम ईंधन में ज्यादा दूरी तय करती हैं, तेजी से दौड़ती हैं, कम मेंटिनेंस वाली होती हैं, जिनकी वजह से लोग इन्हें जमकर खरीदते हैं।
कैसे काम करती हैं ये गाड़ियां?
किसी 4 स्ट्रोक इंजन में, पिस्टन, एक घूमने वाले रॉड के साथ क्रैंकशॉफ्ट से जुड़ा होता है। पिस्टन के चारों स्ट्रोक, सिलेंडर को ऊपर-नीचे मूव करने देते हैं। इसके जरिए ऊर्जा पैदा होती है, इसे ही फोर स्ट्रोक साइकिल भी कहते हैं। इसकी 4 प्रक्रिया होती है।
समझिए कैसे फर्राटे से चल पड़ती है कार
जब हवा और ईंधन, इंजन के कम्बशन चैम्बर (दहन कक्ष) में पहुंचता है, तब पहला स्ट्रोक सक्रिय होता है। जैसे ही इनटेक वाल्व पहले स्ट्रोक के बाद बंद होता है, कम्बशन चैंबर सील हो जाता है। क्रैंकशॉफ्ट अपना पहला चक्कर लगाता है, ईंधन और हवा को कंप्रेस करता है। एक स्पार्क प्लग हवा और ईंधन को जला देता है, कम्बशन चैंबर से गैस निकलने लगती है, फिर पिस्टन चैंबर में वापस आने लगता है।
जैसे ही यह प्रक्रिया आगे बढ़ती है, एग्जॉस्ट वाल्व खुल जाता है, पिस्टन फिर वापस आता है, फिर एग्जास्ट गैस को सिलेंडर से बाहर निकालता है, पिस्टन पर फिर ईंधन आ जाता है। इन 4 स्ट्रोक इंजन के जरिए ही पिस्टन बार-बार कम्बशन साइकिल पूरी होती है. वाल्व, पिस्टन, क्रैंकशॉफ्ट, सिलेंडर, पिस्टन रिंग्स और तेल के जरिए ये गाड़ियां फर्राटा भरती हैं।