ऑनलाइन दुनिया जितना हमारा काम आसान कर दिया है, उसी तरह कई परेशानियां भी बढ़ाई हैं। इनमें से एक ऑनलाइन फ्रॉड या स्कैम भी शामिल है। इस पर भारत सरकार ने भी कड़ी निगरानी रखी हुई है और इनसे बचने के लिए कई उपाय भी बताए हैं। बता दें गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट में 'पिग बुचरिंग स्कैम' को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी गई थी। यह ऑनलाइन निवेश धोखाधड़ी का एक रूप है, जिसमें साइबर अपराधी निवेशकों को फर्जी ऑनलाइन ट्रेड में पैसा लगाने के लिए उकसाते हैं।
पिग बुचरिंग स्कैम क्या है?
यह एक ऑनलाइन पोंजी स्कीम है, जिसकी शुरुआत सबसे पहले 2016 में चीन में हुई थी। इस स्कैम में साइबर अपराधी नकली ऑनलाइन पहचान बनाकर निवेशकों को निवेश के लिए नए-नए स्कीम के लिए लुभाते हैं, जो जल्दी पैसा कमाने की चाहत रखते हैं। 'पिग बुचरिंग' का मतलब है निवेशक के विश्वास को जीतना और उन्हें बड़ी राशि निवेश करने के लिए प्रेरित करना।
यह स्कैम कैसे काम करता है?
इसमें स्कैमर्स सोशल मीडिया, मैसेजिंग ऐप्स, डेटिंग साइट्स या ईमेल के जरिए लोगों तक पहुंचते हैं। वे खुद को दोस्त, संभावित पार्टनर या वित्तीय सलाहकार के रूप में पेश करते हैं। इसके बाद स्कैमर लंबे समय तक बातचीत करके और निजी संबंध बनाकर निवेशक का विश्वास जीतते हैं।
एक बार विश्वास बढ़ने के बाद, निवेशक को क्रिप्टोकरेंसी या शेयर्स में पैसा लगाने के लिए प्रेरित किया जाता है। गौर करने वाली बात यह है कि शुरुआत में छोटे लाभ दिखाए जाते हैं, जिससे निवेशक को विश्वास दिलाया जाता है। लेकिन जब पीड़ित अपनी रकम निकालने की कोशिश करता है, तो उसे ब्लॉक कर दिया जाता है या अतिरिक्त फीस मांगी जाती है। आखिर में, स्कैमर गायब हो जाते हैं।
भारत में ऐसे मामलों की संख्या
मार्च 2024 तक, नेशनल साइबरक्राइम थ्रेट एनालिटिकल यूनिट ने 37,500 से अधिक शिकायतों की जांच की, जिनमें से 42% शिकायतें व्हाट्सएप से जुड़ी थीं। इसमें व्हाट्सएप से संबंधित 14,746 शिकायतें, टेलीग्राम से 7,651 शिकायतें, इंस्टाग्राम से 7,152 शिकायतें, फेसबुक से 7,051 शिकायतें और सबसे कम यूट्यूब से संबंधित 1,135 शिकायतें दर्ज की गई थीं।
गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
गृह मंत्रालय ने बताया कि यह स्कैम सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर फैला हुआ है। यह बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग और साइबर अरेस्ट जैसे गंभीर मुद्दों को जन्म देता है। सरकार इस समस्या से निपटने के लिए गूगल और अन्य प्लेटफॉर्म के साथ मिलकर काम कर रही है। गूगल के विज्ञापन प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया का उपयोग करके अपराधी भारत में फर्जी लोन ऐप्स और निवेश योजनाएं चला रहे हैं।
पिग बुचरिंग स्कैम से कैसे बचें?
पिग बुचरिंग स्कैम से बचने के लिए किसी भी तरह के अनजान या अनचाहे लिंक पर क्लिक न करें। खासतौर पर सोशल मीडिया, ईमेल, या मैसेजिंग ऐप्स के जरिए भेजे गए लिंक से सावधान रहें। इसके साथ अपनी वित्तीय या निजी जानकारी किसी को भी न दें और बैंक खाते, पासवर्ड, या ओटीपी जैसी जानकारी गोपनीय रखें।
ईमेल और मैसेजिंग के जरिए बड़े मुनाफे का दावा किया जाता है। इन पर आंख बंद करके भरोसा न करें। ऐसी योजनाएं अक्सर धोखाधड़ी होती हैं। सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से बातचीत करते समय बहुत सावधान रहें और किसी भी वित्तीय लेनदेन की सलाह पर तुरंत प्रतिक्रिया न दें।
इसके साथ निवेश करने से पहले किसी भी प्लेटफॉर्म या ऐप की वैधता जांचें। सिर्फ मान्यता प्राप्त या विश्वसनीय संस्थाओं के साथ लेनदेन करें। अगर आपको किसी लिंक, मैसेज या कॉल पर शक हो, तो तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराएं।