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फेक कॉल, CBI-पुलिस की धमकी और डिजिटल अरेस्ट से कैसे बचें? एक्सपर्ट से समझिए

डिजिटल अरेस्ट में कई लोग अपनी जीवनभर की पूंजी खो देते हैं। अगर आप डिजिटल अरेस्ट से बचना चाहते हैं तो आपको इसके पीछे के 'चक्रव्यूह' को समझना होगा।

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सांकेतिक तस्वीर, Photo Credit: Freepik

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बीते कुछ समय से डिजिटल अरेस्ट बहुत ज्यादा चर्चा में है। अब तक कई लोग अलग-अलग डिजिटल अरेस्ट स्कैम में करोड़ों रुपये खो चुके हैं। कई लोग तो अपने जीवनभर की इस तरह के डिजिटल अरेस्ट स्कैम का शिकार होकर खो चुके हैं। डिजिटल अरेस्ट स्कैम ना सिर्फ आर्थिक नुकसान करता है बल्कि मानसिक रूप से भी लोगों को प्रताड़ित करता है। डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए अलग-अलग सलाह दी जाती है। पुलिस से लेकर ED तक डिजिटल अरेस्ट को लेकर जागरुकता अभियान चला रही है। ऐसे में अगर आप भी डिजिटल अरेस्ट से बचना चाहते हैं तो आपको यह समझना होगा कि इस स्कैम का शिकार किस तरह से बनाया जाता है।

 

संसद टीवी के एक प्रोग्राम में साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट अमित दुबे ने डिजिटल अरेस्ट के पूरे चक्रव्यूह को समझाया है। उन्होंने बताया कि डिजिटल अरेस्ट नाम ही गलत है और इस तरह के शब्द गैर कानूनी हैं। अगर कोई आपको डिजिटल अरेस्ट बोल रहा है तो यह गैर-कानूनी है। उन्होंने कहा, 'अगर कोई आपको पुलिस, पासपोर्ट ऑफिस या किसी अन्य ऑफिस से फोन करता है और आप अपनी एफडी तक भी तुड़वाकर उसके नाम कर देते हैं तो यह बहुत बड़ी समस्या है। यह एक बहुत बड़ा ट्रैप है'

 

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कैसे रचा जाता है खेल?

अमित दुबे ने कहा कि यह पूरा खेल एर फोन से शुरू होता है और सीधे वीडियो कॉल नहीं आता। इस तरह के स्कैम का बड़े वकील, बैंकर्स तक शिकार हो जाते हैं। अमित दुबे ने कहा, 'आम आदमी को पता नहीं होता कि सुप्रीम कोर्ट, पुलित, ईडी कैसे काम करते हैं। आपको एक फोन आता है कि सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी का ऑर्डर दिया है और हम इस बात पर यकीन कर लेता है। सुप्रीम कोर्ट ऐसे कोई गिरफ्तारी का आदेश नहीं देता। हर केस सुप्रीम कोर्ट में नहीं जाता। लोगों को सिर्फ शब्द पता हैं और इन्हीं शब्दों का जाल बिछाकर आपको शिकार बनाया जाता है'

फोन पर कैसे लेते हैं जानकारी

अमित दुबे ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट स्कैम में अपराधियों के पास हमारी कोई जानकारी नहीं होती। अपराधी हमें फोन करके ही सारी जानकारी निकलवाते हैं। उन्होंने कहा, 'आमतौर पर अपराधी आपको फोन करेगा कि आपका पार्सल आया है। अगर आपने पार्सल नहीं भी ऑर्डर किया है फिर भी आप उससे बात कर लेते हैं क्योंकि हर रोज पार्सल आते रहते हैं। फोन पर आपको बताया जाएगा कि आपका पार्सल रिटर्न हो गया है और अगर आप इस बारे में ज्यादा जानकारी चाहते हैं तो 9 नंबर प्रेस करें। जैसे ही आप वह नंबर दबाते हो आप उसके जाल में फंस जाते हो।'

 

उन्होंने बताया कि अपराधियों के पास आपकी जानकारी नहीं होती। जब आप उनके बताए नंबर पर प्रेस करते हैं तो आप एक दूसरे फोन से जुड़ जाते हैं। सामने वाला व्यक्ति आपसे आपका नाम, एड्रेस और अन्य डिटेल्स पता कर लेगा और आप यह समझेंगे की आप पार्सल के लिए यह डिटेल्स दे रहे हैं। उन्होंने कहा, 'जब वह आपकी डिटेल्स निकलवा लेंगे तब वह कहेंगे कि इस पार्सल पर शिकायत हो गई है। इसमें अवैध पासपोर्ट हैं, ड्रग्स है।'

समझिए पूरा चक्रव्यूह

अमित दुबे ने बताया कि इसके बाद वह आपको फंसाने के लिए वह आपको बताएंगे कि अगर आपका पार्सल नहीं है तो आप परेशान ना हों और यहां से आप उन पर ज्यादा विश्वास करना शुरू कर देते हैं। उन्होंने कहा, 'जब आप परेशान होने लगते हैं तब वह आपसे कहते हैं कि आप चिंता ना करें हम पुलिस से आपका संपर्क करवा देते हैं और आप उनके सामने अपनी बात रख देना। इस पूरे चक्रव्यूह में 10-15 लोग शामिल होते हैं औप लोग समझ नहीं पाते। जैसे ही वह व्यक्ति आपको पुलिस से बात करने के लिए मना लेता है तो दूसरा व्यक्ति पुलिस अधिकारी बनकर आपसे बातचीत करता है। इसके बाद वह आपको डिजिटल अरेस्ट करते हैं औप पैसा लेते हैं'

 

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कैसे बचें ?

अमित दुबे ने बताया कि अगर आपको इनके इस चक्रव्यूह रचना के बारे में पता चल गया तो आप इनसे बच सकते हैं। आपको पहले तो अपनी कोई भी जानकारी शेयर नहीं करनी है। सबसे पहले इस बात की जांच करनी है कि आपका पार्सल किस एड्रेस से आया है और आपको सच में कोई पार्सल मिलने वाला था या नहीं। अगर आपको किसी पर शक होता है तो आप तुरंत पुलिस को इस बात की सूचना दें।

ऐसे करें शिकायत

अगर आप डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो गए तो बिना डर के तुरंत शिकायत करें। शिकायत दर्ज करने के लिए आपके पास कई विकल्प मौजूद हैं। 

 

  • सबसे पहले नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें।
  • साइबर क्राइम से जुड़े सबूत अपने पास रखें।
  • अगर आपके साथ ठगी हुई है तो तुरंत इसकी शिकायत दर्ज करवाएं।
  • अगर साइबर हेल्पलाइन 1930 से आपको जवाब नहीं मिलता तो साइबर क्राइम वेबसाइट पर जाकर रिपोर्ट करें।
  • मोबाइल में अनजाने लिंक पर क्लिक करने से बचें।
  • अगर कोई डिजिटल अरेस्ट करने की बात कहता है तो तुरंत पुलिस को शिकायत करें।
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